यूहन्ना 13:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ : तुम एक-दूसरे से प्रेम करो। जिस प्रकार मैंने तुम से प्रेम किया, उसी प्रकार तुम भी एक-दूसरे से प्रेम करो। पवित्र बाइबल “मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो। जैसा मैंने तुमसे प्यार किया है वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो। Hindi Holy Bible मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। नवीन हिंदी बाइबल मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो; जैसे मैंने तुमसे प्रेम रखा वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। सरल हिन्दी बाइबल “मैं तुम्हें एक नई आज्ञा दे रहा हूं: एक दूसरे से प्रेम करो—जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूँ, कि एक दूसरे से प्रेम रखो जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। |
तुम अपने जाति-भाई-बहिनों से प्रतिशोध न लेना, और न उनके प्रति शत्रुता रखना, वरन् अपने पड़ोसी को अपने ही समान प्रेम करना। मैं प्रभु हूँ।
तुम्हारे मध्य में निवास करने वाला प्रवासी व्यक्ति तुम्हारे लिए देशी भाई अथवा बहिन के सदृश होगा। तुम उससे अपने समान प्रेम करना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में प्रवासी थे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
परन्तु मैं तुम से कहता हूँ − अपने शत्रुओं से प्रेम करो और जो तुम पर अत्याचार करते हैं, उनके लिए प्रार्थना करो।
कि वे सब एक हों। पिता! जिस तरह तू मुझ में है और मैं तुझ में, उसी तरह वे भी हम में एक हों, जिससे संसार यह विश्वास करे कि तूने मुझे भेजा है।
आप सच्चे भाई-बहिनों की तरह एक दूसरे को हृदय से प्यार करें। हर व्यक्ति दूसरों को अपने से श्रेष्ठ माने।
प्रेम पड़ोसी के साथ अन्याय नहीं करता। इसलिए जो प्रेम करता है, वह व्यवस्था को परिपूर्ण करता है।
पारस्परिक प्रेम का ऋण छोड़ कर और किसी बात में किसी के ऋणी न बनें। जो दूसरों को प्यार करता है, उसने व्यवस्था का पूर्ण रूप से पालन किया है।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
यदि हम येशु मसीह से संयुक्त हैं, तो न तो खतने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व विश्वास का है, जो प्रेम द्वारा क्रियाशील होता है।
इसलिए जब तक हमें अवसर मिल रहा है, हम सब की भलाई करते रहें, विशेष रूप से उन लोगों की, जो विश्वास के कारण हमारे परिवार के हैं।
आप प्रेम के मार्ग पर चलें, जिस तरह मसीह ने हम लोगों से प्रेम किया और सुगन्धित भेंट तथा बलि के रूप में परमेश्वर के प्रति अपने को हमारे लिए अर्पित कर दिया।
प्रभु ऐसा करें कि जिस तरह हम आप लोगों को प्यार करते हैं, उसी तरह आपका प्रेम एक दूसरे के प्रति सब के प्रति बढ़ता और उमड़ता रहे।
भाइयो और बहिनो! आप लोगों के विषय में परमेश्वर को निरन्तर धन्यवाद देना हमारा उचित कर्त्तव्य है; क्योंकि आपका विश्वास बहुत अच्छी तरह फल-फूल रहा है और आप-सब का एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ रहा है।
धर्मग्रन्थ कहता है, “तुम अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।” यदि आप इसके अनुसार सुनहरी आज्ञा पूरी करते हैं, तो अच्छा करते हैं।
आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्य को स्वीकार किया और इस प्रकार निष्कपट भ्रातृप्रेम के लिए अपनी आत्मा को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को शुद्ध हृदय और सच्ची लगन से एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।
और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र येशु मसीह के नाम में विश्वास करें और एक दूसरे से प्रेम करें, जैसा कि मसीह ने हमें आज्ञा दी है।
इसलिए हमें मसीह से यह आदेश मिला है कि जो परमेश्वर से प्रेम करता है, उसे अपने भाई-बहिनों से भी प्रेम करना चाहिए।
अब, हे महिला! मेरा आप से एक निवेदन है। मैं आप को कोई नया आदेश नहीं, बल्कि वही आदेश लिख रहा हूँ, जो हमें प्रारम्भ से मिला है कि हम एक दूसरे से प्रेम करें।