रोमियों 5:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इतना ही नहीं, अब तो हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर से हमारा मेल हो गया है; इसलिए हम उन्हीं के द्वारा परमेश्वर पर भरोसा रख कर गौरव करते हैं। पवित्र बाइबल इतना ही नहीं है हम अपने प्रभु यीशु के द्वारा परमेश्वर की भक्ति पाकर अब उसमें आनन्द लेते हैं। Hindi Holy Bible और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर में आनन्दित होते हैं। नवीन हिंदी बाइबल इतना ही नहीं, बल्कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर में प्रफुल्लित भी होते हैं, जिसके द्वारा अब हमारा मेल-मिलाप हुआ है। सरल हिन्दी बाइबल इतना ही नहीं, मसीह येशु के कारण हम परमेश्वर में आनंदित हैं जिनके कारण हम इस मेल-मिलाप की स्थिति तक पहुंचे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर में आनन्दित होते हैं। |
तब मैं परमेश्वर की वेदी पर, अपने परमानन्द परमेश्वर के पास जाऊंगा। हे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, मैं वीणा के साथ तेरी स्तुति करूंगा।
मैं प्रभु में अति आनन्दित हूं, मेरा प्राण परमेश्वर में उल्लसित है। जैसे दूल्हा पुष्पहार से स्वयं को सजाता है, जैसे दुल्हिन आभूषणों से अपना श्रृंगार करती है, वैसे ही प्रभु ने उद्धार के वस्त्र मुझे पहिनाए, और धार्मिकता की चादर मुझे ओढ़ाई।
किन्तु जितनों ने उसे अपनाया, और उसके नाम में विश्वास किया, उन सब को उसने परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार दिया।
क्योंकि यदि उनके परित्याग के फलस्वरूप परमेश्वर के साथ संसार का मेल हो गया है, तो उनके स्वीकार का परिणाम क्या होगा? मृतकों के लिए जीवन!
और तुम, जो यहूदी कहलाते हो! तुम व्यवस्था पर निर्भर रहते हुए परमेश्वर पर गर्व करते हो,
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
हम शत्रु ही थे, जब परमेश्वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्यु द्वारा हो गया था; और परमेश्वर के साथ मेल हो जाने के बाद उसके पुत्र के जीवन द्वारा निश्चय ही हमारा उद्धार होगा।
इतना ही नहीं, हम दु:ख-तकलीफ पर भी गौरव करें, क्योंकि हम जानते हैं कि दु:ख-तकलीफ से धैर्य,
और सृष्टि ही नहीं, वरन् हम भी भीतर-ही-भीतर कराहते हैं। हमें तो पवित्र आत्मा मिल चुका है, जो परमेश्वर के कृपादानों का प्रथम फल है। लेकिन हम अपने शरीर की विमुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब हम परमेश्वर की दत्तक संतान होंगे।
इतना ही नहीं—रिबका के गर्भ में एक ही पुरुष, अर्थात् हमारे पूर्वज इसहाक से जुड़वां बच्चे हुए।
क्या आशिष का कटोरा, जिस पर हम आशिष मांगते हैं, हमें मसीह के रक्त का सहभागी नहीं बनाता? क्या वह रोटी, जिसे हम तोड़ते हैं, हमें मसीह के शरीर का सहभागी नहीं बनाती
इसके अतिरिक्त, प्रभु की महिमा के लिए और अपनी सद्भावना प्रकट करने के लिए हम परोपकार का जो सेवा-कार्य कर रहे हैं, उसके लिए कलीसियाओं ने उसे हमारी यात्रा का साथी नियुक्त किया है।
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
मेरे भाइयो और बहिनो! अन्त में यह: आप प्रभु में आनन्दित रहें! आप लोगों को दुबारा वे ही बातें लिखने में मुझे कोई कष्ट नहीं, और इस में आपका कल्याण है।
सच पूछिए तो “खतने वाले” हम हैं; हम परमेश्वर के आत्मा से प्रेरित हो कर उपासना करते हैं और बाह्य प्रथाओं पर नहीं, बल्कि येशु मसीह पर गर्व करते हैं-
आपने येशु मसीह को प्रभु के रूप में स्वीकार किया है; इसलिए उन्हीं से संयुक्त हो कर जीवन बितायें।
आपने येशु को कभी देखा नहीं, फिर भी आप उन्हें प्यार करते हैं। आप अब भी उन्हें नहीं देखते, फिर भी उन में आप विश्वास करते हैं। और इस विश्वास के कारण आप एक अकथनीय एवं महिमामय आनन्द से परिपूर्ण हैं।
हन्नाह ने प्रार्थना की और कहा: ‘मेरा हृदय प्रभु में फूला नहीं समा रहा है। मेरे परमेश्वर के कारण मेरा सिर ऊंचा हुआ है। अब अपने शत्रुओं के प्रति मेरा मुँह खुल गया है; अपने उद्धारकर्ता के कारण मैं आनन्द मनाती हूँ।