स्त्री ने एलियाह को उत्तर दिया, ‘अब मैं जान गई कि आप निश्चय ही परमेश्वर के जन हैं। आपके मुख का प्रभु-वचन सत्य है।’
यूहन्ना 2:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने अपना यह पहला आश्चर्यपूर्ण चिह्न गलील के काना नगर में दिखाया। इस प्रकार उन्होंने अपनी महिमा प्रकट की और उनके शिष्यों ने उन में विश्वास किया। पवित्र बाइबल यीशु ने गलील के काना में यह पहला आश्चर्यकर्म करके अपनी महिमा प्रकट की। जिससे उसके शिष्यों ने उसमें विश्वास किया। Hindi Holy Bible यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहिला चिन्ह दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहला चिह्न दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया। नवीन हिंदी बाइबल इस प्रकार यीशु ने गलील के काना में चिह्नों का आरंभ किया और अपनी महिमा प्रकट की, तथा उसके शिष्यों ने उस पर विश्वास किया। सरल हिन्दी बाइबल यह मसीह येशु के अद्भुत चिह्नों के करने की शुरुआत थी, जो गलील प्रदेश के काना नगर में हुआ, जिसके द्वारा उन्होंने अपना प्रताप प्रकट किया तथा उनके शिष्यों ने उनमें विश्वास किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहला चिन्ह दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया। |
स्त्री ने एलियाह को उत्तर दिया, ‘अब मैं जान गई कि आप निश्चय ही परमेश्वर के जन हैं। आपके मुख का प्रभु-वचन सत्य है।’
जब इस्राएलियों ने मिस्र-निवासियों के विरुद्ध किए गए प्रभु के भुजबल के महान कार्य को देखा, तब वे प्रभु से डरने लगे। उन्होंने प्रभु और उसके सेवक मूसा पर विश्वास किया।
यदि वे इन दोनों चिह्नों पर भी विश्वास न करें, और तेरी बात को न सुनें तो तू नील नदी का जल लेना और उसे सूखी भूमि पर उण्डेलना। जो जल तू नील नदी से लेगा, वह सूखी भूमि पर रक्त बन जाएगा।’
अपने घर जाओ, आनन्द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्वर पहले से अपनी स्वीकृति दे चुका है।
तब प्रभु की महिमा प्रकट होगी, और समस्त मनुष्यजाति उसको एक-साथ देखेगी। प्रभु ने अपने मुख से यह कहा है।”
यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दोगे, तो मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्सन्देह मैंने उन्हें शाप में बदल दिया है, क्योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दिया।
शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण है।
व्यवस्था निश्चय ही मूसा द्वारा दी गयी थी, किन्तु अनुग्रह और सत्य येशु मसीह द्वारा आए।
दूसरे दिन येशु ने गलील प्रदेश जाने का निश्चय किया। उनकी भेंट फिलिप से हुई। उन्होंने उससे कहा, “मेरे पीछे आओ।”
येशु ने उत्तर दिया, “मैं ने तुम से कहा, ‘मैंने तुम्हें अंजीर के पेड़ के नीचे देखा’; क्या तुम इसी लिए विश्वास करते हो? तुम इस से भी महान कार्य देखोगे।”
बहुत लोग उनके पास आए। वे कहते थे, “योहन ने तो कोई आश्चर्यपूर्ण चिह्न नहीं दिखाया, परन्तु उन्होंने इनके विषय में जो कुछ कहा, वह सब सच निकला।”
और मैं तुम्हारे कारण प्रसन्न हूँ कि मैं वहाँ नहीं था, जिससे तुम लोग विश्वास कर सको। आओ, हम उसके पास चलें।”
तब महापुरोहितों और फरीसियों ने धर्म-महासभा बुला कर कहा, “हम क्या करें? यह मनुष्य बहुत आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखा रहा है।
इसलिए बहुत लोग येशु का स्वागत करने निकले थे । उन्होंने सुना था कि येशु ने यह आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाया था।
