मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
रोमियों 9:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे हृदय में भारी पीड़ा है तथा मुझे निरन्तर दु:ख होता है। पवित्र बाइबल कि मुझे गहरा दुःख है और मेरे मन में निरन्तर पीड़ा है। Hindi Holy Bible कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है, नवीन हिंदी बाइबल कि मुझे बड़ा दुःख है और मेरा मन निरंतर पीड़ा में है। सरल हिन्दी बाइबल कि मेरा हृदय अत्यंत खेदित और बहुत पीड़ा में है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। |
मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
‘ओ यरूशलेम के प्रेमियो! यरूशलेम के साथ हर्षित हो, उसके साथ आनन्द मनाओ। ओ यरूशलेम के लिए शोक करनेवालो! अब तुम उसके हर्ष में सम्मिलित हो।
किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे घमण्ड के कारण एकांत स्थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्योंकि प्रभु का रेवड़ बन्दी बना लिया जाएगा।
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
‘ओ सब राहगीरो! तुम पर यह मुसीबत न आए! मुझे देखो, मुझ पर ध्यान दो। जो दु:ख मुझे दिया गया है क्या उस दु:ख के तुल्य अन्य दु:ख हो सकता है? प्रभु ने अपने क्रोध-दिवस पर यह दु:ख मुझे दिया है।
अपने नगर की कन्याओं का हाल देखकर मेरी आंखें दु:ख से त्रस्त हो गई हैं, मेरे प्राण को क्लेश होता है।
प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्यों के माथे पर चिह्न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’
भाइयो और बहिनो! मेरी हार्दिक अभिलाषा और परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि इस्राएली मुक्ति प्राप्त करें।
मैं मसीह में सच कहता हूँ और मेरा अन्त:करण पवित्र आत्मा में इस बात की साक्षी है कि मैं झूठ नहीं बोलता—
मैं तो यहां तक चाहता हूँ कि अपने उन भाई-बहिनों के कल्याण के लिए, जो शरीर के नाते मेरे सजातीय हैं, स्वयं ही शापग्रस्त हो जाऊं और मसीह से अलग हो जाऊं।
क्योंकि जैसा कि मैं आप से बार-बार कह चुका हूँ और अब रोते हुए कहता हूँ, बहुत-से लोग ऐसा आचरण करते हैं कि मसीह के क्रूस के शत्रु बन जाते हैं।
मैं अपने दो सािक्षयों को आदेश दूँगा कि वे उन बारह सौ साठ दिनों तक टाट ओढ़े नबूवत करते रहें।”
शमूएल ने अपनी मृत्यु के दिन तक, फिर कभी शाऊल का मुँह नहीं देखा। वह शाऊल के लिए शोक करता रहा। प्रभु दुखित था कि उसने शाऊल को इस्राएलियों का राजा बनाया।