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रोमियों 4:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जैसा कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : “मैंने तुम को बहुत-सी जातियों का पिता नियुक्‍त किया है।” परमेश्‍वर की दृष्‍टि में अब्राहम हमारे पिता हैं। उन्‍होंने उस परमेश्‍वर में विश्‍वास किया, जो मृतकों को पुनर्जीवित करता है और उन वस्‍तुओं को भी अस्‍तित्‍व में लाता है जिनका अस्‍तित्‍व नहीं है।

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पवित्र बाइबल

शास्त्र बताता है, “मैंने तुझे (इब्राहीम) अनेक राष्ट्रों का पिता बनाया।” उस परमेश्वर की दृष्टि में वह इब्राहीम हमारा पिता है जिस पर उसका विश्वास है। परमेश्वर जो मरे हुए को जीवन देता है और जो नहीं है, जो अस्तित्व देता है।

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Hindi Holy Bible

जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उस ने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जैसा लिखा है, “मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है” – उस परमेश्‍वर के सामने जिस पर उसने विश्‍वास किया, और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं उनका नाम ऐसा लेता है कि मानो वे हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

(जैसा लिखा है : मैंने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है), उस परमेश्‍वर की दृष्‍टि में जिस पर उसने विश्‍वास किया जो मृतकों को जीवन देता है और जो वस्तुएँ हैं ही नहीं उनका नाम ऐसे लेता है मानो वे हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: “मैंने तुम्हें अनेक राष्ट्रों का पिता ठहराया है.” हमारे गोत्रपिता अब्राहाम ने उन्हीं परमेश्वर में विश्वास किया, जो मरे हुओं को जीवन देते हैं तथा अस्तित्व में आने की आज्ञा उन्हें देते हैं, जो हैं ही नहीं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जैसा लिखा है, “मैंने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है” उस परमेश्वर के सामने जिस पर उसने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उनका नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं। (उत्प. 17:15)

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रोमियों 4:17
32 क्रॉस रेफरेंस  

मैं उसको आशिष दूँगा। मैं तुझे उसके माध्‍यम से एक पुत्र प्रदान करूँगा। मैं उसको आशिष दूँगा और वह राष्‍ट्रों की माता बनेगी। अनेक राज्‍यों के राजा उससे जन्‍म लेंगे’


मैंने यिश्‍माएल के विषय में तेरी बात सुनी। देख, मैं उसे भी आशिष दूँगा। मैं उसे फलवन्‍त बनाऊंगा, और उसे अत्‍यधिक बढ़ा दूँगा। उससे बारह नायक उत्‍पन्न होंगे। मैं उसे एक महान राष्‍ट्र बनाऊंगा।


सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर तुझे आशिष दे, तुझे इतना फलवन्‍त और असंख्‍य बनाए कि तू अनेक जातियों का एक समुदाय बन जाए।


मैं उत्तर के राज्‍यों को आदेश दूंगा, “इन्‍हें छोड़ दो।” मैं दक्षिण के राज्‍यों से यह कहूंगा, ‘इन्‍हें मत रोको।” मेरे पुत्रों को दूर-दूर देशों से लाओ, मेरी पुत्रियों को पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से एकत्र करो।


मेरे समान कौन है? वह इसकी घोषणा करे। वह बताए और मेरे सम्‍मुख अपने पक्ष को प्रस्‍तुत करे। प्राचीनकाल से कौन भविष्‍य की घटनाएँ पहले से ही बताता आया है? वे हमें बताएँ कि भविष्‍य में क्‍या होनेवला है?


मैंने अपने हाथ से पृथ्‍वी की नींव डाली है; मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश को वितान के सदृश फैलाया है। जब मैं आकाश और पृथ्‍वी को बुलाता हूं, तब वे दोनों मेरे सम्‍मुख उपस्‍थित हो जाते हैं!


