परमेश्वर ने धरती के वन पशुओं, पालतू पशुओं और भूमि पर रेंगनेवाले जन्तुओं को उनकी जाति के अनुसार बनाया। परमेश्वर ने देखा कि वे अच्छे हैं।
यिर्मयाह 27:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने ही अपने महा सामर्थ्य तथा भुजबल से यह पृथ्वी बनाई है। मैंने ही पृथ्वी के सब मनुष्यों तथा पशुओं को रचा है। यह पृथ्वी जिसको मैं देना उचित समझता हूं, उस को देता हूं। पवित्र बाइबल मैंने पृथ्वी और इस पर रहने वाले सभी लोगों को बनाया। मैंने पृथ्वी के सभी जानवरों को बनाया। मैंने यह अपनी बड़ी शक्ति और शक्तिशाली भुजा से किया। मैं यह पृथ्वी किसी को भी जिसे चाहूँ दे सकता हूँ। Hindi Holy Bible अपने अपने स्वामी से यों कहो कि पृथ्वी को और पृथ्वी पर के मनुष्यों और पशुओं को अपनी बड़ी शक्ति और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मैं ने बनाया, और जिस किसी को मैं चाहता हूँ उसी को मैं उन्हें दिया करता हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पृथ्वी को और पृथ्वी पर के मनुष्यों और पशुओं को अपनी बड़ी शक्ति और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मैं ने बनाया, और जिस किसी को मैं चाहता हूँ उसी को मैं उन्हें दिया करता हूँ। सरल हिन्दी बाइबल अपने अनन्य सामर्थ्य तथा अपने अपूर्व भुजबल से मैंने पृथ्वी, मनुष्यों एवं पशुओं की रचना की है जो आकाश तल पर ध्यान करते रहते हैं. अपनी स्वेच्छानुरूप यह मैं उसे दे देता हूं जो मेरी दृष्टि में योग्य है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पृथ्वी को और पृथ्वी पर के मनुष्यों और पशुओं को अपनी बड़ी शक्ति और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मैंने बनाया, और जिस किसी को मैं चाहता हूँ उसी को मैं उन्हें दिया करता हूँ। |
परमेश्वर ने धरती के वन पशुओं, पालतू पशुओं और भूमि पर रेंगनेवाले जन्तुओं को उनकी जाति के अनुसार बनाया। परमेश्वर ने देखा कि वे अच्छे हैं।
जो कोई मनुष्य का रक्त बहाएगा, उसका भी रक्त मनुष्य द्वारा बहाया जाएगा; क्योंकि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया है।
(क्योंकि मनुष्य तेरे नाम, तेरे सामर्थी हाथ और उद्धार के हेतु फैली हुई तेरी भुजाओं के विषय में सुनेंगे), जब वह इस भवन में आकर तुझसे प्रार्थना करेगा,
‘फारस देश के सम्राट कुस्रू का यह आदेश है : स्वर्ग के परमेश्वर, प्रभु ने पृथ्वी के समस्त देश मुझे प्रदान किए और मुझे यह आज्ञा दी कि मैं यहूदा प्रदेश के यरूशलेम नगर में उसके लिए एक भवन बनाऊं।
‘तूने मार्ग में अनेक राज्य और जातियां उनके वश में कीं, और सीमावर्ती राष्ट्रों पर उनका अधिकार कर दिया। अत: उन्होंने हेश्बोन देश के राजा सीहोन और बाशान देश के राजा ओग को पराजित कर उनके देशों पर अधिकार कर लिया।
क्योंकि प्रभु ने छ: दिन में आकाश, पृथ्वी, समुद्र एवं उन सबको बनाया, जो उनमें हैं, तथा सातवें दिन विश्राम किया। अत: प्रभु ने विश्राम दिवस को आशीष दी, और उसे पवित्र घोषित किया।
जा, इस्राएलियों से कहना, “मैं प्रभु हूं। मैं तुम्हें मिस्र निवासियों के बोझ के दबाव से बाहर निकालूंगा। मैं तुम्हें उनकी गुलामी से मुक्त करूंगा। मैं अपना हाथ बढ़ाऊंगा और न्याय-निर्णय के महान कार्य करके तुम्हारा उद्धार करूंगा।
प्रभु परमेश्वर, जिसने आकाश को बनाया और उसको विस्तृत फैलाया है, जिसने पृथ्वी और उस पर होनेवाली प्रत्येक वस्तु की रचना की है; जो पृथ्वी के सब लोगों में प्राण डालता है, जो पृथ्वी पर विचरनेवालों को आत्मा प्रदान करता है, वह यों कहता है:
तेरा मुक्तिदाता, तुझे गर्भ में गढ़नेवाला प्रभु यों कहता है: “मैं ही प्रभु हूं, मैं ही सबका बनानेवाला हूं। मैंने ही आकाश को वितान के समान ताना है, मैंने ही पृथ्वी को आकार दिया है। उस समय मेरे साथ कौन था?
