स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘मैं अपने दूत को अपने आगमन के पूर्व भेज रहा हूं। वह मेरे मार्ग को तैयार करेगा। और वह स्वामी, जिसको तुम ढूंढ़ रहे हो, अपने मन्दिर में अचानक आएगा। विधान का वह दूत, जिससे तुम प्रसन्न हो, देखो, वह आ रहा है।
यूहन्ना 7:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब पर्व के आधे दिन बीत गए, तब येशु मन्दिर में गए, और लोगों को शिक्षा देने लगे। पवित्र बाइबल जब वह पर्व लगभग आधा बीत चुका था, यीशु मन्दिर में गया और उसने उपदेश देना शुरू किया। Hindi Holy Bible और जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। नवीन हिंदी बाइबल अभी आधा पर्व ही बीता था कि यीशु मंदिर-परिसर में जाकर उपदेश देने लगा। सरल हिन्दी बाइबल जब उत्सव के मध्य मसीह येशु मंदिर में जाकर शिक्षा देने लगे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। |
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘मैं अपने दूत को अपने आगमन के पूर्व भेज रहा हूं। वह मेरे मार्ग को तैयार करेगा। और वह स्वामी, जिसको तुम ढूंढ़ रहे हो, अपने मन्दिर में अचानक आएगा। विधान का वह दूत, जिससे तुम प्रसन्न हो, देखो, वह आ रहा है।
येशु ने मन्दिर में प्रवेश किया और वहाँ से उन सब को बाहर निकाल दिया, जो मन्दिर में क्रय-विक्रय कर रहे थे। उन्होंने सराफों की मेजें और कबूतर बेचने वालों की चौकियाँ उलट दीं
उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
येशु प्रतिदिन मन्दिर में शिक्षा देते थे। महापुरोहित, शास्त्री और जनता के नेता इस प्रयत्न में थे कि येशु का विनाश करें।
येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा।
कुछ समय पश्चात् येशु को वह मन्दिर में मिला। येशु ने उस से कहा, “देखो, तुम स्वस्थ हो गये हो। फिर पाप मत करना। कहीं ऐसा न हो कि तुम पर और भी भारी संकट आ पड़े।”
येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए पुकार कर कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ। जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है और तुम उसे नहीं जानते।
पर्व के अन्तिम और मुख्य दिन येशु खड़े हुए और उन्होंने पुकार कर कहा, “यदि कोई प्यासा है, तो वह मेरे पास आए।
येशु बड़े सबेरे फिर मन्दिर में आए। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी और वह बैठ कर लोगों को शिक्षा देने लगे।
येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए कोषागार में यह कहा। किसी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि तब तक उनका समय नहीं आया था।