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प्रेरितों के काम 24:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 हमारा अनुभव है कि यह मनुष्‍य संक्रामक रोग के सदृश है। यह दुनिया भर के सब यहूदियों में आंदोलन करता-फिरता है और नासरी कुपंथ का मुखिया है।

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पवित्र बाइबल

5 बात यह है कि इस व्यक्ति को हमने एक उत्पाती के रूप में पाया है। सारी दुनिया केयहूदियों में इसनेदंगे भड़कवाए हैं। यह नासरियों के पंथ का नेता है।

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Hindi Holy Bible

5 क्योंकि हम ने इस मनुष्य को उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा कराने वाला, और नासरियों के कुपन्थ का मुखिया पाया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 क्योंकि हम ने इस मनुष्य को उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा करानेवाला, और नासरियों के कुपन्थ का मुखिया पाया है।

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नवीन हिंदी बाइबल

5 क्योंकि हमने पाया है कि यह मनुष्य एक महामारी जैसा है जो संसार के सारे यहूदियों में दंगे भड़काता है और नासरियों के कुपंथ का नेता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

5 “यह व्यक्ति हमारे लिए वास्तव में कष्टदायक कीड़ा साबित हो रहा है. यह एक ऐसा व्यक्ति है, जो विश्व के सारे यहूदियों के बीच मतभेद पैदा कर रहा है. यह एक कुख्यात नाज़री पंथ का मुखिया भी है.

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प्रेरितों के काम 24:5
32 क्रॉस रेफरेंस  

तब हामान ने सम्राट क्षयर्ष से यह कहा, ‘महाराज, आपके साम्राज्‍य के समस्‍त प्रदेशों के निवासियों में एक ऐसी कौम यहाँ-वहाँ बस गई है, जिसके रीति-रिवाज उन प्रदेशों के निवासियों से भिन्न हैं। उस कौम के लोग महाराज के नियमों का पालन नहीं करते हैं। यह महाराज के हित में न होगा कि आप उनकी उपेक्षा करते रहें।


किन्‍तु जब वह यरूशलेम की दीवार से बिन्‍यामिन-द्वार पर पहुंचे, तब उनको यिरियाह नामक पहरेदार ने पकड़ लिया। यिरियाह शेलेम्‍याह बेन-हनन्‍याह का पुत्र था। पहरेदार ने कहा, ‘तुम कसदी सेना के पास भाग रहे हो।’


उच्‍चाधिकारियों ने राजा से कहा, ‘इस आदमी को अवश्‍य मार डालना चाहिए; क्‍योंकि यह नगर में बचे हुए सैनिकों का मनोबल घटा रहा है। वह अपनी इन बातों से नगरवासियों की हिम्‍मत तोड़ रहा है। इस आदमी को अपने लोगों के हित की चिंता नहीं है, बल्‍कि यह उनका अनिष्‍ट खोज रहा है।’


बेत-एल की वेदी के पुरोहित अमस्‍याह ने राजा यारोबआम के पास यह सन्‍देश भेजा, ‘आमोस आपके विरुद्ध इस्राएल प्रदेश के लोगों में षड्‍यन्‍त्र रच रहा है। अब देश उसके शब्‍दों को और अधिक नहीं सह सकता।


शिष्‍य के लिए अपने गुरु-जैसा और सेवक के लिए अपने स्‍वामी-जैसा बन जाना ही बहुत है। यदि लोगों ने घर के स्‍वामी को बअलजबूल कहा है, तो वे उसके घर वालों को क्‍या कुछ नहीं कहेंगे?


वहाँ वह नासरत नामक नगर में जा कर बस गया। इस प्रकार नबियों का यह कथन पूरा हुआ : “वह नासरी कहलाएगा।”


“नासरत-निवासी येशु! हमें आपसे क्‍या काम? क्‍या आप हमें नष्‍ट करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं : परमेश्‍वर के भेजे हुए पवित्र जन!”