मैंने पृथ्वी को बनाया है, मैंने ही मनुष्य को रचा है, ताकि वह उस पर निवास करे। मेरे ही हाथों ने आकाश को वितान के समान ताना है; मेरे ही आदेश से आकाश के तारागण स्थित हैं।
मैंने अपने हाथ से पृथ्वी की नींव डाली है; मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश को वितान के सदृश फैलाया है। जब मैं आकाश और पृथ्वी को बुलाता हूं, तब वे दोनों मेरे सम्मुख उपस्थित हो जाते हैं!
तू अपने सृजक प्रभु को क्यों भूल गया, जिसने आकाश को फैलाया, जिसने पृथ्वी की नींव डाली? तू दिन-भर, निरन्तर अत्याचार करनेवाले के क्रोध से क्यों भयभीत रहता है? जब वह तुझे नष्ट करने को तत्पर होता है तब तू क्यों थर-थर कांपता है? कहां है अत्याचार करनेवाले का क्रोध?
राजदूतों को यह दायित्व सौंपना कि वे अपने-अपने स्वामी से यह कहें: “इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: तुम अपने-अपने स्वामी से यह कहना:
आह! मेरे स्वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
प्रभु परमेश्वर ने ही पृथ्वी को अपने सामर्थ्य से बनाया है; उसने ही संसार को अपनी बुद्धि से स्थित किया है। प्रभु परमेश्वर ने आकाश को अपनी समझ से फैलाया है।
परमेश्वर ने आपके हाथों में पृथ्वी के समस्त मनुष्य, वन के पशु और आकाश के पक्षी सौंपे हैं। महाराज, परमेश्वर ने ही आपको इन पर शासन करने की सामर्थ्य दी है। महाराज, आप ही मूर्ति के सोने का सिर हैं।
उसने उच्च स्वर में पुकारा, और यह कहा, “इस वृक्ष को काट डालो, और इसकी शाखाओं को छांट दो। इसकी पत्तियों को झड़ा दो, और इसके फल बिखेर दो। इसकी छांव में बैठे हुए वनपशुओं को भगा दो। इसकी शाखाओं में बसेरा करनेवाले पक्षियों को उड़ा दो।
‘यह दण्ड प्रहरियों के आदेश के अनुसार दिया गया। यह निर्णय पवित्र दूतों के वचन के अनुरूप है। यह इसलिए दिया गया कि जीव-लोक के प्राणी जान लें कि सर्वोच्च परमेश्वर मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिस को चाहता है, उसको यह राज्य देता है, और उस पर शासन करने के लिए छोटे-से-छोटे मनुष्य को भी नियुक्त करता है।’
वह वृक्ष आप हैं, महाराज! आप ही बढ़कर शक्तिशाली हो गए हैं। आपकी महानता बढ़कर आकाश को छूने लगी है। आपका राज्य पृथ्वी के छोरों तक पहुंच गया है।
आप मनुष्य-समाज के बीच से निकाल दिए जाएंगे, और आपको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। आप बैल के समान घास चरेंगे, और आकाश की ओस में भीगा करेंगे। सात वर्ष तक आपकी यही दशा रहेगी। उसके बाद आपको अनुभव होगा कि सर्वोच्च परमेश्वर ही मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्य दे देता है।
“महाराज, सर्वोच्च परमेश्वर ने आपके पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, महानता, कीर्ति और वैभव प्रदान किया था।
“मित्रो! आप यह क्या कर रहे हैं? हम भी तो आप लोगों के समान सुख-दु:ख भोगने वाले मनुष्य हैं। हम यह शुभ-समाचार देने आये हैं कि आप इन नि: सार वस्तुओं को छोड़ कर उस जीवन्त परमेश्वर की ओर अभिमुख हों, जिसने आकाश, पृथ्वी, समुद्र और उन में जो कुछ है, वह सब बनाया है।
“जिस परमेश्वर ने विश्व तथा उसमें जो कुछ है, वह सब बनाया है, और जो आकाश और पृथ्वी का प्रभु है, वह हाथ से बनाये हुए मन्दिरों में निवास नहीं करता।
