भाइयों ने उसे दूर से देखा। उसके निकट आने के पूर्व ही उन्होंने उसकी हत्या करने का षड्यन्त्र रचा।
यूहन्ना 11:53 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी दिन से वे येशु को मार डालने का षड्यन्त्र रचने लगे। पवित्र बाइबल इस तरह उसी दिन से वे यीशु को मारने के कुचक्र रचने लगे। Hindi Holy Bible सो उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: उसी दिन से वे उसे मार डालने का षड्यन्त्र रचने लगे। नवीन हिंदी बाइबल अतः उसी दिन से वे उसे मार डालने के लिए योजना बनाने लगे। सरल हिन्दी बाइबल उस दिन से वे सब एकजुट होकर उनकी हत्या की योजना बनाने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे। |
भाइयों ने उसे दूर से देखा। उसके निकट आने के पूर्व ही उन्होंने उसकी हत्या करने का षड्यन्त्र रचा।
मैंने उनको चेतावनी दी, ‘तुम लोग शहरपनाह के बाहर डेरा क्यों डालते हो? अगर तुमने फिर ऐसा किया तो मैं तुम्हें सजा दूंगा।’ अत: वे उस समय से फिर विश्राम-दिवस पर अपना माल बेचने नहीं आए।
उस दिन से मैंने अपने सेवकों में उनका काम बांट दिया : आधे सेवक निर्माण-कार्य में लगे रहे, और आधे सेवक भाले, ढाल, धनुष और कवच धारण किए रहे। नेतागण उन समस्त यहूदियों के साथ थे,
प्रभु और उसके अभिषिक्त राजा के विरोध में, संसार के राजाओं ने संकल्प किया है, शासकों ने एक साथ मन्त्रणा की है।
मैं चारों ओर आतंक की फुसफुसाहट सुनता हूँ। मानो उन्होंने मेरे विरुद्ध मिलकर सम्मति की है; और मेरे प्राण लेने को षड्यन्त्र रचा है।
मेरे प्राण की घात में रहने वाले परस्पर सम्मति करते हैं। मेरे शत्रु मेरे विषय में यह बात कहते हैं:
यिर्मयाह ने सिदकियाह को उत्तर दिया, ‘महाराज, अगर मैं सच बात आप से कहूं, तो आप निस्सन्देह मेरा वध कर देंगे। और अगर मैं आप को कोई सलाह दूं, तो वह भी आप नहीं मानेंगे।’
उच्चाधिकारियों ने राजा से कहा, ‘इस आदमी को अवश्य मार डालना चाहिए; क्योंकि यह नगर में बचे हुए सैनिकों का मनोबल घटा रहा है। वह अपनी इन बातों से नगरवासियों की हिम्मत तोड़ रहा है। इस आदमी को अपने लोगों के हित की चिंता नहीं है, बल्कि यह उनका अनिष्ट खोज रहा है।’
इस पर फरीसी सभागृह से बाहर निकले, और उन्होंने येशु के विरुद्ध यह परामर्श किया कि हम किस तरह उनका विनाश करें।
उस समय से येशु अपने शिष्यों को यह समझाने लगे कि “मुझे यरूशलेम जाना ही होगा। यह अनिवार्य है कि मैं वहाँ धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दु:ख उठाऊं, मार डाला जाऊं और तीसरे दिन जीवित हो उठूँ।”
इसके उत्तर में कोई भी फरीसी येशु से एक शब्द भी नहीं बोल सका और उस दिन से किसी को उन से और प्रश्न करने का साहस नहीं हुआ।
उन्होंने आपस में यह परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को छल से गिरफ्तार करें और उन्हें मार डालें।
महापुरोहित और सारी धर्म-महासभा येशु को मार डालने के उद्देश्य से उनके विरुद्ध झूठी गवाही खोज रही थी,
पास्का (फसह) तथा बेखमीर रोटी के पर्व में दो दिन रह गये थे। महापुरोहित और शास्त्री येशु को छल से गिरफ्तार करने और उनको मार डालने का उपाय ढूँढ़ रहे थे।
इस पर फरीसी बाहर निकल कर तुरन्त हेरोदेस-दल के साथ येशु के विरुद्ध परामर्श करने लगे कि हम किस तरह उनका विनाश करें।
तब महापुरोहितों और फरीसियों ने धर्म-महासभा बुला कर कहा, “हम क्या करें? यह मनुष्य बहुत आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखा रहा है।
इसके पश्चात् येशु गलील प्रदेश में भ्रमण करने लगे। वह यहूदा प्रदेश में भ्रमण करना नहीं चाहते थे, क्योंकि यहूदी धर्मगुरु उन्हें मार डालने की ताक में थे।
यह सुन कर धर्म-महासभा के सदस्य आग-बबूला हो गए और उन्होंने प्रेरितों को मार डालना चाहा।