तुम और तुम्हारा परिवार उसको सब स्थानों में खा सकते हैं; क्योंकि यह मिलन-शिविर में किए गए तुम्हारे सेवा-कार्यों का पुरस्कार है।
लूका 10:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी घर में ठहरे रहना और उनके पास जो हो, वही खाना-पीना; क्योंकि मजदूर को अपनी मजदूरी मिलनी चाहिए। घर पर घर मत बदलना। पवित्र बाइबल जो कुछ वे लोग तुम्हें दें, उसे खाते पीते उसी घर में ठहरो। क्योंकि मज़दूरी पर मज़दूर का हक है। घर-घर मत फिरते रहो। Hindi Holy Bible उसी घर में रहो, और जो कुछ उन से मिले, वही खाओ पीओ, क्योंकि मजदूर को अपनी मजदूरी मिलनी चाहिए: घर घर न फिरना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसी घर में रहो, और जो कुछ उनसे मिले, वही खाओ–पीओ, क्योंकि मजदूर को अपनी मजदूरी मिलनी चाहिए; घर–घर न फिरना। नवीन हिंदी बाइबल तुम उसी घर में रहो, और जो उनसे मिले वही खाओ और पीओ, क्योंकि मज़दूर को अपनी मज़दूरी मिलनी चाहिए। घर-घर मत फिरना। सरल हिन्दी बाइबल उसी घर के मेहमान बने रहना. भोजन और पीने के लिए जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे स्वीकार करना क्योंकि सेवक अपने वेतन का अधिकारी है. एक घर से निकलकर दूसरे घर में मेहमान न बनना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी घर में रहो, और जो कुछ उनसे मिले, वही खाओ-पीओ, क्योंकि मजदूर को अपनी मजदूरी मिलनी चाहिए; घर-घर न फिरना। |
तुम और तुम्हारा परिवार उसको सब स्थानों में खा सकते हैं; क्योंकि यह मिलन-शिविर में किए गए तुम्हारे सेवा-कार्यों का पुरस्कार है।
उन्होंने उन से कहा, “जहाँ कहीं तुम किसी घर में प्रवेश करो, तो उस स्थान से विदा होने तक वहीं रहो।
यदि वहाँ कोई शान्ति के योग्य होगा, तो उस पर तुम्हारी शान्ति ठहरेगी, नहीं तो वह तुम्हारे पास लौट आएगी।
जब उसने तथा उसके परिवार ने बपतिस्मा ग्रहण कर लिया तब लुदिया ने हमसे यह अनुरोध किया, “यदि आप लोग मानते हैं कि मैं सचमुच प्रभु में विश्वास करती हूँ तो आइए, मेरे यहाँ ठहरिए।” और उसने हमें बाध्य कर दिया।
तब उसने पौलुस और सीलास को अपने यहाँ ले जा कर भोजन कराया और अपने सारे परिवार के साथ आनन्द मनाया; क्योंकि उसने परमेश्वर पर विश्वास किया था।
पौलुस और सीलास बन्दीगृह से निकल कर लुदिया के घर गये। वे भाई-बहिनों से मिले और उन्हें प्रोत्साहित कर वहाँ से चले गये।
जो व्यक्ति धर्म-वचन की शिक्षा पा रहा है, वह अपनी सब उत्तम वस्तुओं में अपने शिक्षक को संभागी करे।
तुम अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं तथा तुम्हारे नगर के भीतर रहनेवाले लेवी जन के साथ आनन्द मनाना, क्योंकि तुम्हारे साथ लेवी का कोई अंश अथवा पैतृक सम्पत्ति नहीं।
अपने पूर्वजों की पैतृक-सम्पत्ति बेचकर जो आमदनी उसकी होगी, उसके अतिरिक्त वह उनके साथ समान भोजन-अंश प्राप्त करेगा।
इसके अतिरिक्त वे आलसी रहना सीख जाती हैं। घर-घर घूमना उनकी आदत हो जाती है और वे आलसी ही नहीं रहतीं, बल्कि बकबक करतीं, दूसरों के काम में दखल देतीं और अशोभनीय बातों की चर्चा करती हैं।