अभी तक हारून के दो पुत्र एलीआज़ार और ईतामार जीवित थे। मूसा ने हारून और उसके दोनों पुत्रों से बात की। मूसा ने कहा, “कुछ अन्नबलि उन बलियों में से बची हैं जो आग में जलाई गई थीं। तुम लोग अन्नबलि का वह भाग खाओगे। किन्तु तुम लोगों को इसे बिना ख़मीर मिलाए खाना चाहिए। इसे वेदी के पास खाओ। क्यों क्योंकि वह भेंट बहुत पवित्र है।
“तुम लोगों को यह बकरा पवित्र स्थान पर खाना था। यह बहुत पवित्र है! तुम लोगों ने इसे यहोवा के सामने क्यों नहीं खाया? यहोवा ने उसे तुम लोगों के अपराधों को दूर करने के लिए दिया। वह बकरा लोगों के पापों के भुगतान के लिए था।
किन्तु वह सबसे अधिक पवित्र स्थान में पर्दे से होकर नहीं जा सकता और न ही वह वेदी के पास जा सकता है। क्यों? क्योंकि उस में कुछ दोष है। उसे मेरे पवित्र स्थान को अपवित्र नहीं बनाना चाहिए। मैं यहोवा उन स्थानों को पवित्र बनाता हूँ।”
“तुम्हें विदेशियों से बलि के लिए ऐसे जनावरों को नहीं लेना चाहिए। क्यों? क्योंकि ये जानवर किसी प्रकार चोट खाए हुए हैं। उनमें कुछ दोष है। ये स्वीकार नहीं किए जाएंगे।”
“एक विशेष प्रकार की भेंट है जिसे लोग योहवा को चढ़ाते हैं। वह भेंट पूरी तरह यहोवा की है। वह भेंट न तो वापस खरीदी जा सकती है न ही बेची जा सकती है। वह भेंट यहोवा की है। उस प्रकार की भेटें ऐसे लोग, जानवर और खेत हैं, जो परिवार की सम्पत्ति है।
याजक को सन के उत्तम रेशों के बने वस्त्र पहनने चाहिए। उसे अपने शरीर से चिपका सन का अर्न्तवस्त्र पहनना चाहिए। तब याजक को वेदी पर होमबलि पर जलने के बाद बची हुई राख को उठाना चाहिए। याजक को वेदी की एक ओर राख को रखना चाहिए।
कोई भी चीज, जिसे लोग पवित्र भेंट के रूप में मुझे चढ़ाते हैं, मैं यहोवा उसे तुमको देता हूँ। यह तुम्हारा हिस्सा हैं। मै इसे तुमको और तुम्हारे पुत्रों और तुम्हारी पुत्रियों को देता हूँ। यह यहोवा के साथ की गयी वाचा है जो सदा बनी रहेगी। मैं यह वचन तुमको और तुम्हारे वंशजों को देता हूँ।”
क्या तुम नहीं जानते कि जो लोग मन्दिर में काम करते हैं, वे अपना भोजन मन्दिर से ही पाते हैं। और जो नियमित रूप से वेदी की सेवा करते हैं, वेदी के चढ़ावे में उनका हिस्सा होता है?