बरअब्‍बा नगर में हुए विद्रोह के कारण तथा हत्‍या के अपराध में कैद किया गया था।


वे यह कहते हुए येशु पर अभियोग लगाने लगे, “हम ने इस मनुष्‍य को हमारी जाति को पथभ्रष्‍ट करते, सम्राट को कर देने से लोगों को मना करते और अपने आप को मसीह एवं राजा कहते सुना है।”


उसने उस मनुष्‍य को तो मुक्‍त कर दिया जो विद्रोह और हत्‍या के कारण कैद किया गया था और जिसे वे छोड़ने की माँग कर रहे थे, परन्‍तु येशु को लोगों की इच्‍छा पर छोड़ दिया।


उन्‍होंने यह कहते हुए आग्रह किया, “यह गलील प्रदेश से ले कर यहाँ तक यहूदा प्रदेश के कोने-कोने में अपनी शिक्षा से जनता को विद्रोह के लिए भड़काता है।”


फरीसी सम्‍प्रदाय के कुछ सदस्‍य, जो विश्‍वासी हो गये थे, यह कहते हुए उठ खड़े हुए कि अन्‍यजाति के विश्‍वासी भाइयों का खतना करना चाहिए और उन्‍हें आदेश देना चाहिए कि वे मूसा की व्‍यवस्‍था का पालन करें।


चिल्‍लाने लगे, “इस्राएली भाइयो! हमारी सहायता कीजिये! यह वही व्यक्‍ति है, जो सब जगह सब लोगों में ऐसी शिक्षा का प्रचार करता है, जो हमारी जाति, हमारी व्‍यवस्‍था और इस मन्‍दिर के विरुद्ध है। यही नहीं, इसने यूनानियों को मन्‍दिर में लाकर इस पवित्र स्‍थान को भ्रष्‍ट कर दिया है।”


लोग पौलुस के इस कथन तक सुनते रहे; किन्‍तु अब वे चिल्‍ला उठे, “इस मनुष्‍य को पृथ्‍वी से मिटा दो। यह जीवित रहने योग्‍य नहीं है।”


“मैं आपके सामने इतना अवश्‍य स्‍वीकार करूँगा कि ये जिसे कुपंथ कहते हैं, मैं उसी मार्ग के अनुसार अपने पूर्वजों के परमेश्‍वर की उपासना करता हूँ; क्‍योंकि जो कुछ व्‍यवस्‍था तथा नबी-ग्रंथों में लिखा है, मैं उस सब पर विश्‍वास करता हूँ।


मैं आपका अधिक समय नहीं लेना चाहता। मेरा नम्र निवेदन है कि आप हमारे दो शब्‍द सुनने की कृपा करें।


जब पौलुस आये, तो यरूशलेम से आये हुए यहूदी अधिकारियों ने उन्‍हें घेर लिया और उन पर अनेक गम्‍भीर अभियोग लगाने लगे, जिन्‍हें वे प्रमाणित नहीं कर सके।


वे मुझे बहुत समय से जानते हैं और यदि चाहें, तो साक्षी दे सकते हैं कि मैंने फ़रीसी के रूप में अपने धर्म के सब से कट्टर सम्‍प्रदाय के अनुरूप जीवन बिताया है।


किन्‍तु हम आप से आपके विचार सुनना चाहते हैं, क्‍योंकि हमें मालूम है कि इस पंथ का सर्वत्र विरोध हो रहा है।”


यह सब देख कर प्रधान महापुरोहित और उसके सब संगी-साथी, अर्थात् सदूकी सम्‍प्रदाय के सदस्‍य, ईष्‍र्या से जलने लगे।


वहां उन्‍होंने झूठे गवाहों को खड़ा किया, जो बोले, “यह व्यक्‍ति सदा इस पवित्र मन्‍दिर तथा मूसा की व्‍यवस्‍था की निन्‍दा करता है।


आप लोगों में फूट होना एक प्रकार से अनिवार्य है, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो जाये कि आप में से कौन लोग खरे हैं।


वे हमारी निन्‍दा करते हैं और हम नम्रतापूर्वक अनुनय-विनय करते हैं। लोग अब भी हमारे साथ ऐसा व्‍यवहार करते हैं, मानो हम पृथ्‍वी के कचरे और समाज के कूड़ा-करकट हों।


कारण, यदि कोई व्यक्‍ति धैर्य से दु:ख भोगता और अन्‍याय सहता है, क्‍योंकि वह समझता है कि परमेश्‍वर यही चाहता है, तो यह पुण्‍य की बात है।


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