यूहन्ना 6:57 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस तरह जीवन्त पिता ने मुझे भेजा है और मुझे पिता से जीवन मिलता है, उसी तरह जो मुझे खाता है, उस को मुझ से जीवन मिलेगा। पवित्र बाइबल “बिल्कुल वैसे ही जैसे जीवित पिता ने मुझे भेजा है और मैं परम पिता के कारण ही जीवित हूँ, उसी तरह वह जो मुझे खाता रहता है मेरे ही कारण जीवित रहेगा। Hindi Holy Bible जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा, और मैं पिता के कारण जीवित हूँ, वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा। नवीन हिंदी बाइबल जिस प्रकार जीवित पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूँ, उसी प्रकार जो मुझे खाता है वह भी मेरे कारण जीवित रहेगा। सरल हिन्दी बाइबल जैसे जीवन्त पिता परमेश्वर ने मुझे भेजा है और मैं पिता के कारण जीवित हूं, वैसे ही वह भी, जो मुझे ग्रहण करता है, मेरे कारण जीवित रहेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जैसा जीविते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूँ वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा। |
किन्तु प्रभु ही सच्चा ईश्वर है। वह जीवंत परमेश्वर है, और शाश्वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्ति किसी राष्ट्र में नहीं है।
थोड़ी देर और, फिर संसार मुझे नहीं देखेगा। पर तुम मुझे देखोगे; क्योंकि मैं जीवित हूँ, इसलिए तुम भी जीवित होगे।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
कि वे सब एक हों। पिता! जिस तरह तू मुझ में है और मैं तुझ में, उसी तरह वे भी हम में एक हों, जिससे संसार यह विश्वास करे कि तूने मुझे भेजा है।
परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार में इसलिए नहीं भेजा कि वह संसार को दोषी ठहराए। उसने उसे इसलिए भेजा है, कि संसार उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करे।
क्योंकि जिस तरह पिता स्वयं में जीवन धारण किए हुए है, उसी तरह उसने पुत्र को भी स्वयं में जीवन धारण करने का अधिकार दिया है;
येशु ने उत्तर दिया, “परमेश्वर का कार्य यह है कि जिसे उसने भेजा है, उसमें विश्वास करो।”
क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, बल्कि जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्छा पूरी करने के लिए स्वर्ग से उतरा हूँ।
धर्मग्रन्थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्य आदम एक जीवन्त प्राणी बन गया।” अन्तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्मा बन गया।
यह सच है कि वह दुर्बलता में क्रूस पर चढ़ाये गए, किन्तु वह परमेश्वर के सामर्थ्य द्वारा जीवित हैं। हम उनकी तरह दुर्बल हैं, किन्तु आप अनुभव करेंगे कि हम परमेश्वर के सामर्थ्य द्वारा मसीह के साथ जीवित हैं।
मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है-परमेश्वर के पुत्र में विश्वास, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।
लोग स्वयं हमें बताते हैं कि आप के यहाँ हमारा कैसा स्वागत हुआ और आप किस प्रकार देवमूर्तियाँ छोड़ कर परमेश्वर की ओर अभिमुख हुए, जिससे आप सच्चे तथा जीवन्त परमेश्वर के सेवक बनें
तो फिर मसीह का रक्त, जिन्होंने अपने आपको शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्वर को अर्पित किया, हमारे अन्त:करण को मृत कर्मों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्त परमेश्वर की सेवा के योग्य क्यों नहीं बनायेगा?
परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में इसलिए भेजा कि हम उसके द्वारा जीवन प्राप्त करें।