‘जब कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी को गधा, बैल अथवा भेड़ तथा अन्य पशु रखने के लिए देता है और वह पशु बिना किसी की दृष्टि में पड़े मर जाए, घायल हो जाए अथवा हांक लिया जाए,
लूका 6:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कुछ फरीसियों ने कहा, “जो काम विश्राम के दिन मना है, तुम क्यों वही कर रहे हो?” पवित्र बाइबल तभी कुछ फरीसियों ने कहा, “जिसका सब्त के दिन किया जाना उचित नहीं है, उसे तुम लोग क्यों कर रहे हो?” Hindi Holy Bible तब फरीसियों में से कई एक कहने लगे, तुम वह काम क्यों करते हो जो सब्त के दिन करना उचित नहीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब फरीसियों में से कुछ कहने लगे, “तुम वह काम क्यों करते हो जो सब्त के दिन करना उचित नहीं?” नवीन हिंदी बाइबल तब कुछ फरीसियों ने कहा, “जो कार्य सब्त के दिन करना उचित नहीं, उसे क्यों करते हो?” सरल हिन्दी बाइबल यह देख कुछ फ़रीसियों ने कहा, “आप शब्बाथ पर यह काम क्यों कर रहे हैं, जो नियम विरुद्ध?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब फरीसियों में से कुछ कहने लगे, “तुम वह काम क्यों करते हो जो सब्त के दिन करना उचित नहीं?” |
‘जब कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी को गधा, बैल अथवा भेड़ तथा अन्य पशु रखने के लिए देता है और वह पशु बिना किसी की दृष्टि में पड़े मर जाए, घायल हो जाए अथवा हांक लिया जाए,
छ: दिन तक काम किया जाएगा, पर सातवां दिन परम विश्राम-दिवस है, प्रभु के लिए पवित्र दिवस है। जो व्यक्ति विश्राम-दिवस पर कार्य करेगा, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
छ: दिन तक काम किया जाएगा। किन्तु तुम सातवें दिन प्रभु के हेतु परम विश्राम दिवस मनाना। जो व्यक्ति उस दिन काम करेगा, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
यदि तू विश्राम-दिवस को अपवित्र नहीं करेगा, मेरे पवित्र दिवस पर अपना दैनिक काम-धन्धा नहीं करेगा, और विश्राम-दिवस को आनन्द-पर्व मानेगा, उसको प्रभु का पवित्र और सम्मानीय दिन समझेगा; यदि तू अपने मार्ग पर अपने मन के अनुरूप आचरण नहीं करेगा, अपना काम-काज नहीं करेगा, और न व्यर्थ बातों में उसको गुजारेगा और यों उसका सम्मान करेगा;
यह देख कर फरीसियों ने येशु से कहा, “देखिए, जो काम विश्राम के दिन करना मना है, आपके शिष्य वही कर रहे हैं।”
और यह बोले, “आपके शिष्य धर्मवृद्धों की परम्परा क्यों तोड़ते हैं? वे बिना हाथ धोये भोजन करते हैं।”
फरीसियों ने येशु से कहा, “देखिए, जो काम विश्राम के दिन मना है, ये क्यों वही कर रहे हैं?”
उन्होंने येशु से कहा, “योहन के शिष्य बारम्बार उपवास करते हैं और प्रार्थना में लगे रहते हैं और फरीसियों के शिष्य भी ऐसा ही करते हैं, किन्तु आपके शिष्य खाते-पीते रहते हैं।”