तत्पश्चात् सेवक के सम्मुख खाने के लिए भोजन परोसा गया। परन्तु सेवक ने कहा, ‘नहीं, जब तक मैं अपना सन्देश नहीं सुना लूँगा तब तक भोजन नहीं करूँगा।’ लाबान ने कहा, ‘सुनाइए।’
यूहन्ना 4:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस बीच उनके शिष्यों ने उन से यह अनुरोध किया, “गुरुजी! भोजन कर लीजिए।” पवित्र बाइबल इसी समय यीशु के शिष्य उससे विनती कर रहे थे, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” Hindi Holy Bible इतने में उसके चेले यीशु से यह बिनती करने लगे, कि हे रब्बी, कुछ खा ले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस बीच उसके चेलों ने यीशु से यह विनती की, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” नवीन हिंदी बाइबल इसी बीच शिष्यों ने यीशु से निवेदन किया, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” सरल हिन्दी बाइबल इसी बीच शिष्यों ने मसीह येशु से विनती की, “रब्बी, कुछ खा लीजिए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इतने में उसके चेले यीशु से यह विनती करने लगे, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” |
तत्पश्चात् सेवक के सम्मुख खाने के लिए भोजन परोसा गया। परन्तु सेवक ने कहा, ‘नहीं, जब तक मैं अपना सन्देश नहीं सुना लूँगा तब तक भोजन नहीं करूँगा।’ लाबान ने कहा, ‘सुनाइए।’
बाजारों में प्रणाम-प्रणाम सुनना और जनता द्वारा ‘गुरुवर’ कहलाना − यह सब उन्हें प्रिय लगता है।
येशु के विश्वासघाती शिष्य यूदस ने उनसे पूछा, “गुरुवर! कहीं वह मैं तो नहीं हूँ?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “तुम ने ही कह दिया!”
पतरस को वह बात याद आयी और उसने कहा, “गुरुवर! देखिए, अंजीर का वह पेड़, जिसे आपने शाप दिया था, सूख गया है।”
जैसे ही यूदस [यहूदा] आया, वह तुरन्त येशु के पास गया और कहा, “गुरुवर!” और उनका चुम्बन किया।
उस समय पतरस ने येशु से कहा, “गुरुवर! यह हमारे लिए कितना अच्छा है कि हम यहाँ हैं! आइए, हम तीन तम्बू खड़ा करें : एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।”
येशु ने मुड़ कर उन्हें अपने पीछे आते देखा, तो कहा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “रब्बी! (अर्थात् गुरु) आप कहाँ रहते हैं?”
शिष्य बोले, “गुरुवर! कुछ ही दिन पहले वहाँ के लोग आप को पत्थरों से मार डालना चाहते थे और आप फिर वहीं जा रहे हैं?”
वह रात में येशु के पास आया और बोला, “गुरुजी, हम जानते हैं कि आप परमेश्वर की ओर से आए हुए गुरु हैं। आप जो आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाते हैं, उन्हें कोई तब तक नहीं दिखा सकता, जब तक कि परमेश्वर उसके साथ न हो।”
उन्होंने योहन के पास जा कर कहा, “गुरुजी! देखिए, जो यर्दन नदी के उस पार आपके साथ थे और जिनके विषय में आपने साक्षी दी थी, वह बपतिस्मा देने लगे हैं और सब लोग उनके पास जाने लगे हैं।”
उनके शिष्यों ने उनसे पूछा, “गुरुजी! किसने पाप किया था, इसने अथवा इसके माता-पिता ने, कि यह अन्धा जन्मा है?”