रोमियों 5:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बाद में व्यवस्था दी गयी और इस से अपराधों की संख्या बढ़ गयी। किन्तु जहाँ पाप की वृद्धि हुई, वहाँ अनुग्रह की उससे कहीं अधिक वृद्धि हुई। पवित्र बाइबल व्यवस्था का आगमन इसलिए हुआ कि अपराध बढ़ पायें। किन्तु जहाँ पाप बढ़ा, वहाँ परमेश्वर का अनुग्रह और भी अधिक बढ़ा। Hindi Holy Bible और व्यवस्था बीच में आ गई, कि अपराध बहुत हो, परन्तु जहां पाप बहुत हुआ, वहां अनुग्रह उस से भी कहीं अधिक हुआ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) व्यवस्था बीच में आ गई कि अपराध बहुत हो, परन्तु जहाँ पाप बहुत हुआ वहाँ अनुग्रह उससे भी कहीं अधिक हुआ, नवीन हिंदी बाइबल इसी बीच व्यवस्था आई कि अपराध बढ़े, परंतु जहाँ पाप बढ़ा वहाँ अनुग्रह उससे कहीं अधिक हुआ, सरल हिन्दी बाइबल व्यवस्था बीच में आई कि पाप का अहसास तेज हो. जब पाप का अहसास तेज हुआ तो अनुग्रह कहीं अधिक तेज होता गया इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 व्यवस्था बीच में आ गई कि अपराध बहुत हो, परन्तु जहाँ पाप बहुत हुआ, वहाँ अनुग्रह उससे भी कहीं अधिक हुआ, |
प्रभु यह कहता है, ‘अब आओ; हम अपना वाद-विवाद हल कर लें; चाहे तुम्हारे पाप लाल रंग के हों, वे हिम के समान सफेद हो जाएंगे। चाहे वे अर्गवानी रंग के हों, वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।
ओ यरूशलेम! तू सोचती थी कि तेरी बहिनों को उनके पापों का दण्ड मिलेगा, तूने उनका न्याय किया था। अब तेरा भी न्याय होगा : तेरा अभिमान तोड़ा जाएगा, तूने उनसे अधिक घोर घृणित कार्य किए हैं। इसलिए तू उनकी अपेक्षा अधिक दोषी है। ओ यरूशलेम, चुल्लू-भर पानी में डूब मर। अब तू अपमान की ज्वाला में जल; क्योंकि तूने अपने घोर घृणित कार्यों के कारण अपनी बहिनों को कम दोषी ठहराया है।
अत: मूसा ने पीतल का एक सर्प बनाया और उसको एक खम्भे पर लटका दिया। यदि आग्नेय सर्प किसी मनुष्य को काटता था तो वह पीतल के सर्प को देखता और बच जाता था।
जब वे मजदूर आए, जो सन्ध्या पाँच बजे काम पर लगाये गये थे, तो उन्हें एक-एक सिक्का मिला।
जा कर सीखो कि इस कथन का क्या अर्थ है : ‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, इसके पाप जो बहुत हैं, क्षमा हो गये हैं, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया है। पर जिसे थोड़ा क्षमा किया गया, वह प्रेम भी थोड़ा करता है।”
“चोर केवल चुराने, मारने और नष्ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्त करें− बल्कि प्रचुरता से जीवन प्राप्त करें।
“यदि मैं नहीं आता और उन्हें शिक्षा नहीं देता, तो उन्हें पाप नहीं लगाता, परन्तु अब तो उनके पास अपने पाप का कोई बहाना नहीं।
क्योंकि व्यवस्था का परिणाम परमेश्वर का प्रकोप है, जब कि व्यवस्था के अभाव में किसी आज्ञा का उल्लंघन नहीं होता।
आप लोगों पर पाप का कोई अधिकार नहीं रहेगा। अब आप व्यवस्था के नहीं, बल्कि अनुग्रह के अधीन हैं।