मैं प्रभु के निश्चय की घोषणा करूंगा : उसने मुझसे यह कहा है : “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है।
यूहन्ना 1:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण है। पवित्र बाइबल उस आदि शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने परम पिता के एकमात्र पुत्र के रूप में उसकी महिमा का दर्शन किया। वह करुणा और सत्य से पूर्ण था। Hindi Holy Bible और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। नवीन हिंदी बाइबल वचन देहधारी हुआ और हमारे बीच में डेरा किया। हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। वह अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण था। सरल हिन्दी बाइबल वचन ने शरीर धारण कर हमारे मध्य तंबू के समान वास किया और हमने उनकी महिमा को अपना लिया—ऐसी महिमा को, जो पिता के एकलौते पुत्र की होती है—अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (1 यूह. 4:9) |
मैं प्रभु के निश्चय की घोषणा करूंगा : उसने मुझसे यह कहा है : “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है।
आप पुरुषों में सर्वसुन्दर हैं। आपके ओंठों से माधुर्य टपकता है। अत: परमेश्वर ने युग-युगांत आपको आशिष दी है।
निश्चय प्रभु का उद्धार उन लोगों के समीप है जो उससे डरते हैं; प्रभु की महिमा हमारे देश में निवास करेगी।
तब प्रभु की महिमा प्रकट होगी, और समस्त मनुष्यजाति उसको एक-साथ देखेगी। प्रभु ने अपने मुख से यह कहा है।”
प्रभु का सेवक एक नन्हा पौधा-जैसा उसके सम्मुख उगा; वह जड़ के सदृश शुष्क भूमि से फूटा। उसमें न रूप था, और न आकर्षण कि हम उसे देखते; उसमें सुन्दरता भी न थी, कि हम उसकी कामना करते।
अत: स्वयं स्वामी तुम्हें एक संकेत-चिह्न देगा: देखो, एक कन्या गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्म देगी। वह उसका नाम ‘इम्मानुएल’ रखेगी।
‘मेरा निवास-स्थान उनके मध्य में सदा विद्यमान रहेगा। वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊंगा।
और याकूब से यूसुफ उत्पन्न हुआ, जो मरियम का पति था। मरियम से येशु उत्पन्न हुए, जो मसीह कहलाते हैं।
और उसने अपने पहिलौठे पुत्र को जन्म दिया और उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में लिटा दिया; क्योंकि उनके लिए सराय में जगह नहीं थी।
पतरस और उसके साथी नींद में डूबे हुए थे; किन्तु अब पूरी तरह जाग गये। उन्होंने येशु की महिमा को और उनके साथ खड़े उन दो पुरुषों को देखा।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “क्या मैंने तुम से यह नहीं कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी, तो परमेश्वर की महिमा देखोगी?”
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
येशु ने कहा, “फिलिप! मैं इतने समय तक तुम लोगों के साथ रहा, फिर भी तुम ने मुझे नहीं जाना? जिसने मुझे देखा है, उसने पिता को भी देखा है। फिर तुम यह क्या कहते हो : ‘हमें पिता के दर्शन कराइए’?
