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रोमियों 8:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

24 इस आशा में हमारा उद्धार हुआ है। यदि कोई वह बात देखता है, जिसकी वह आशा करता है, तो यह आशा नहीं कही जा सकती। मनुष्‍य जिस वस्‍तु को देख रहा है, उसकी आशा क्‍यों करेगा?

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पवित्र बाइबल

24 हमारा उद्धार हुआ है। इसी से हमारे मन में आशा है किन्तु जब हम जिसकी आशा करते है, उसे देख लेते हैं तो वह आशा नहीं रहती। जो दिख रहा है उसकी आशा कौन कर सकता है।

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Hindi Holy Bible

24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

24 इस आशा के द्वारा हमारा उद्धार हुआ है; परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है, जब वह देखने में आए तो फिर आशा कहाँ रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उसकी आशा क्या करेगा?

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नवीन हिंदी बाइबल

24 इसी आशा में हमारा उद्धार हुआ है। अब जो आशा दिखाई देती है वह आशा नहीं है, क्योंकि उसकी आशा कौन करेगा जो दिखाई देती है?

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सरल हिन्दी बाइबल

24 हम इसी आशा में छुड़ाए गए हैं. जब आशा का विषय दृश्य हो जाता है तो आशा का अस्तित्व ही नहीं रह जाता. भला कोई उस वस्तु की आशा क्यों करेगा, जो सामने है?

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रोमियों 8:24
29 क्रॉस रेफरेंस  

धन्‍य है वह मनुष्‍य, जिसका सहायक इस्राएल का परमेश्‍वर है, जो अपने प्रभु परमेश्‍वर पर आशा करता है।


देखो, प्रभु की दृष्‍टि उन लोगों पर है जो उससे डरते हैं; और उन पर है जो उसकी करुणा की प्रतीक्षा करते हैं;


प्रभु, तेरी करुणा हम पर हो; जैसे कि हमने तुझ से आशा की है।


दुर्जन को उसके दुष्‍कर्म ही उखाड़ फेंकते हैं, पर धार्मिक मनुष्‍य अपनी सत्‍यनिष्‍ठा के कारण आश्रय पाता है।


‘धन्‍य है वह मनुष्‍य, जो प्रभु पर भरोसा करता है; जिसका भरोसा ही प्रभु है।


ओ आशा रखनेवाले बन्‍दियो, अपने गढ़ में लौट आओ। आज मैं यह घोषित करता हूं : मैं तुम्‍हें दुहरी समृद्धि लौटाऊंगा।


आप आशावान हों और आनन्‍द मनाएं। आप संकट में धैर्य रखें तथा प्रार्थना में लगे रहें,


आशा का स्रोत, परमेश्‍वर आप लोगों को विश्‍वास द्वारा प्रचुर आनन्‍द और शान्‍ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्‍मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।


धर्मग्रन्‍थ में जो कुछ पहले लिखा गया था, वह हमारी शिक्षा के लिए लिखा गया था, ताकि हमें उस से धैर्य तथा सांत्‍वना मिलती रहे और इस प्रकार हम अपनी आशा बनाये रख सकें।


अब्राहम ने निराशाजनक परिस्‍थिति में भी आशा रख कर विश्‍वास किया और वह बहुत जातियों के पिता बन गये, जैसा कि उन से कहा गया था, “तुम्‍हारे असंख्‍य वंशज होंगे।”


मसीह ने हमारे लिए उस अनुग्रह तक पहुँचने का द्वार भी खोला है, जो हमें विश्‍वास से प्राप्‍त होता है और जिसमें हम स्‍थित हैं। हम इस बात पर गौरव करते हैं कि हमें परमेश्‍वर की महिमा के भागी बनने की आशा है।


यह सृष्‍टि तो इस संसार की असारता के अधीन हो गयी है—अपनी इच्‍छा से नहीं, बल्‍कि उसकी इच्‍छा से, जिसने उसे अधीन बनाया है—किन्‍तु यह आशा भी बनी रही


अभी तो विश्‍वास, आशा और प्रेम-ये तीनों बने हुए हैं। किन्‍तु इन में से प्रेम ही सब से महान है।


इसलिए हमारी आंखें दृश्‍य पर नहीं, बल्‍कि अदृश्‍य वस्‍तुओं पर टिकी हुई हैं, क्‍योंकि जो वस्‍तुएं हम देखते हैं, वे अल्‍पकालिक हैं। अनदेखी वस्‍तुएं अनन्‍तकाल तक बनी रहती हैं।


क्‍योंकि हम आंखों-देखी बातों पर नहीं, बल्‍कि विश्‍वास पर चलते हैं।


हम तो उस धार्मिकता की तीव्र अभिलाषा करते हैं, जो विश्‍वास पर आधारित है और आत्‍मा द्वारा प्राप्‍त होती है।


किन्‍तु आप को विश्‍वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्‍त सृष्‍टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।


परमेश्‍वर ने उन्‍हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्‍य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्‍य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।


आप का विश्‍वास और प्रेम उस आशा पर आधारित है, जो स्‍वर्ग में आपके लिए सुरक्षित है और जिसके विषय में आपने तब सुना, जब शुभसमाचार का सत्‍य संदेश


हम, जो दिन के हैं, विश्‍वास एवं प्रेम का कवच और मुक्‍ति की आशा का टोप पहन कर सतर्क बने रहें।


स्‍वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्‍वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्‍थायी सान्‍त्‍वना तथा उज्‍ज्‍वल आशा का वरदान दिया है,


जिससे हम उसकी कृपा द्वारा धार्मिक ठहराये जायें और शाश्‍वत जीवन के उत्तराधिकारी बनने की आशा कर सकें।


विश्‍वास उन बातों का पक्‍का निश्‍चय है, जिनकी हम आशा करते हैं और उन वस्‍तुओं के अस्‍तित्‍व के विषय में दृढ़ धारणा है, जिन्‍हें हम नहीं देखते।


उन्‍हीं के द्वारा आप लोग अब परमेश्‍वर के प्रति विश्‍वासी हैं। परमेश्‍वर ने उन्‍हें मृतकों में से जिलाया और महिमान्‍वित किया; इसलिए आपका विश्‍वास और आपकी आशा परमेश्‍वर पर आधारित है।


धन्‍य है परमेश्‍वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता! मृतकों में से येशु मसीह के पुनरुत्‍थान द्वारा उसने अपनी महती दया से हमें जीवन्‍त आशा से परिपूर्ण नवजीवन प्रदान किया।


जो कोई मसीह से ऐसी आशा करता है, उसे वैसा ही पवित्र बनना चाहिए, जैसा कि वह पवित्र हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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