यरूशलेम नगरी के संबंध में प्रभु ने कहा, ‘ओ घाटी में रहने वाली, ओ मैदान की चट्टान! मैं तेरे विरुद्ध हूं। तुम कहती हो, “हम पर कौन आक्रमण कर सकता है? हमारे निवासस्थानों में कौन प्रवेश कर सकता है?”
यिर्मयाह 22:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ यरूशलेम नगरी, लबानोन की निवासिनी! देवदार के जंगलों में अपना घोंसला बनानेवाली! जब तुझमें गर्भवती स्त्री की पीड़ाएं उठेंगी, जब तुझ पर दु:ख का पहाड़ टूटेगा तब तू क्या दर्द से नहीं चीखेगी?’ पवित्र बाइबल “हे राजा, तुम देवदार से बने अपने महल में ऊँचे पर्वत पर रहते हो। तुम उसी तरह रह रहे हो, जैसा कि पहले लबानोन में रहे हो, जहाँ से यह लकड़ी लाई गई हैं। तुम समझते हो कि उँचे पर्वत पर अपने विशाल महल में तुम सुरक्षित हो। किन्तु तुम सचमुच तब कराह उठोगे जब तुम्हें तुम्हारा दण्ड मिलेगा। तुम प्रसव करती स्त्री की तरह पीड़ित होगे।” Hindi Holy Bible हे लबानोन की रहने वाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनाने वालो, जब तुझ को जच्चा की सी पीड़ाएं उठें तब तू व्याकुल हो जाएगी! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे लबानोन की रहनेवाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनानेवाली, जब तुझ को ज़च्चा की सी पीड़ा उठे तब तू व्याकुल हो जाएगी!” सरल हिन्दी बाइबल तुम जो लबानोन में निवास कर रहे हो, तुम जो देवदार वृक्षों के मध्य सुरक्षित हो, कैसी होगी तुम्हारी कराहट जब पीड़ा तुम्हें अचंभित कर लेगी, ऐसी पीड़ा जैसी प्रसूता अनुभव करती है!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे लबानोन की रहनेवाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनानेवाली, जब तुझको जच्चा की सी पीड़ाएँ उठें तब तू व्याकुल हो जाएगी!” |
यरूशलेम नगरी के संबंध में प्रभु ने कहा, ‘ओ घाटी में रहने वाली, ओ मैदान की चट्टान! मैं तेरे विरुद्ध हूं। तुम कहती हो, “हम पर कौन आक्रमण कर सकता है? हमारे निवासस्थानों में कौन प्रवेश कर सकता है?”
यहूदा के राजा के राजमहल के सम्बन्ध में प्रभु यह कहता है : ‘तू मेरे लिए गिलआद के सदृश प्रिय और लबानोन पर्वत के शिखर के सदृश सुन्दर था; किन्तु अब मैं तुझको मरुस्थल बना दूंगा, तुझको उजाड़ नगर-जैसा निर्जन कर दूंगा।
मुण्डे पहाड़ी शिखरो पर शोक-स्वर सुनाई दे रहा है, इस्राएली रो रहे हैं, वे गिड़गिड़ा रहे हैं। वे मार्ग से भटक गए थे; वे अपने प्रभु परमेश्वर को भूल गए थे।
‘ओ मोआब के निवासियो! नगर छोड़कर पहाड़ी की गुफा में जा बसो। कबूतरों के समान बन जाओ जो गुफा के मुंह के किनारों पर घोंसला बनाते हैं।
ओ चट्टान की गुफाओं में रहने वाले! ओ पहाड़ी शिखरों पर निवास करने वाले! तुझे अपनी शक्ति पर बड़ा घमण्ड था। और तूने आसपास के राष्ट्रों में अपनी शक्ति का आतंक फैला रखा था। तेरे इसी आतंक ने, तेरे हृदय के घमण्ड ने तुझे धोखा दिया! यद्यपि तूने बाज की तरह ऊंचे स्थान पर अपना घोंसला बनाया है, तो भी मैं तुझे ऊंचे स्थान से नीचे गिराऊंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
उनके विषय में खबर सुनकर हमारे हाथ-पैर सुन्न पड़ गए। जैसे प्रसव-पीड़ित स्त्री दर्द से चीखती है, वैसे ही हम आतंक और डर से चीख रहे हैं।
स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘एक विशाल बाज पक्षी लबानोन प्रदेश में आया। वह देवदार वृक्ष की फुनगी पर बैठ गया। उसके डैने लम्बे-लम्बे, रंग-बिरंगे और पंखों से भरे थे।
मैं जा रहा हूं, मैं अपने स्थान को लौट रहा हूं, जब तक वे अपना अपराध स्वीकार न करेंगे और मेरा दर्शन पाने का प्रयत्न न करेंगे; जब तक अपने संकट में मुझे नहीं ढूंढ़ेंगे, मैं उनसे विमुख रहूंगा।
वे हृदय से मेरी दुहाई नहीं देते; वे शय्या पर पड़े-पड़े हाय-हाय करते हैं। वे अन्न और अंगूर की फसल के लिए विधर्मियों के समान अपने शरीर को घायल करते हैं; और यों मुझसे विद्रोह करते हैं।
यदि वे गड्ढा खोदकर अधोलोक में छिपेंगे तो मैं अपना हाथ बढ़ाकर उन्हें वहां से खींच लूंगा। यदि वे आकाश में चढ़ेंगे तो मैं उन्हें पकड़कर धरती पर उतार दूंगा।
यद्यपि तू बाज के समान ऊंचा उड़ता है; यद्यपि तेरा घोंसला तारों के मध्य है; तो भी मैं तुझे जमीन पर उतारूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।
‘धिक्कार है तुझे! तू अपने परिवार के लिए पाप की कमाई करता है। तू पाप की पकड़ से बचने के लिए पहाड़ पर गुप्त निवास-स्थान बनाता है।
तब उसने केनी राष्ट्र को देखा। उसने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया, ‘ओ काइन! तेरा निवास-स्थान दृढ़ है, तेरा घोंसला चट्टान पर स्थित है!