25 “तुम्हें विदेशियों से बलि के लिए ऐसे जनावरों को नहीं लेना चाहिए। क्यों? क्योंकि ये जानवर किसी प्रकार चोट खाए हुए हैं। उनमें कुछ दोष है। ये स्वीकार नहीं किए जाएंगे।”
25 फिर इन में से किसी को तुम अपने परमेश्वर का भोजन जानकर किसी परदेशी से ले कर न चढ़ाओ; क्योंकि उन में उनका बिगाड़ वर्तमान है, उन में दोष है, इसलिये वे तुम्हारे निमित्त ग्रहण न होंगे॥
25 इनमें से किसी को तुम अपने परमेश्वर का भोजन जानकर किसी परदेशी से लेकर न चढ़ाओ; क्योंकि उनमें उनका बिगाड़ वर्तमान है, उनमें दोष है, इसलिये वे तुम्हारे निमित्त ग्रहण न होंगे।”
25 न ही तुम ऐसे पशुओं को किसी परदेशी के हाथ से लेकर अपने परमेश्वर के भोजन के लिए चढ़ाना, क्योंकि उनमें विकृति और दोष है, इसलिए वे तुम्हारे लिए ग्रहणयोग्य न होंगे।”
25 और न ही किसी विदेशी से इसे परमेश्वर के भोजन के रूप में चढ़ाने के लिए ग्रहण करना; क्योंकि उनमें तो उनका बिगड़ा आकार है ही. उनमें दोष है वे तुम्हारे पक्ष में ग्रहण नहीं होंगे.’ ”
तुमने अन्य जाति के लोगों को, जो मन और शरीर दोनों से बेख़तना थे, मेरे भवन में प्रवेश करने दिया था, जिससे वे मेरे पवित्र स्थान में उपस्थित हुए। इस प्रकार, जब तुम मुझे मेरा भोजन, बलि-पशु की चर्बी और रक्त चढ़ाते थे, तब तुम मेरे भवन को अशुद्ध कर देते थे। इन घृणित कार्यों को करके तुमने मेरे विधान का उल्लंघन किया है।
वे अपने परमेश्वर के हेतु पवित्र बनेंगे, और अपने परमेश्वर के नाम को अपवित्र नहीं करेंगे। वे परमेश्वर का आहार अर्थात् बलि, प्रभु के लिए अग्नि में अर्पित करते हैं। अतएव वे पवित्र रहेंगे।
तुम उसे पवित्र मानना; क्योंकि वह तुम्हारे परमेश्वर का आहार चढ़ाता है। वह तुम्हारे लिए पवित्र होगा; क्योंकि मैं प्रभु, जो तुम्हें पवित्र करता हूँ, पवित्र हूँ।
ताकि वे इस्राएली समाज के लिए स्मारक-चिह्न बनें, जिससे कोई अपुरोहित व्यक्ति, जो हारून के वंश का नहीं है, धूप चढ़ाने के अभिप्राय से प्रभु के सम्मुख नहीं आए, और कोरह तथा उसके दल के सदृश नष्ट न हो, जैसा प्रभु ने मूसा के द्वारा एलआजर से कहा था।
आप स्मरण रखें कि पहले आप मसीह से अलग थे, इस्राएल के समुदाय के बाहर थे। आप परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार ठहराए गए विधानों से अपरिचित थे, इस संसार में आशा से वंचित और परमेश्वर से रहित थे।
हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्ट शैतान उसे स्पर्श तक नहीं करने पाता।