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रोमियों 5:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मसीह ने हमारे लिए उस अनुग्रह तक पहुँचने का द्वार भी खोला है, जो हमें विश्‍वास से प्राप्‍त होता है और जिसमें हम स्‍थित हैं। हम इस बात पर गौरव करते हैं कि हमें परमेश्‍वर की महिमा के भागी बनने की आशा है।

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पवित्र बाइबल

उसी के द्वारा विश्वास के कारण उसकी जिस अनुग्रह में हमारी स्थिति है, उस तक हमारी पहुँच हो गयी है। और हम परमेश्वर की महिमा का कोई अंश पाने की आशा का आनन्द लेते हैं।

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Hindi Holy Bible

जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिसके द्वारा विश्‍वास के कारण उस अनुग्रह तक जिसमें हम बने हैं, हमारी पहुँच भी हुई, और परमेश्‍वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

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नवीन हिंदी बाइबल

जिसके द्वारा हमने उस अनुग्रह में, जिसमें हम स्थिर हैं, विश्‍वास के द्वारा प्रवेश भी प्राप्‍त किया है और हम परमेश्‍वर की महिमा की आशा में प्रफुल्‍लित होते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

जिनके माध्यम से विश्वास के द्वारा हमारी पहुंच उस अनुग्रह में है, जिसमें हम अब स्थिर हैं. अब हम परमेश्वर की महिमा की आशा में आनंदित हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिसके द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक जिसमें हम बने हैं, हमारी पहुँच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

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रोमियों 5:2
43 क्रॉस रेफरेंस  

परन्‍तु मैं अपनी धार्मिकता के कारण तेरे मुख का दर्शन करूंगा; जब मैं जागूंगा तब मेरे स्‍वरूप को देखकर सन्‍तुष्‍ट होऊंगा।


तू अपनी सलाह से मेरा मार्ग-दर्शन करता है; जीवन के अन्‍त में तू मुझे महिमा में ग्रहण करेगा।


दुर्जन को उसके दुष्‍कर्म ही उखाड़ फेंकते हैं, पर धार्मिक मनुष्‍य अपनी सत्‍यनिष्‍ठा के कारण आश्रय पाता है।


तो भी मैं प्रभु में आनन्‍दित होऊंगा; मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्‍वर में हर्षित होऊंगा।


उसके स्‍वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्‍हें बहुत वस्‍तुओं पर अधिकार दूँगा। अपने स्‍वामी के आनन्‍द में सहभागी हो।’


इसलिए येशु ने फिर उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : भेड़शाला का द्वार मैं हूँ।


मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करेगा तो उसे मुक्‍ति प्राप्‍त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा।


येशु ने कहा, “मार्ग, सत्‍य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।


“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्‍वास करता है, उसे शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्‍यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।


वहाँ पहुँच कर उन्‍होंने कलीसिया की सभा बुलायी और बताया कि परमेश्‍वर ने उनके द्वारा क्‍या-क्‍या किया और कैसे गैर-यहूदियों के लिए विश्‍वास का द्वार खोला।


ठीक है, वे अविश्‍वास के कारण काट कर अलग कर दिये गये और तुम विश्‍वास के बल पर अपने स्‍थान पर बने हुए हो। अतएव घमण्‍ड न करो, वरन् सावधान रहो।


आप आशावान हों और आनन्‍द मनाएं। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें,


दूसरे के सेवक पर दोष लगाने वाले तुम कौन हो? उसका दृढ़ बना रहना या पतित हो जाना उसके अपने स्‍वामी से सम्‍बन्‍ध रखता है और वह अवश्‍य दृढ़ बना रहेगा; क्‍योंकि उसका प्रभु उसे दृढ़ बनाये रखने में समर्थ है।


आशा का स्रोत, परमेश्‍वर आप लोगों को विश्‍वास द्वारा प्रचुर आनन्‍द और शान्‍ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्‍मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।


जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्‍मान और अमरत्‍व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्‍वर उन्‍हें शाश्‍वत जीवन प्रदान करेगा;


