अहाब ने एलियाह से कहा, ‘ओ मेरे शत्रु! तू मुझसे फिर मिलने आ गया?’ एलियाह ने उत्तर दिया, ‘मैं आपसे इसलिए मिलने आया हूं, क्योंकि आपने प्रभु की दृष्टि में दुष्कर्म किया है, और अपनी आत्मा को बेच दिया है।
यिर्मयाह 38:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उच्चाधिकारियों ने राजा से कहा, ‘इस आदमी को अवश्य मार डालना चाहिए; क्योंकि यह नगर में बचे हुए सैनिकों का मनोबल घटा रहा है। वह अपनी इन बातों से नगरवासियों की हिम्मत तोड़ रहा है। इस आदमी को अपने लोगों के हित की चिंता नहीं है, बल्कि यह उनका अनिष्ट खोज रहा है।’ पवित्र बाइबल तब जिन राजकीय अधिकारियों ने यिर्मयाह के उस कथन को सुना जिसे वह लोगों से कह रहा था, वे राजा सिदकिय्याह के पास गए। उन्होंने राजा से कहा, “यिर्मयाह को अवश्य मार डालना चाहिये। वह उन सैनिकों को भी हतोत्साहित कर रहा है जो अब तक नगर में हैं। यिर्मयाह जो कुछ कह रहा है उससे वह हर एक का साहस तोड़ रहा है। यिर्मयाह हम लोगों का भला होता नहीं देखना चाहता। वह यरूशलेम के लोगों को बरबाद करना चाहता है।” Hindi Holy Bible इसलिये उन हाकिमों ने राजा से कहा कि उस पुरुष को मरवा डाल, क्योंकि वह जो इस नगर में बचे हुए योद्धाओं और अन्य सब लोगों से ऐसे ऐसे वचन कहता है जिस से उनके हाथ पांव ढीले हो जाते हैं। क्योंकि वह पुरुष इस प्रजा के लोगों की भलाई नहीं वरन बुराई ही चाहता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये उन हाकिमों ने राजा से कहा, “उस पुरुष को मरवा डाल, क्योंकि वह जो इस नगर में बचे हुए योद्धाओं और अन्य सब लोगों से ऐसे ऐसे वचन कहता है जिससे उनके हाथ–पाँव ढीले पड़ जाते हैं। क्योंकि वह पुरुष इस प्रजा के लोगों की भलाई नहीं वरन् बुराई ही चाहता है।” सरल हिन्दी बाइबल यह सुन अधिकारियों ने राजा के समक्ष प्रस्ताव रखा, “अब तो इस व्यक्ति को प्राण-दंड दिया जाना ही उपयुक्त होगा, क्योंकि इसकी इस वाणी से इस नगर में शेष रह गए सैनिकों तथा शेष रह गई सारी प्रजा के मनोबल का ह्रास हो रहा है. यह व्यक्ति प्रजा की हितकामना नहीं, बल्कि संकट का ही प्रयास कर रहा है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए उन हाकिमों ने राजा से कहा, “उस पुरुष को मरवा डाल, क्योंकि वह जो इस नगर में बचे हुए योद्धाओं और अन्य सब लोगों से ऐसे-ऐसे वचन कहता है जिससे उनके हाथ पाँव ढीले हो जाते हैं। क्योंकि वह पुरुष इस प्रजा के लोगों की भलाई नहीं वरन् बुराई ही चाहता है।” |
अहाब ने एलियाह से कहा, ‘ओ मेरे शत्रु! तू मुझसे फिर मिलने आ गया?’ एलियाह ने उत्तर दिया, ‘मैं आपसे इसलिए मिलने आया हूं, क्योंकि आपने प्रभु की दृष्टि में दुष्कर्म किया है, और अपनी आत्मा को बेच दिया है।
किन्तु उन लोगों ने जकर्याह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचा, और राजा के आदेश से उसको प्रभु-भवन के आंगन में पत्थर मार-मार कर मार डाला।
‘महाराज को यह मालूम हो कि जो यहूदी आपके देश से हमारी ओर आए थे, वे यरूशलेम नगर को चले गए हैं और वे उस विद्रोही तथा दुष्ट नगर का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। वे नींवें खोद चुके हैं, और शहरपनाह की दीवारें खड़ी होने लगी हैं।
वस्तुत: वे हमें डराना चाहते थे। वे यह सोचते थे : ‘डर के मारे उनके हाथ-पैर ठण्डे पड़ जाएंगे और निर्माण-कार्य बन्द हो जाएगा।’ पर, हे परमेश्वर, तू मेरे हाथ मजबूत कर!
