वे उस स्थान पर पहुँचे, जिसके विषय में परमेश्वर ने अब्राहम से कहा था। वहाँ अब्राहम ने एक वेदी बनाकर इस पर लकड़ियाँ सजायीं। तब उन्होंने अपने पुत्र इसहाक को बांधा और उसे लकड़ियों के ऊपर वेदी पर लिटा दिया।
यूहन्ना 18:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब सैन्यदल, सेना-नायक और यहूदी सिपाहियों ने येशु को पकड़ कर बाँध लिया। पवित्र बाइबल फिर रोमी टुकड़ी के सिपाहियों और उनके सूबेदारों तथा यहूदियों के मन्दिर के पहरेदारों ने यीशु को बंदी बना लिया। Hindi Holy Bible तब सिपाहियों और उन के सूबेदार और यहूदियों के प्यादों ने यीशु को पकड़कर बान्ध लिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सैनिकों और उनके सूबेदार और यहूदियों के प्यादों ने यीशु को पकड़कर बाँध लिया, नवीन हिंदी बाइबल तब सैन्य दल, सेनापति और यहूदियों के सिपाहियों ने यीशु को पकड़ लिया और उसे बाँधकर सरल हिन्दी बाइबल तब सैनिकों के दल, सेनापति और यहूदियों के अधिकारियों ने मसीह येशु को बंदी बना लिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सिपाहियों और उनके सूबेदार और यहूदियों के प्यादों ने यीशु को पकड़कर बाँध लिया, |
वे उस स्थान पर पहुँचे, जिसके विषय में परमेश्वर ने अब्राहम से कहा था। वहाँ अब्राहम ने एक वेदी बनाकर इस पर लकड़ियाँ सजायीं। तब उन्होंने अपने पुत्र इसहाक को बांधा और उसे लकड़ियों के ऊपर वेदी पर लिटा दिया।
उसने उनको हिरासत में लेकर अंगरक्षकों के नायक के घर में, उसी कारागार में, जहाँ यूसुफ कैद था, डाल दिया।
प्रभु ही परमेश्वर है, उसने हमें प्रकाश दिया है। वेदी के कंगूरों तक शोभा-यात्रा को बंदनवार से सजाओ।
जिन्होंने येशु को गिरफ्तार किया था, वे उन्हें प्रधान महापुरोहित काइफा के यहाँ ले गये, जहाँ शास्त्री और धर्मवृद्ध इकट्ठे हो गये थे।
इसके बाद राज्यपाल के सैनिक येशु को राजभवन के अन्दर ले गए और उन्होंने येशु के पास सारा सैन्य-दल एकत्र कर लिया।
वे येशु को प्रधान महापुरोहित के यहाँ ले गये। सब महापुरोहित, धर्मवृद्ध और शास्त्री वहाँ एकत्र हुए थे।
सबेरा होते ही महापुरोहितों, धर्मवृद्धों और शास्त्रियों ने समस्त धर्ममहासभा के साथ परामर्श किया। इसके बाद उन्होंने येशु को बाँधा और उन्हें ले जा कर राज्यपाल पिलातुस को सौंप दिया।
तब उन्होंने येशु को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें ले जाकर प्रधान महापुरोहित के भवन में पहुँचा दिया। पतरस कुछ दूरी रखते हुए उनके पीछे-पीछे चला।
इसलिए यूदस, सैन्यदल और महापुरोहितों तथा फरीसियों के भेजे हुए सिपहियों के साथ, वहाँ आ पहुँचा। वे लालटेनें, मशालें और हथियार लिये हुए थे।
वे पौलुस का वध करना चाहते ही थे कि रोमन सैन्यदल के नायक को सूचना मिली कि समस्त यरूशलेम में उपद्रव मचा हुआ है।
जब सैनिक पौलुस को किले के अन्दर ले जा रहे थे, तो पौलुस ने सेना-नायक से कहा, “क्या मैं आप से कुछ निवेदन कर सकता हूँ?” उसने उत्तर दिया, “क्या तुम यूनानी भाषा जानते हो?
जब विवाद बहुत बढ़ गया तो सेना-नायक को भय हुआ कि कहीं वे पौलुस के टुकड़े-टुकड़े न कर दें; इसलिए उसने सैनिकों को आदेश दिया कि वे सभा में नीचे जा कर पौलुस को उनके बीच से निकाल लें और किले में ले जायें।
पलिश्तियों ने शिमशोन को पकड़ लिया और उसकी आंखें निकाल लीं। वे उसे गाजा नगर ले गए। वहां उन्होंने शिमशोन को पीतल की जंजीरों से बांध दिया। शिमशोन बन्दीगृह में चक्की पीसता था।