लैव्यव्यवस्था 17:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रत्येक प्राणी का प्राण उसका रक्त है, इसलिए मैंने इस्राएली समाज से कहा है : तुम किसी प्राणी का रक्तपान मत करना; क्योंकि प्रत्येक प्राणी का प्राण उसका रक्त है। रक्तपान करने वाला व्यक्ति समाज में से नष्ट किया जाएगा। पवित्र बाइबल तुम्हें यह क्यों करना चाहिए? क्योंकि यदि खून तब भी माँस में है तो उस जानवर का प्राण भी माँस में है। इसलिए मैं इस्राएल के लोगों को आदेश देता हूँ उस माँस को मत खाओ जिसमे खून हो! कोई भी व्यक्ति जो खून खाता है अपने लोगों से अलग कर दिया जाए। Hindi Holy Bible क्योंकि शरीर का प्राण जो है वह उसका लोहू ही है जो उसके प्राण के साथ एक है; इसी लिये मैं इस्त्राएलियों से कहता हूं, कि किसी प्रकार के प्राणी के लोहू को तुम न खाना, क्योंकि सब प्राणियों का प्राण उनका लोहू ही है; जो कोई उसको खाए वह नाश किया जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि शरीर का प्राण जो है वह उसका लहू ही है जो उसके प्राण के साथ एक है; इसी लिये मैं इस्राएलियों से कहता हूँ कि किसी प्रकार के प्राणी के लहू को तुम न खाना, क्योंकि सब प्राणियों का प्राण उनका लहू ही है; जो कोई उसको खाए वह नष्ट किया जाएगा। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि हर प्राणी का प्राण उसका लहू है और वही उसका जीवन है। इसीलिए मैंने इस्राएलियों से कहा है कि तुम किसी प्राणी का लहू न खाना, क्योंकि हर प्राणी का प्राण उसके लहू में है। जो कोई उसे खाए वह नष्ट किया जाएगा। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि सभी प्राणियों की देह का जीवन लहू में रहता है. इसलिए मैंने इस्राएल वंशजों को यह आदेश दिया है, ‘यह ज़रूरी है कि तुम किसी भी देह के लहू को न खाया करो, क्योंकि देह का जीवन लहू में ही रहता है; उसे, जो इसको खाएगा, वह बाहर कर दिया जाएगा.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि शरीर का प्राण जो है वह उसका लहू ही है जो उसके प्राण के साथ एक है; इसलिए मैं इस्राएलियों से कहता हूँ कि किसी प्रकार के प्राणी के लहू को तुम न खाना, क्योंकि सब प्राणियों का प्राण उनका लहू ही है; जो कोई उसको खाए वह नष्ट किया जाएगा। (प्रेरि. 15:20-29) |
जो कोई इसके सदृश सम्मिश्रण तैयार करेगा, अथवा किसी अपुरोहित को उसमें से देगा तो वह अपने समाज में से नष्ट किया जाएगा।” ’
यह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक, तुम्हारे समस्त निवास-स्थानों में चिरस्थायी संविधि होगी कि तुम चर्बी और रक्त नहीं खाओगे।’
बल्कि पत्र लिख कर उन्हें बताया जाये कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, व्यभिचार से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और रक्त के खान-पान से परहेज करें;
केवल दृढ़ निश्चय करना कि तू उसको रक्त के साथ नहीं खाएगा; क्योंकि रक्त ही प्राण है। अत: तू मांस के साथ प्राण नहीं खाएगा।