क्‍योंकि सब ने पाप किया और सब परमेश्‍वर की महिमा से वंचित हो गए हैं।


आशा व्‍यर्थ नहीं होती, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने हमें पवित्र आत्‍मा प्रदान किया है और उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम ही हमारे हृदय में उंडेला गया है।


जो लोग येशु मसीह से संयुक्‍त हैं, उनके लिए अब कोई दण्‍डाज्ञा नहीं रह गयी है;


इस आशा में हमारा उद्धार हुआ है। यदि कोई वह बात देखता है, जिसकी वह आशा करता है, तो यह आशा नहीं कही जा सकती। मनुष्‍य जिस वस्‍तु को देख रहा है, उसकी आशा क्‍यों करेगा?


भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को उस शुभ-समाचार का स्‍मरण दिलाना चाहता हूँ, जिसका प्रचार मैंने आपके बीच किया, जिसे आपने ग्रहण किया और जिस में आप दृढ़ बने हुए हैं।


जहां तक हम-सब का प्रश्‍न है, हमारे मुख पर परदा नहीं है और हम-सब दर्पण की तरह प्रभु का तेज प्रतिबिम्‍बित करते हैं। इस प्रकार हम धीरे-धीरे प्रभु के तेजोमय प्रतिरूप में रूपान्‍तरित हो जाते हैं और वह रूपान्‍तरण प्रभु अर्थात् आत्‍मा का कार्य है।


क्‍योंकि हमारा क्षण-भर का हलका-सा कष्‍ट हमें हमेशा के लिए भारी मात्रा में अपार महिमा दिलाता है।


क्‍योंकि उनके द्वारा हम दोनों एक ही आत्‍मा से प्रेरित हो कर पिता के पास पहुँच सकते हैं।


हम मसीह में विश्‍वास करते हैं, और इस कारण हम पूरे भरोसे के साथ निर्भय हो कर परमेश्‍वर के पास जाते हैं।


इसलिए आप परमेश्‍वर के अस्‍त्र-शस्‍त्र से सुसज्‍जित हों, जिससे आप दुर्दिन में शत्रु का सामना करने में समर्थ हों और अन्‍त तक अपना कर्त्तव्‍य पूरा कर विजय प्राप्‍त करें।


स्‍वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्‍वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्‍थायी सान्‍त्‍वना तथा उज्‍ज्‍वल आशा का वरदान दिया है,


जब कि मसीह, परमेश्‍वर के घराने का अध्‍यक्ष बन कर, पुत्र के रूप में विश्‍वस्‍त रहे। परमेश्‍वर का घराना हम हैं, बशर्ते हम पूर्ण भरोसा करें और वह आशा अक्षुण्‍ण बनाये रखें, जिस पर हम गर्व करते हैं।


वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्‍होंने परमेश्‍वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।


मसीह ने भी एक बार ही पापों के प्रायश्‍चित के लिए दु:ख भोगा; धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह आप लोगों को परमेश्‍वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्‍टि से तो मारे गये, किन्‍तु आत्‍मा द्वारा जिलाये गये।


वह परमेश्‍वर की महिमा से विभूषित थी और बहुमूल्‍य रत्‍न तथा उज्‍ज्‍वल सूर्यकान्‍त की तरह चमक रही थी।


नगर को सूर्य अथवा चन्‍द्रमा के प्रकाश की आवश्‍यकता नहीं है, क्‍योंकि परमेश्‍वर की महिमा उसकी ज्‍योति और मेमना उसका प्रदीप है।


तब मुझे सिंहासन से एक गम्‍भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्‍यों के बीच परमेश्‍वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्‍वर स्‍वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्‍वर होगा।


“जो विजय प्राप्‍त करता है, उसको मैं उसी तरह अपने साथ अपने सिंहासन पर विराजमान होने का अधिकार दूँगा, जिस तरह मैं विजय प्राप्‍त कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर विराजमन हूँ।