जबकि वह एक महान् और शक्तिशाली राष्ट्र बनेगा? पृथ्वी के समस्त राष्ट्र उसके द्वारा मुझसे आशिष पाएँगे।
यूहन्ना 15:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे। पवित्र बाइबल “तुमने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें चुना है और नियत किया है कि तुम जाओ और सफल बनो। मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी सफलता बनी रहे ताकि मेरे नाम में जो कुछ तुम चाहो, परम पिता तुम्हें दे। Hindi Holy Bible तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे। नवीन हिंदी बाइबल तुमने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें चुना और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, ताकि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे। सरल हिन्दी बाइबल तुमने मुझे नहीं परंतु मैंने तुम्हें चुना है और तुम्हें नियुक्त किया है कि तुम फल दो—ऐसा फल, जो स्थायी हो—जिससे मेरे नाम में तुम पिता से जो कुछ मांगो, वह तुम्हें दे सकें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैंने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे। |
जबकि वह एक महान् और शक्तिशाली राष्ट्र बनेगा? पृथ्वी के समस्त राष्ट्र उसके द्वारा मुझसे आशिष पाएँगे।
अत: बुढ़ापे में, पके बालों की उमर में भी हे परमेश्वर, मुझे मत त्याग; जब तक मैं आगामी पीढ़ी को तेरे भुजबल की घोषणा न करूं, मुझे जीवित रहने दे।
आगामी दिनों में याकूब राष्ट्र जड़ पकड़ेगा, इस्राएल देश पुष्पित होगा, उसमें शाखाएँ फूटेंगी, वह अपने फलों से समस्त संसार को भर देगा।
तब अनेक राष्ट्रों से घिरे हुए शेष याकूब-वंशीय प्रभु-प्रेषित ओस की बूंद के सदृश, घास पर बरसती वर्षा के समान होंगे, जो लोगों की पुकार की प्रतीक्षा नहीं करती, जो मनुष्यों की राह नहीं देखती।
“माँगो तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा।
दिन होने पर उन्होंने अपने शिष्यों को पास बुलाया और उन में से बारह को चुन कर उन्हें ‘प्रेरित’ नाम दिया :
“मैं तुम सब के विषय में यह नहीं कह रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि मैंने किन-किन लोगों को चुना है; परन्तु यह इसलिए हो रहा है कि धर्मग्रन्ध का यह कथन पूरा हो जाए : ‘जो मेरी रोटी खाता है, उसने ही मुझ पर लात उठाई है।’
यदि तुम संसार के होते, तो संसार तुम्हें अपना समझ कर प्यार करता। परन्तु तुम संसार के नहीं हो, क्योंकि मैंने तुम्हें संसार में से चुन लिया है। इसीलिए संसार तुम से बैर करता है।
“मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते।
तब उन्होंने इस प्रकार प्रार्थना की, “प्रभु! तू सब का हृदय जानता है। यह प्रकट कर कि तूने इन दोनों में से किस को चुना है,
किन्तु पवित्र आत्मा तुम पर उतरेगा और तुम्हें सामर्थ्य प्रदान करेगा और तुम यरूशलेम में, समस्त यहूदा और सामरी प्रदेशों में तथा पृथ्वी के अन्तिम छोर तक मेरे साक्षी होगे।”
सब लोगों को नहीं, बल्कि उन सािक्षयों को, जिन्हें परमेश्वर ने पहले ही से चुन लिया था। वे साक्षी हम हैं। मृतकों में से उनके जी उठने के पश्चात् हम लोगों ने उनके साथ खाया-पिया
तब हनन्याह ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने पहले से आप को इसलिए चुना कि आप उसकी इच्छा को जानें, धर्मात्मा येशु के दर्शन करें और उनके मुख की वाणी सुनें;
प्रभु ने हनन्याह से कहा, “जाओ। वह मेरा निर्वाचित पात्र है। वह अन्यजातियों, राजाओं तथा इस्राएलियों के सम्मुख मेरे नाम का प्रचार करेगा।
भाइयो और बहिनो! मैं नहीं चाहता कि आप लोग इस बात से अनजान रहें कि मैंने बार-बार आपके यहाँ आने की योजना बनाई ताकि जैसे अन्य जातियों में वैसे आपके बीच भी मैं कुछ “फल” प्राप्त करूँ; किन्तु अब तक इस योजना में कोई-न-कोई बाधा आती रही।
उन्हीं येशु से हमें प्रेरित बनने का वरदान मिला है कि उनके नाम के निमित्त सब जातियों के लोग विश्वास की अधीनता स्वीकार करें।
धर्मग्रन्थ में जो कुछ पहले लिखा गया था, वह हमारी शिक्षा के लिए लिखा गया था, ताकि हमें उस से धैर्य तथा सांत्वना मिलती रहे और इस प्रकार हम अपनी आशा बनाये रख सकें।
क्या कुम्हार को यह अधिकार नहीं कि वह मिट्टी के एक ही लोंदे से एक पात्र विशिष्ट प्रयोजन के लिए बनाये और दूसरा पात्र साधारण प्रयोजन के लिए?
यह सब उदाहरण स्वरूप उन पर बीता और हमें चेतावनी देने के लिए लिखा गया है, जो युग के अन्त में विद्यमान हैं।
किन्तु परमेश्वर ने मुझे माता के गर्भ से ही अपने कार्य के लिए अलग कर लिया था और उसने अपने अनुग्रह से मुझे बुलाया;
परमेश्वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार किया है।
किन्तु आप को विश्वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।
आप के पास पहुँचा। यह समस्त संसार में फलता और बढ़ता जा रहा है। आप लोगों के यहाँ यह उस दिन से फलता और बढ़ता जा रहा है, जिस दिन आपने परमेश्वर के अनुग्रह के विषय में सुना और उसके सत्य का मर्म समझा।
मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्वास तथा सत्य का शिक्षक नियुक्त हुआ हूँ।
तुम्हें अनेक सािक्षयों के सामने मुझ से जो शिक्षा मिली, उसे तुम ऐसे विश्वस्त व्यक्तियों को सौंप दो, जो स्वयं दूसरों को शिक्षा देने योग्य हों।
मैंने तुम्हें इसलिए क्रेते द्वीप में रहने दिया कि जो कार्य वहां अधूरा रह गया है, तुम उसकी उचित व्यवस्था करो और मेरे अनुदेश के अनुसार प्रत्येक नगर में धर्मवृद्धों को नियुक्त करो।
विश्वास के कारण हाबिल ने काइन की अपेक्षा कहीं अधिक श्रेष्ठ बलि चढ़ायी। विश्वास के कारण वह धार्मिक समझा गया, क्योंकि परमेश्वर ने उसका चढ़ावा स्वीकार किया। उसकी मृत्यु हुई; किन्तु विश्वास के कारण वह आज भी बोल रहा है।
धार्मिकता शान्ति के क्षेत्र में बोयी जाती है और शान्ति स्थापित करने वाले उसका फल प्राप्त करते हैं।
मसीह को प्रभु मानकर उनपर हार्दिक श्रद्धा रखें। जो लोग आपकी आशा के आधार के विषय में आप से प्रश्न करते हैं, उन्हें विनम्रता तथा आदर के साथ उत्तर देने के लिए सदा तैयार रहें। अपना अन्त: करण शुद्ध रखें। इस प्रकार जो लोग आप को बदनाम करते हैं और आपके भले मसीही आचरण की निन्दा करते हैं, उन्हें लज्जित होना पड़ेगा।
प्रेम इसमें नहीं है कि हमने परमेश्वर से प्रेम किया, बल्कि परमेश्वर ने हम से प्रेम किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।