मिस्र देश के राजा ने उनसे कहा, ‘मूसा और हारून! क्यों तुम इस्राएलियों से उनका काम-धन्धा छुड़वाना चाहते हो? जाओ, अपना भारी बोझ का काम करो।’
अत: प्रभु ने अनातोत नगर के निवासियों के सम्बन्ध में मुझ से यह कहा है, ‘ये लोग तेरे प्राण के खोजी थे, और तुझ से कहते थे, “प्रभु के नाम से नबूवत करना बन्द कर। अन्यथा तू हमारे हाथों से मरेगा।” ’
प्रभु, तू जानता है कि उन्होंने मेरी हत्या का षड्यन्त्र रचा है। तू उनका यह दुष्कर्म क्षमा मत करना। अपनी दृष्टि से उनका पाप मत मिटाना। प्रभु वे तेरे सामने ही लड़खड़ा कर गिरें; जब तेरी क्रोधाग्नि भड़क उठे, तब तू उनको उनके षड्यन्त्र का फल देना।
पुरोहितों और नबियों ने उच्चाधिकारियों और जनता से कहा, ‘यह आदमी मृत्यु-दण्ड के योग्य है। आप लोगों ने स्वयं अपने कानों से सुना है कि इस ने हमारे इस नगर के विरुद्ध नबूवत की है।’
‘किन्तु जिस नगर में मैंने तुमको निष्कासित किया है, उस के कल्याण के लिए तुम प्रयत्न करो, और उसके हित के लिए तुम मुझ से प्रार्थना करो; क्योंकि उस के हित में तुम्हारा हित है।
तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह से गुप्त शपथ खाई। उसने कहा, ‘जिसने हमारा यह जीव रचा है, उस जीवंत प्रभु की सौगन्ध, मैं तुम्हारा वध नहीं करूंगा, और न तुम्हारे शत्रुओं के हाथ में तुम्हें सौंपूंगा, जो तुम्हारे प्राण के ग्राहक हैं।’
यदि वे यह सुनेंगे कि मैंने तुमसे गुप्त मंत्रणा की है, तो वे तुम्हारे पास आएंगे और तुमसे यह पूछेंगे कि तुमने मुझसे क्या-क्या कहा और मैंने तुमसे क्या कहा है। वे तुमसे कहेंगे, “हम से मत छिपाओ : हम तुम्हारा वध नहीं करेंगे। हमें यह भी बताओ कि महाराज ने तुमसे क्या कहा है।”
किन्तु बारूक बेन-नेरियाह ने आपको हमारे विरुद्ध भड़काया है। वह चाहता है कि हम कसदी सेना के हाथ में सौंप दिए जाएं, और वे हमें मार डालें, हमें गुलाम बनाकर बेबीलोन ले जाएं।’
सच तो यह है कि तेरे उच्चाधिकारी भेड़िये हैं। वे भेड़ियों के समान शिकार को चीरते-फाड़ते हैं, खून बहाते हैं, अनुचित लाभ के लिए हत्या करते हैं।
बेत-एल की वेदी के पुरोहित अमस्याह ने राजा यारोबआम के पास यह सन्देश भेजा, ‘आमोस आपके विरुद्ध इस्राएल प्रदेश के लोगों में षड्यन्त्र रच रहा है। अब देश उसके शब्दों को और अधिक नहीं सह सकता।
वे यह कहते हुए येशु पर अभियोग लगाने लगे, “हम ने इस मनुष्य को हमारी जाति को पथभ्रष्ट करते, सम्राट को कर देने से लोगों को मना करते और अपने आप को मसीह एवं राजा कहते सुना है।”
उन्होंने पौलुस और सीलास को दण्डाधिकारियों के सामने पेश किया और कहा, “ये व्यक्ति हमारे शहर में अशान्ति फैला रहे हैं। ये यहूदी हैं
उन्हें न पा कर वे यासोन और कई भाइयों को यह चिल्लाते हुए नगर-अधिकारियों के पास खींच ले गये, “ये लोग, जो सारी दुनिया को उलट-पुलट कर रहे हैं, अब यहाँ आ पहुँचे हैं।
हमारा अनुभव है कि यह मनुष्य संक्रामक रोग के सदृश है। यह दुनिया भर के सब यहूदियों में आंदोलन करता-फिरता है और नासरी कुपंथ का मुखिया है।
किन्तु हम आप से आपके विचार सुनना चाहते हैं, क्योंकि हमें मालूम है कि इस पंथ का सर्वत्र विरोध हो रहा है।”