राजा योशियाह के पश्चात् उसके पुत्र यहोयाकीम के राज्य-काल में भी प्रभु का सन्देश यिर्मयाह को मिला। राजा योशियाह के पुत्र सिदकियाह के राज्य-काल के ग्यारहवें वर्ष के अन्त तक प्रभु का सन्देश यिर्मयाह को मिलता रहा। इसी वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम के निवासी गुलाम बनकर यहूदा प्रदेश से निष्कासित हुए।
मैं उनको आदेश दूंगा, और वे पुन: इस नगर को लौटेंगे। वे इस पर आक्रमण करेंगे, और इस पर अधिकार कर लेंगे। वे इस को आग में भस्म कर देंगे। सुनो, मैं यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ दूंगा, वे निर्जन हो जाएंगे।’
प्रभु ने कहा, ‘ओ इस्राएल के बैरियो, ओ यहूदा के शत्रुओ, उसकी अंगूर की क्यारियों में से होकर जाओ, और अंगूर-उद्यान को नष्ट कर दो (पर पूर्णत: नष्ट मत करना); उसकी बेल-लताएं तोड़ डालो; क्योंकि यह उद्यान अब मेरा नहीं रहा।
बेबीलोन में निष्कासन के बारहवें वर्ष के दसवें महीने की पांचवीं तारीख को एक आदमी मेरे पास आया। वह यरूशलेम नगर से प्राण बचा कर भाग आया था। उसने मुझ से कहा, ‘यरूशलेम नगर का पतन हो गया।’
तब लोहे का एक तवा ले, और उसको दीवार के रूप में रख दे : यह तेरे और नगर के मध्य मानो लोहे की दीवार होगी। तू नगर की ओर मुँह कर, और उसको घेर ले। घेराव की स्थिति बनाए रख। यह रेखाचित्र इस्राएल-कुल की स्थिति का संकेत-चिह्न है।
जब यरूशलेम की घेराबन्दी के दिन पूरे हो जाएंगे, तब बालों के एक भाग को नगर के भीतर आग में जला देना, और दूसरे भाग को नगर के चारों ओर तलवार से टुकड़े-टुकड़े कर देना। शेष तिहाई भाग को हवा में उड़ा देना और मैं तलवार खींच कर उसके पीछे चलाऊंगा।
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने के उपवास-दिवस यहूदा के वंशजों के लिए आनन्द और हर्ष के दिन होंगे, उत्सव के पर्व होंगे। अत: सच्चाई और शान्ति से प्रेम करो।