उसने एक ही मूल से समस्त मनुष्यजाति को उत्पन्न किया है कि वह सारी पृथ्वी पर बस जाए। उसने मनुष्यों के नियत समयों और निवास के सीमा-क्षेत्रों को निर्धारित किया है
जब तू अम्मोन वंशियों की सीमा पर पहुंचेगा तब उन्हें मत सताना, और न युद्ध के लिए उन्हें उकसाना; क्योंकि मैं तुझे अधिकार करने के लिए अम्मोन वंशियों की भूमि का एक टुकड़ा भी नहीं दूंगा। मैंने लोट के वंशजों को उसे पैतृक-अधिकार के लिए प्रदान किया है।”
वे बलवान और संख्या में बहुत थे। वे अनक वंशियों के सदृश कद में ऊंचे थे। किन्तु प्रभु ने अम्मोनियों के सामने ही उन्हें नष्ट कर दिया। उन्होंने उन्हें निकाल दिया, और वे उनके स्थान पर स्वयं बस गए।
मैंने, तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने तुम्हारे हाथों से किए गए सब कार्यों पर आशिष दी है। मैं इस विशाल निर्जन प्रदेश में यात्रा के समय तुम्हारी देख-भाल करता आया हूं। मैं तुम्हारा प्रभु-परमेश्वर, इन चालीस वर्षों की अवधि में तुम्हारे साथ रहा हूं, और तुम्हें किसी वस्तु का अभाव नहीं हुआ।”
तब प्रभु ने मुझसे कहा था, “मोआब को मत सताना, और न युद्ध के लिए उकसाना; क्योंकि मैं तुझे अधिकार करने के लिए उसकी भूमि का एक टुकड़ा भी नहीं दूंगा। मैंने लोट के वंशजों को आर नगर पैतृक-अधिकार के लिए प्रदान किया है।”
जब सर्वोच्च परमेश्वर ने राष्ट्रों को उनका पैतृक-अधिकार बांटा, मानव-समूहों को अलग-अलग किया, तब उसने ईश-पुत्रों की संख्या के अनुसार विभिन्न जातियों की राज्य-सीमाएं निश्चित कर दीं।
‘जब तुम्हें पुत्र-पुत्रियों तथा पौत्र-पौत्रियां उत्पन्न होंगे, और उस देश में रहते-रहते तुम पुराने हो चुके होगे, तब यदि किसी की आकृति के अनुरूप कोई मूर्ति बनाकर भ्रष्ट कार्य करोगे, जो कार्य तुम्हारे प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में बुरा है, उसको करोगे, और इस प्रकार उसे चिढ़ाओगे,
‘अत: बीते हुए युगों के विषय में, जो तुम्हारे सम्मुख उस दिन से व्यतीत हुए हैं जब परमेश्वर ने मनुष्य को पृथ्वी पर रचा था, यह प्रश्न पूछो : क्या आकाश के एक सीमान्त से दूसरे सीमान्त तक कभी ऐसी महान् घटना घटी है? क्या कभी ऐसी कोई बात सुनी गई है?
‘ओ इस्राएली समाज! यह तुझे इसलिए दिखाया गया था कि तुझे ज्ञात हो जाए कि प्रभु ही परमेश्वर है; उसके अतिरिक्त दूसरा ईश्वर नहीं है।
‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
प्रभु, ये तेरे निज लोग, तेरी निज सम्पत्ति हैं। तू अपने महान सामर्थ्य से, उद्धार के हेतु फैले हुए अपने हाथों से इन्हें बाहर निकाल लाया है।”
क्योंकि उन्हीं में सब कुछ की सृष्टि हुई है। सब कुछ- चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर, चाहे दृश्य हो या अदृश्य, सिंहासन हो या प्रभुत्व, आधिपत्य हो या अधिकार- सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है।
परन्तु वर्तमान अन्तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है।
“हमारे प्रभु परमेश्वर! तू महिमा, सम्मान और सामर्थ्य का अधिकारी है; क्योंकि तूने समस्त विश्व की सृष्टि की। तेरी ही इच्छा से वह अस्तित्व में आया और उसकी सृष्टि हुई है।”