हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर, तू धन्य है! तूने यरूशलेम में स्थित अपने इस भवन की साज-सज्जा के लिए सम्राट के हृदय में इच्छा उत्पन्न की।
यूहन्ना 13:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु अपने शिष्यों के साथ भोजन कर रहे थे। शैतान शिमोन इस्करियोती के पुत्र यूदस के मन में येशु को पकड़वाने का विचार उत्पन्न कर चुका था। पवित्र बाइबल शाम का खाना चल रहा था। शैतान अब तक शमौन इस्करियोती के पुत्र यहूदा के मन में यह डाल चुका था कि वह यीशु को धोखे से पकड़वाएगा। Hindi Holy Bible और जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय नवीन हिंदी बाइबल शैतान पहले ही शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था कि वह उसे पकड़वाए; और भोजन करते समय सरल हिन्दी बाइबल शिमओन के पुत्र कारियोतवासी यहूदाह के मन में शैतान यह विचार डाल चुका था कि वह मसीह येशु के साथ धोखा करे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय |
हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर, तू धन्य है! तूने यरूशलेम में स्थित अपने इस भवन की साज-सज्जा के लिए सम्राट के हृदय में इच्छा उत्पन्न की।
मैं रात को उठा। मेरे पास कुछ सेवक थे। मैंने अपने आगमन का अभिप्राय किसी को नहीं बताया था कि परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिए मेरे हृदय में कौन-सी इच्छा उत्पन्न की है। मेरे साथ अपनी सवारी के पशु के अतिरिक्त अन्य पशु नहीं थे।
उस समय शैतान ने यूदस [यहूदा] में प्रवेश किया। यूदस ‘इस्करियोती’ कहलाता था और उसकी गणना बारह प्रेरितों में होती थी।
वह जानते थे कि कौन उनके साथ विश्वासघात करेगा। इसलिए उन्होंने कहा, “तुम सब-के-सब शुद्ध नहीं हो।”
अत: वह भोजन से उठे। उन्होंने अपने बाहरी वस्त्र उतारे और अपनी कमर में अंगोछा बाँध लिया।
इस पर पतरस ने कहा, “हनन्याह! शैतान ने क्यों तुम्हारे हृदय पर इस प्रकार अधिकार कर लिया है कि तुम पवित्र आत्मा से झूठ बोलो और जमीन की बिक्री से प्राप्त धनराशि का कुछ अंश रख लो?
परमेश्वर को धन्यवाद, जिसने तीतुस के हृदय में आप लोगों के प्रति मेरे जैसा उत्साह उत्पन्न किया है।
हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्वभाव के कारण परमेश्वर के कोप के पात्र थे।
क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें प्रेरित किया कि वे उसका अभिप्राय पूरा करें और वे एकमत हो कर पशु को तब तक अपना राज्य सौंप दें, जब तक परमेश्वर का वचन पूरा न हो जाये।