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लूका 5:33 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

33 उन्‍होंने येशु से कहा, “योहन के शिष्‍य बारम्‍बार उपवास करते हैं और प्रार्थना में लगे रहते हैं और फरीसियों के शिष्‍य भी ऐसा ही करते हैं, किन्‍तु आपके शिष्‍य खाते-पीते रहते हैं।”

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पवित्र बाइबल

33 उन्होंने यीशु से कहा, “यूहन्ना के शिष्य प्राय: उपवास रखते हैं और प्रार्थना करते हैं। और ऐसा ही फरीसियों के अनुयायी भी करते हैं किन्तु तेरे अनुयायी तो हर समय खाते पीते रहते हैं।”

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Hindi Holy Bible

33 और उन्होंने उस से कहा, यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते पीते हैं!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

33 उन्होंने उससे कहा, “यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के चेले भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते–पीते हैं।”

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नवीन हिंदी बाइबल

33 उन्होंने उससे कहा, “यूहन्‍ना के शिष्य तो प्रायः उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, इसी प्रकार फरीसियों के शिष्य भी, परंतु तेरे शिष्य तो खाते-पीते हैं।”

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सरल हिन्दी बाइबल

33 फ़रीसियों और शास्त्रियों ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा, “योहन के शिष्य अक्सर उपवास और प्रार्थना करते हैं. फ़रीसियों के शिष्य भी यही करते हैं किंतु आपके शिष्य तो खाते-पीते रहते हैं.”

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लूका 5:33
20 क्रॉस रेफरेंस  

जो मनुष्‍य व्‍यवस्‍था-पाठ को नहीं सुनता, उसकी प्रार्थना भी परमेश्‍वर नहीं सुनता।


जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्‍हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्‍यों न करो, मैं उन्‍हें नहीं सुनूंगा; क्‍योंकि तुम्‍हारे हाथ खून से सने हैं।


जब तुम खाते और पीते हो, तो क्‍या यह तुम अपने लिए ही नहीं करते?


“ढोंगी शास्‍त्रियो और फरीसियो! धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम मनुष्‍यों के लिए स्‍वर्ग-राज्‍य का द्वार बन्‍द कर देते हो; न तो तुम स्‍वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।


किन्‍तु वे विधवाओं की सम्‍पत्ति चट कर जाते और दिखावे के लिए लम्‍बी-लम्‍बी प्रार्थनाएँ करते हैं। उन को बड़ा कठोर दण्‍ड मिलेगा।”


एक समय येशु किसी स्‍थान पर प्रार्थना कर रहे थे। प्रार्थना समाप्‍त होने पर उनके एक शिष्‍य ने उनसे कहा, “प्रभु! हमें प्रार्थना करना सिखाइए, जैसे योहन ने अपने शिष्‍यों को सिखाया है।”


मैं सप्‍ताह में दो बार उपवास करता हूँ और अपनी सारी आय का दशमांश दान करता हूँ।’


और फिर विधवा हो गयी थी। अब वह चौरासी वर्ष की थी। वह मन्‍दिर से बाहर नहीं जाती थी और उपवास तथा प्रार्थना करते हुए दिन-रात परमेश्‍वर की सेवा में लगी रहती थी।


वे विधवाओं की सम्‍पत्ति चट कर जाते और दिखावे के लिए लम्‍बी-लम्‍बी प्रार्थनाएँ करते हैं। उनको बड़ा कठोर दण्‍ड मिलेगा।”


मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को पश्‍चात्ताप के लिए बुलाने आया हूँ।”


येशु ने उनसे कहा, “जब तक दूल्‍हा उनके साथ है, क्‍या तुम बारातियों से उपवास करा सकते हो?


दूसरे दिन योहन फिर अपने दो शिष्‍यों के साथ खड़े थे।


योहन के शिष्‍यों का किसी यहूदी धर्मगुरु के साथ शुद्धीकरण के विषय में वाद-विवाद छिड़ गया।


प्रभु ने उससे कहा, “तुरन्‍त ‘सीधी’ नामक गली जाओ और यहूदा के घर में तरसुस-निवासी शाऊल का पता लगाओ। वह इस समय प्रार्थना कर रहा है।


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