देखो, वे दूर-दूर से आ रहे हैं : कोई उत्तर से, कोई पश्‍चिम से, और कोई सीनीम देश से आ रहे हैं।’


अपने पिता अब्राहम का, अपनी माता सारा का ध्‍यान करो। जब अब्राहम अकेला था, तब मैं-प्रभु ने उसे बुलाया, मैंने उसे आशिष दी, और उसको एक से अनेक बनाया।


तुम इस देश से आनन्‍दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्‍हारा नेतृत्‍व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्‍हारे सम्‍मुख आनन्‍द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।


और अपने मन में यह न सोचो कि ‘हम अब्राहम की सन्‍तान हैं’। मैं तुम से कहता हूँ − परमेश्‍वर इन पत्‍थरों से अब्राहम के लिए सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है।


जिस तरह पिता मृतकों को उठाता और उन्‍हें जीवन देता है, उसी तरह पुत्र भी जिसे चाहता, उसे जीवन प्रदान करता है;


“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : वह समय आ रहा है, वरन् आ ही गया है, जब मृतक परमेश्‍वर के पुत्र की वाणी सुनेंगे, और जो सुनेंगे, उन्‍हें जीवन प्राप्‍त होगा,


आत्‍मा ही जीवन प्रदान करता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं होता। मैंने तुम से जो वचन कहे हैं, वे आत्‍मा और जीवन हैं।


जो सृष्‍टि के आरम्‍भ से यह प्रकट करता आया है।’


क्‍या परमेश्‍वर केवल यहूदियों का परमेश्‍वर है? क्‍या वह गैर-यहूदियों का परमेश्‍वर नहीं? वह निश्‍चय ही गैर-यहूदियों का भी परमेश्‍वर है।


अब्राहम ने निराशाजनक परिस्‍थिति में भी आशा रख कर विश्‍वास किया और वह बहुत जातियों के पिता बन गये, जैसा कि उन से कहा गया था, “तुम्‍हारे असंख्‍य वंशज होंगे।”


यदि अब्राहम अपने कर्मों के कारण धार्मिक ठहराए गये, तो वह अपने पर गर्व कर सकते हैं। किन्‍तु वह परमेश्‍वर के सामने ऐसा नहीं कर सकते;


जिसने येशु को मृतकों में से जिलाया, यदि उसका आत्‍मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने येशु मसीह को मृतकों में से जिलाया, वह अपने आत्‍मा द्वारा, जो आप में निवास करता है, आपके नश्‍वर शरीर को भी जीवन प्रदान करेगा।


उसके दोनों बच्‍चों का जन्‍म भी नहीं हुआ था और उन्‍होंने उस समय तक कोई पाप या पुण्‍य का काम नहीं किया था, जब रिबका से यह कहा गया, “अग्रज अपने अनुज के अधीन रहेगा।” यह इसलिए हुआ कि परमेश्‍वर के निर्वाचन का उद्देश्‍य बना रहे, जो मनुष्‍य के कर्मों पर नहीं, बल्‍कि बुलाने वाले के निर्णय पर निर्भर है।


और जिस स्‍थान पर उसने उन से यह कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो’ वहीं वे जीवन्‍त परमेश्‍वर की संतान कहलायेंगे।”


गण्‍य-माण्‍य लोगों का घमण्‍ड चूर करने के लिए उसने उन लोगों को चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में तुच्‍छ, नीच और नगण्‍य हैं,


धर्मग्रन्‍थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्‍य आदम एक जीवन्‍त प्राणी बन गया।” अन्‍तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्‍मा बन गया।


परमेश्‍वर की उपस्‍थिति में, जो सब को जीवन प्रदान करता है, और येशु मसीह की उपस्‍थिति में, जिन्‍होंने राज्‍यपाल पोंतियुस पिलातुस के सम्‍मुख उत्तम साक्षी दी, मैं तुम को यह आदेश देता हूँ


और इसलिए एक मरणासन्न व्यक्‍ति, अर्थात् अब्राहम से वह सन्‍तति उत्‍पन्न हुई, जो आकाश के तारों की तरह असंख्‍य है और सागर-तट के बालू के कणों की तरह अगणित।


विश्‍वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्‍वर के शब्‍द द्वारा विश्‍व का निर्माण हुआ है और अदृश्‍य से दृश्‍य की उत्‍पत्ति हुई है।


नूह अपने विश्‍वास के कारण अदृश्‍य घटनाओं से परमेश्‍वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्‍मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्‍वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्‍वास पर आधारित है।


पहले आप प्रजा नहीं थे, अब आप परमेश्‍वर की प्रजा हैं। पहले आप कृपा से वंचित थे, अब आप उसके कृपापात्र हैं।


प्रिय भाइयो और बहिनो! यह बात अवश्‍य याद रखें कि प्रभु की दृष्‍टि में एक दिन हजार वर्ष के समान है और हजार वर्ष एक दिन के समान।