ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन जब नगर में भयंकर अकाल था, और आम जनता को भोजन नहीं मिल रहा था,
यिर्मयाह 52:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) नगर में भयंकर अकाल पड़ गया। यहूदा प्रदेश में लोगों के पास खाने को अन्न नहीं रहा। हाहाकार मच गया। अत: चौथे महीने की नौवीं तारीख को पवित्र बाइबल उस वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन भुखमरी की हालत बहुत खराब थी। नगर में खाने के लिये कुछ भी भोजन नहीं रह गया था। Hindi Holy Bible चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में महंगी यहां तक बढ़ गई, कि लोगों के लिये कुछ रोटी न रही। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में महँगी यहाँ तक बढ़ गई, कि लोगों के लिये कुछ रोटी न रही। सरल हिन्दी बाइबल चौथे महीने के नवें दिन से नगर में अकाल ऐसा भयंकर हो गया कि नागरिकों के लिए कुछ भी भोजन न बचा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में अकाल यहाँ तक बढ़ गई, कि लोगों के लिये कुछ रोटी न रही। |
ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन जब नगर में भयंकर अकाल था, और आम जनता को भोजन नहीं मिल रहा था,
देखो, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, स्वामी, यरूशलेम नगर से, यहूदा प्रदेश से जीवन का आधार और सहारा समस्त भोजन-वस्तु का आधार, सम्पूर्ण पेय-जल का आधार छीन रहा है।
अगर यहूदा प्रदेश के लोग तुझ से पूछें कि हम कहां जाएं, तो तू उनसे यह कहना: ‘प्रभु यों कहता है, “जो महामारी से मरनेवाले हैं, वे महामारी के मुंह में चले जाएं; जो तलवार से मौत के घाट उतरनेवाले हैं, वे तलवार से घात होने चले जाएं। जो अकाल से मरनेवाले हैं, वे अकाल की छाया में चले जाएं; और जिनको बन्दी होकर निष्कासित होना है, वे निष्कासन में चले जाएं!”
जब उनके शत्रु और उनके प्राण के खोजी यरूशलेम नगर को घेर लेंगे, और यहूदा प्रदेश संकट में पड़ जाएगा तब हर आदमी अपने पड़ोसी का मांस खाएगा। मैं मां-बाप को उनके बेटों और बेटियों का मांस खिलाऊंगा।”
जो मनुष्य इस नगर में ठहरेगा, वह तलवार, अकाल और महामारी से मार डाला जाएगा। किन्तु जो मनुष्य इस नगर से बाहर निकलेगा, और तुम लोगों को घेरनेवाली कसदी सेना के सामने अपने हथियार डाल देगा, वह जीवित रहेगा। युद्ध की लूट की तरह उसका प्राण बच जाएगा।
मैं इनको इतना दु:ख दूंगा कि ये हंसना-गाना भूल जाएंगे। दूल्हा और दुल्हिन के मुंह से भी आनन्द-उल्लास की आवाज नहीं निकलेगी। स्त्रियाँ चक्की पीसना भूल जाएंगी, और घरों में दीपक नहीं जलेंगे।
अत: राजा सिदकियाह ने आदेश दिया, और सिपाहियों ने यिर्मयाह को राजमहल के पहरे के आंगन में रख दिया। जब तक नगर में रोटी उपलब्ध रही, यिर्मयाह को रोटी वालों की गली से प्रति दिन एक रोटी मिलती रही। इस प्रकार यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहने लगे।
एबेदमेलेक ने राजा से निवेदन किया, ‘महाराज, मेरे मालिक, इन उच्चाधिकारियों ने नबी यिर्मयाह को अन्धे-कुएं में डाल कर बुरा काम किया है। नबी यिर्मयाह अंधे-कुएं में भूख से मर जाएंगे; नगर में भी रोटी का काल पड़ गया है।’
सिदकियाह के राज्य-काल के ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन नगर की शहरपनाह में दरार पड़ गई, और उसको शत्रु सेना ने गिरा दिया।
अब उसके सब निवासी कराहते हुए भोजन की तलाश में भटक रहे हैं। वे अपने प्राण बचाने के लिए बहुमूल्य वस्तुओं के बदले में भोजन खरीद रहे हैं। ‘हे प्रभु, मेरे कष्ट को देख, मुझ पर ध्यान दे! क्योंकि मैं कितनी तिरस्कृत हो गई हूं।’
‘ओ मानव, जब किसी देश के निवासी अधर्म करने लगते हैं, और यों मुझ से विश्वासघात कर पाप करते हैं, तब मैं उनको दण्ड देने के लिए उन पर हाथ उठाता हूँ। मैं उनका “रोटी का आधार” तोड़ देता हूँ और उन पर अकाल भेजता हूं। मैं वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर देता हूँ।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : मैं यरूशलेम नगर को दण्ड देने के लिए उस पर चार विपत्तियां भेजूंगा : शत्रु की तलवार, अकाल, खूंखार पशु और महामारी। ये चारों विपत्तियां वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर देंगी।
निष्कासन के ग्यारहवें वर्ष के तीसरे महीने की पहली तारीख को प्रभु का यह सन्देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,
मैं तुझे नष्ट करने के लिए, तुझ पर अकाल के घातक तीर चलाऊंगा, विनाश के बाण मारूंगा, तुझ पर भयंकर से भयंकर अकाल लाऊंगा और तेरी “रोटी का आधार” तोड़ दूंगा।
नगर के बाहर शत्रु की तलवार लटक रही है, और नगर के भीतर महामारी तथा अकाल की छाया है। जो नगर के बाहर मैदान में है, वह शत्रु की तलवार से मौत के घाट उतर जाता है; और जो नगर के भीतर है, उसको महामारी और अकाल खा जाते हैं।
मैं तुम्हारे जीवन का आधार चूर-चूर कर दूंगा। दस स्त्रियां एक ही तन्दूर पर रोटियां बनाएंगी, और वे तुम्हें रोटी तौल-तौलकर देंगी। तुम रोटियां खाओगे, पर तृप्त नहीं होगे।
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने के उपवास-दिवस यहूदा के वंशजों के लिए आनन्द और हर्ष के दिन होंगे, उत्सव के पर्व होंगे। अत: सच्चाई और शान्ति से प्रेम करो।
अकाल उन्हें तबाह कर देगा, घोर ताप से वे भस्म हो जाएंगे; असाध्य महामारियां उन्हें घेर लेंगी, मैं उनके विरुद्ध हिंसक पशु, भूमि पर रेंगनेवाले विषैले जन्तु भेजूंगा।