यद्यपि येशु ने उनके सामने इतने आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाए थे, तो भी उन्होंने येशु में विश्वास नहीं किया।
यशायाह ने यह इसलिए बताया कि उन्होंने स्वयं येशु की महिमा देखी थी और उनके विषय में यह कहा था।
जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोंगे, मैं उसे पूरा करूँगा, जिससे पुत्र के द्वारा पिता की महिमा प्रकट हो।
पिता तो स्वयं तुम्हें प्यार करता है, क्योंकि तुम मुझे प्यार करते हो, और तुम ने यह विश्वास किया है कि मैं परमेश्वर से आया हूँ।
अब हम समझ गये हैं कि आप सब कुछ जानते हैं और आपको आवश्यकता नहीं कि कोई आपसे प्रश्न करे। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि आप परमेश्वर से निकले हैं।”
जब येशु पास्का (फसह) पर्व के दिनों में यरूशलेम में थे, तब बहुत-से लोगों ने उनके किये हुए आश्चर्यपूर्ण चिह्न देख कर उनके नाम पर विश्वास किया।
वह रात में येशु के पास आया और बोला, “गुरुजी, हम जानते हैं कि आप परमेश्वर की ओर से आए हुए गुरु हैं। आप जो आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाते हैं, उन्हें कोई तब तक नहीं दिखा सकता, जब तक कि परमेश्वर उसके साथ न हो।”
येशु फिर गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहाँ उन्होंने जल को दाखरस बनाया था। वहाँ राज्य का एक पदाधिकारी था, जिसका पुत्र कफरनहूम नगर में बीमार था।
यह येशु का दूसरा आश्चर्यपूर्ण चिह्न था, जो उन्होंने यहूदा प्रदेश से आकर गलील प्रदेश में दिखाया।
जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा है, आदर नहीं करता।
लोग येशु का यह आश्चर्यपूर्ण कार्य देख कर बोल उठे, “निश्चय ही यह वह नबी हैं, जो संसार में आने वाले थे।”
एक विशाल जनसमूह उनके पीछे हो लिया, क्योंकि लोगों ने वे अद्भुत चिह्न देखे थे, जो येशु ने रोगियों पर दिखाए थे।
येशु ने उत्तर दिया, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ; तुम मुझे इस लिए नहीं खोज रहे हो कि तुम ने आश्चर्यपूर्ण चिह्न देखा, बल्कि इसलिए कि तुम ने पेट भर रोटियाँ खाई हैं।
लोगों ने उन से कहा, “आप हमें कौन-सा चिह्न दिखा सकते हैं, जिसे देख कर हम आप में विश्वास करें? आप क्या कर सकते हैं?
फिर भी जनता में बहुतों ने येशु पर विश्वास किया। उन्होंने कहा, “जब मसीह आएँगे, तब क्या वह इन से भी अधिक आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाएँगे?”
इस पर कुछ फरीसियों ने कहा, “वह मनुष्य परमेश्वर के यहाँ से नहीं आया है; क्योंकि वह विश्राम-दिवस के नियम का पालन नहीं करता।” कुछ लोगों ने कहा, “पापी मनुष्य ऐसे आश्चर्यपूर्ण चिह्न कैसे दिखा सकता है?” इस तरह उनमें मतभेद हो गया।
जहां तक हम-सब का प्रश्न है, हमारे मुख पर परदा नहीं है और हम-सब दर्पण की तरह प्रभु का तेज प्रतिबिम्बित करते हैं। इस प्रकार हम धीरे-धीरे प्रभु के तेजोमय प्रतिरूप में रूपान्तरित हो जाते हैं और वह रूपान्तरण प्रभु अर्थात् आत्मा का कार्य है।
क्योंकि हमारा क्षण-भर का हलका-सा कष्ट हमें हमेशा के लिए भारी मात्रा में अपार महिमा दिलाता है।
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
तुमने कहा था, “देखिए, हमारे प्रभु परमेश्वर ने हमें अपनी महिमा और महानता के दर्शन कराए हैं। हमने अग्नि के मध्य से उसका स्वर भी सुना है। आज हमने देखा कि परमेश्वर मनुष्य से बोला, और मनुष्य फिर भी जीवित रहा!
तुम सब परमेश्वर के पुत्र के नाम में विश्वास करते हो। मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ जिससे तुम यह जानो कि तुम्हें शाश्वत जीवन प्राप्त है।