यिर्मयाह 6:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे कुंए में ताजा पानी भरता रहता है, वैसे ही यह नगर नित्य नए दुष्कर्म करता है। हिंसा और विनाश की चीख-पुकार इस नगर में सदा सुनाई पड़ती है। बीमारी और घावों के दृश्य सदा मेरे सम्मुख उपस्थित रहते हैं। पवित्र बाइबल जैसे कुँआ अपना पानी स्वच्छ रखता है उसी प्रकार यरूशलेम अपनी दुष्टता को नया बनाये रखता है। इस नगर में हिंसा और विध्वंस सुना जाता हैं। मैं सदैव यरूशलेम की बीमारी और चोटों को देख सकता हूँ। Hindi Holy Bible जैसा कूएं में से नित्य नया जल निकला करता है, वैसा ही इस नगर में से नित्य नई बुराई निकलती है; इस में उत्पात और उपद्रव का कोलाहल मचा रहता है; चोट और मारपीट मेरे देखने में निरन्तर आती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा कूएँ में से नित्य नया जल निकला करता है, वैसा ही इस नगर में से नित्य नई बुराई निकलती है; इसमें उत्पात और उपद्रव का कोलाहल मचा रहता है; चोट और मारपीट मेरे देखने में निरन्तर आती है। सरल हिन्दी बाइबल जिस प्रकार कुंआ अपने पानी को ढालता रहता है, उसी प्रकार वह भी अपनी बुराई को निकालती रहती है. उसकी सीमाओं के भीतर हिंसा तथा विध्वंस का ही उल्लेख होता रहता है; मुझे वहां बीमारी और घाव ही दिखाई देते रहते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जैसा कुएँ में से नित्य नया जल निकला करता है, वैसा ही इस नगर में से नित्य नई बुराई निकलती है; इसमें उत्पात और उपद्रव का कोलाहल मचा रहता है; चोट और मारपीट मेरे देखने में निरन्तर आती है। |
सिर से पैर तक, तुममें स्वास्थ्य का चिह्न नहीं रहा, केवल घाव, चोट और सड़े हुए जख्म! उनका न मवाद पोंछा गया, न उनपर पट्टी बांधी गई, और न तेल लगाकर उन्हें ठण्डा ही किया गया।
परन्तु दुर्जन व्यक्ति उमड़ते हुए समुद्र के समान है, जो कभी शान्त नहीं होता, जिसका जल कीचड़ और कचरा उछालता रहता है।’
उनके जालों से कपड़ा नहीं बनेगा; जो वे बुनते हैं, उनसे मनुष्य अपने शरीर को ढक नहीं सकता। उनके काम केवल दुष्कर्म हैं, उनके हाथों से सिर्फ हिंसा के काम होते हैं।
क्योंकि जब-जब मैं जोर से बोलता हूं, तब-तब मेरे ओठों से बड़े जोर-शोर से ‘हिंसा और विनाश’ की नबूवत ही निकलती है। प्रभु तेरा वचन मेरे लिए निन्दा और अपमान का कारण बन गया, और मैं यह दिन-भर सहता हूं।
तुझे न्याय दिलानेवाला कोई नहीं है। तेरे घाव की कोई दवा नहीं है; तेरा रोग स्वस्थ नहीं होगा।
तू अपनी चोट के लिए क्यों चिल्लाती है? तेरे दर्द का कोई इलाज नहीं है। क्योंकि तूने बड़े-बड़े दुष्कर्म किए हैं, तेरे पाप गंभीर हैं। इसीलिए मैंने तेरे साथ यह व्यवहार किया है।
‘यिर्मयाह! यह नगर जब से आबाद हुआ है तब से आज तक मेरे क्रोध और रोष को भड़काता आया है। अत: मैं इस को अपने सामने से हटा दूंगा।
क्या गिलआद प्रदेश की बलसान औषधि समाप्त हो गई? क्या वहां अब वैद्य भी नहीं रहे? तब मेरे लोगों के घाव क्यों नहीं भर रहे हैं?
वे तेरे कुशल-मंगल के लिए झूठे दर्शन देखते हैं, तेरे लिए झूठे शकुन विचारते हैं। ओ तलवार, तू महा-अशुद्ध दुर्जनों की गर्दन पर चल! उनका अन्तकाल आ गया, उनके अंतिम दण्ड का समय आ गया।
जो हत्या इस नगरी ने की है, उसका खून अब तक विद्यमान है। उसने खून को रेत से ढांपने के लिए भूमि पर नहीं उण्डेला है। वरन् उसको नंगी चट्टान पर उण्डेला है।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल के शासको, बहुत हुआ! अब शोषण और अत्याचार करना बन्द करो, और धर्म तथा न्याय से शासन करो। मेरे निज लोगों की भूमि लूटना बन्द करो।’ स्वामी-प्रभु की यह वाणी है।
हिंसा बढ़कर दुष्कर्म की लाठी बन गई थी। ओ इस्राएलियो, तुममें से एक भी जन जीवित नहीं रहेगा। न तुम्हारे वैभव की प्रचुरता रहेगी और न तुम्हारी धन-सम्पत्ति। तुम्हारे विनाश पर आंसू बहानेवाला भी कोई नहीं होगा।
वे उसको खाली कर देंगे। ‘सारा देश और यरूशलेम नगर रक्तपात और हिंसात्मक कार्यों से भर गया है।