परन्तु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दीजिए। यह हमारे लिए उचित है कि हम इसी तरह सब धार्मिकता को पूरा करें।” इस पर योहन ने येशु की बात मान ली।
रोमियों 2:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो शरीर का खतना कराये बिना व्यवस्था का पूर्ण पालन करता है, वह तुम्हारा न्याय करेगा; क्योंकि तुम लिखित व्यवस्था और खतने से सम्पन्न होते हुए भी व्यवस्था का उल्लंघन करते हो। पवित्र बाइबल वह मनुष्य जिसका शरीर से ख़तना नहीं हुआ है और जो व्यवस्था का पालन करता है, तुझे अपराधी ठहरायेगा। जिसके पास लिखित व्यवस्था का विधान है, और जिसका ख़तना भी हुआ है, और जो व्यवस्था को तोड़ता है, Hindi Holy Bible और जो मनुष्य जाति के कारण बिन खतना रहा यदि वह व्यवस्था को पूरा करे, तो क्या तुझे जो लेख पाने और खतना किए जाने पर भी व्यवस्था को माना नहीं करता है, दोषी न ठहराएगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जो मनुष्य शारीरिक रूप से बिन खतना रहा, यदि वह व्यवस्था को पूरा करे, तो क्या तुझे जो लेख पाने और खतना किए जाने पर भी व्यवस्था को माना नहीं करता है, दोषी न ठहराएगा? नवीन हिंदी बाइबल जो शारीरिक रीति से ख़तनारहित है परंतु व्यवस्था को पूरा करता है, वह तुझे जो लिखित व्यवस्था और ख़तना पाने पर भी व्यवस्था का उल्लंघन करता है, दोषी ठहराएगा। सरल हिन्दी बाइबल तब शारीरिक रूप से बिना ख़तना के वह व्यक्ति, जो शारीरिक रूप से व्यवस्था का पालन करनेवाला है, क्या तुम पर उंगली न उठाएगा—तुम, जो स्वयं पर व्यवस्था की छाप लगाए हुए तथा ख़तना किए हुए भी हो और फिर भी व्यवस्था भंग करते हो? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जो मनुष्य शारीरिक रूप से बिन खतना रहा यदि वह व्यवस्था को पूरा करे, तो क्या तुझे जो लेख पाने और खतना किए जाने पर भी व्यवस्था को माना नहीं करता है, दोषी न ठहराएगा? |
परन्तु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दीजिए। यह हमारे लिए उचित है कि हम इसी तरह सब धार्मिकता को पूरा करें।” इस पर योहन ने येशु की बात मान ली।
फिर परमेश्वर ने उसे हटाकर दाऊद को उनका राजा बनाया और उनके विषय में यह साक्षी दी, ‘मुझे अपने मन के अनुकूल एक मनुष्य, यिशय का पुत्र दाऊद मिल गया है। वह मेरी सब इच्छाएं पूरी करेगा।’
प्रेम पड़ोसी के साथ अन्याय नहीं करता। इसलिए जो प्रेम करता है, वह व्यवस्था को परिपूर्ण करता है।
क्योंकि वे अपने आचरण से इसका प्रमाण देते हैं कि व्यवस्था की आज्ञाएँ उनके हृदय पर अंकित हैं। उनका अन्त:करण भी इसके सम्बन्ध में साक्षी देता है। उनके विचार उन्हें कभी दोषी, तो कभी निर्दोष ठहराते हैं।
खतना कराने से अवश्य लाभ होता है, यदि तुम व्यवस्था का पालन करते हो; किन्तु यदि तुम व्यवस्था का उल्लंघन करते हो, तो तुम्हारा खतना निरर्थक है।
इसी प्रकार, यदि कोई बेखतना व्यक्ति व्यवस्था के आदेशों का पालन करता है, तो क्या उसका बेखतनापन खतना नहीं माना जायेगा?
किन्तु यहूदी वह है, जो अपने अभ्यन्तर में यहूदी है और खतना वह है, जो हृदय का है और लिखित व्यवस्था के अनुसार नहीं, बल्कि आत्मा के अनुसार है। ऐसे व्यक्ति को मनुष्यों की नहीं, बल्कि परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त है।
क्योंकि केवल एक ही परमेश्वर है, जो खतना कराने वाले यहूदियों को उनके विश्वास के आधार पर धार्मिक ठहराएगा और उसी विश्वास द्वारा गैर-यहूदियों को भी।
जिससे हम लोगों में—जो कि शारीरिक स्वभाव के अनुसार नहीं, बल्कि आत्मा के अनुसार आचरण करते हैं—धार्मिकता के संबंध में व्यवस्था की मांग पूर्ण हो जाए।
न तो ख़तने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन का है।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
क्योंकि समस्त व्यवस्था इस एक आज्ञा में पूर्ण हो जाती है : “अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।”
आप जन्म से गैर-यहूदी हैं और उन लोगों द्वारा “बेखतने वाले” कहे जाते हैं, जिनके शरीर में खतना किया गया है।
और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्हें उस मुक्ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है।
विश्वास द्वारा हम जान लेते हैं कि परमेश्वर के शब्द द्वारा विश्व का निर्माण हुआ है और अदृश्य से दृश्य की उत्पत्ति हुई है।