“तू ने मुझे जो महिमा प्रदान की, वह मैंने उन्हें दे दी है, कि जैसे हम एक हैं, वैसे वे भी एक हों :
“पिता! मैं चाहता हूँ कि तूने जिन्हें मुझे सौंपा है, वे, जहाँ मैं हूँ, मेरे साथ रहें, जिससे वे मेरी महिमा देख सकें, जो तूने मुझे प्रदान की है; क्योंकि तूने संसार की नींव रखी जाने से पूर्व मुझ से प्रेम किया है।
इस पर पिलातुस ने उनसे कहा, “तो, तुम राजा हो?” येशु ने उत्तर दिया, “आप ही कह रहे हैं कि मैं राजा हूँ। मैं इसलिए जन्मा और इसलिए संसार में आया हूँ कि सत्य के विषय में साक्षी दूँ। जो सत्य का है, वह मेरी वाणी सुनता है।”
येशु ने अपना यह पहला आश्चर्यपूर्ण चिह्न गलील के काना नगर में दिखाया। इस प्रकार उन्होंने अपनी महिमा प्रकट की और उनके शिष्यों ने उन में विश्वास किया।
“परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे।
“जो पुत्र में विश्वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता है। जो विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; क्योंकि वह परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं करता।
स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवन्त रोटी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खायेगा, तो वह सदा जीवित रहेगा। और जो रोटी मैं दूँगा, वह मेरी देह है जो मैं संसार के जीवन के लिए अर्पित करूँगा।”
उसे उनकी संतान के लिए, अर्थात् हमारे लिए पूरा किया है। उसने येशु को पुनर्जीवित किया है, जैसा कि भजन संख्या दो में लिखा है, ‘तू मेरा पुत्र है। आज मैंने तुम को उत्पन्न किया है।’
मानव स्वभाव की दुर्बलता के कारण मूसा की व्यवस्था जो कार्य करने में असमर्थ थी, वह कार्य परमेश्वर ने कर दिया है। उसने पाप के प्रायश्चित्त के लिए अपने पुत्र को भेजा, जिसने पापी मनुष्य के सदृश शरीर धारण किया। इस प्रकार परमेश्वर ने मानव शरीर में पाप को दण्डित किया,
महान पूर्वज उन्हीं के हैं और शरीर के नाते मसीह उन्हीं में से हैं। परम प्रधान परमेश्वर की युगानुयुग स्तुति हो! आमेन!
किन्तु प्रभु ने कहा-“मेरी कृपा तुम्हारे लिए पर्याप्त है, क्योंकि तुम्हारी दुर्बलता में मेरा सामर्थ्य पूर्ण रूप से प्रकट होता है।” इसलिए मैं बड़ी खुशी से अपनी दुर्बलताओं पर गौरव करूँगा, जिससे मसीह का सामर्थ्य मुझ पर छाया रहे।
किन्तु समय पूरा हो जाने पर परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा। वह एक नारी से उत्पन्न हुए और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुए,
मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।
यह पुत्र, परमेश्वर की महिमा का प्रतिबिम्ब और उसके तत्व का प्रतिरूप है। यह पुत्र अपने शक्तिशाली शब्द द्वारा समस्त सृष्टि को बनाये रखता है। उसने मनुष्यों को पापों से शुद्ध किया और वह उच्च स्वर्ग में महामहिम परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हुआ।
क्या परमेश्वर ने कभी किसी स्वर्गदूत से यह कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे उत्पन्न किया है” और “मैं उसके लिए पिता बन जाऊंगा और वह मेरा पुत्र होगा”?
इसलिए मसीह ने संसार में आ कर यह कहा : “तूने न तो यज्ञ चाहा और न चढ़ावा, किन्तु तूने मेरे लिए एक शरीर तैयार किया है।
जो पवित्र करता है और जो पवित्र किये जाते हैं, उन सब का पिता एक ही है; इसलिए येशु को उन्हें अपने भाई-बहिन मानने में लज्जा नहीं होती
इसी प्रकार, मसीह ने अपने को महापुरोहित बनने का गौरव नहीं प्रदान किया; किन्तु परमेश्वर ने किया और उन से कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज मैं ने तुझे उत्पन्न किया है।”
पिता ने अपने पुत्र को संसार के उद्धारकर्ता के रूप में भेजा। हमने यह देखा है और हम इसकी साक्षी देते हैं।
परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में इसलिए भेजा कि हम उसके द्वारा जीवन प्राप्त करें।
भ्रम में डालनेवाले बहुत-से उपदेशक संसार में फैल गये हैं। वे यह नहीं मानते कि येशु मसीह देहधारण कर आये थे। यह भ्रम में डालने वाले और मसीह-विरोधी का लक्षण है।
तब मुझे सिंहासन से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्यों के बीच परमेश्वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्वर स्वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्वर होगा।