तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
यिर्मयाह 17:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) केवल मैं हृदय की जांच करता हूँ; मैं प्रभु, मनुष्य के मन को परखता हूँ, और हर एक मनुष्य को उसके आचरण के अनुकूल उसके कर्मों के फल के अनुसार पुरस्कार देता हूं। पवित्र बाइबल किन्तु मैं यहोवा हूँ और मैं व्यक्ति के हृदय को जान सकता हूँ। मैं व्यक्ति के दिमाग की जाँच कर सकता हूँ। अत: मैं निर्णय कर सकता हूँ कि हर एक व्यक्ति को क्या मिलना चाहिये मैं हर एक व्यक्ति को उसके लिये ठीक भुगतान कर सकता हूँ जो वह करता है। Hindi Holy Bible मैं यहोवा मन की खोजता और हृदय को जांचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात उसके कामों का फल दूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मैं यहोवा मन की खोजता और हृदय को जाँचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल–चलन के अनुसार अर्थात् उसके कामों का फल दूँ।” सरल हिन्दी बाइबल “मैं याहवेह, हृदय की विवेचना करता हूं. मैं मस्तिष्क का परीक्षण करता हूं, कि हर एक व्यक्ति को उसके आचरण के अनुरूप प्रतिफल दूं, उसके द्वारा किए कार्यों के परिणामों के अनुरूप.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मैं यहोवा मन को खोजता और हृदय को जाँचता हूँ ताकि प्रत्येक जन को उसकी चाल-चलन के अनुसार अर्थात् उसके कामों का फल दूँ।” (1 पत. 1:17, प्रका. 2:23, प्रका. 20:12,13, प्रका. 22:12) |
तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
‘ओ मेरे पुत्र सुलेमान, अपने पिता के परमेश्वर का अनुभव कर, और अपने सम्पूर्ण हृदय और प्रसन्न चित्त से उसकी सेवा कर। प्रभु हृदय को परखता है। वह हर एक योजना और विचार को जानता है। यदि तू उसको खोजेगा तो वह तुझको प्राप्त होगा। परन्तु यदि तू उसको त्याग देगा, तो वह तुझे सदा के लिए त्याग देगा।
हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्कपट हृदय के व्यक्ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्कपट हृदय से यह सब भेंट स्वेच्छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्होंने आनन्दपूर्वक स्वेच्छा से तुझे भेंट चढ़ाई।
तो तू उसको क्षमा करना और अपने निवास-स्थान, स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
वह मनुष्य के कर्म के अनुसार उसको प्रतिफल देता है; और प्रत्येक मनुष्य अपने आचरण के अनुरूप फल भोगता है।
पर नहीं! हम तो तेरे कारण निरन्तर मौत के घाट उतारे जाते हैं; हमें वध होनेवाली भेड़ जैसा समझा गया।
और स्वामी, करुणा भी तेरी ही है; क्योंकि तू मनुष्य को उसके कामों के अनुसार फल देता है।
भला हो कि दुष्ट की दुष्टता नष्ट हो, और तू धार्मिक मनुष्य को प्रतिष्ठित करे। मन और हृदय को परखनेवाला परमेश्वर धर्ममय है।
मनुष्य को अपने वचनों के फल के अनुरूप उत्तम वस्तुएं प्राप्त होती हैं, और वह सन्तुष्ट होता है; मनुष्य जैसा कार्य करता है वैसा ही उसको फल मिलता है।
जैसे कुठाली चांदी को परखने के लिए, और सोने को परखने के लिए भट्ठी है, वैसे ही मनुष्य के हृदय को परखने वाला प्रभु है।
जो बुराइयाँ सूर्य के नीचे इस धरती पर विद्यमान हैं उनमें से एक यह नियति है : सब मनुष्य एक ही गति को प्राप्त होते हैं। मनुष्यों के हृदय बुराई से भरे हैं। जब तक वे जीवित रहते हैं, उनमें पागलपन समाया रहता है। उसके बाद वे मृतकों में मिल जाते हैं।
वह दुर्जनों को उनके दुष्कर्मों के अनुसार प्रतिफल देगा, वह अपने बैरियों पर अपना क्रोध प्रकट करेगा; वह अपने शत्रुओं से प्रतिशोध लेगा; वह समुद्रतट के द्वीपों को उनके कामों का बदला देगा।
हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू धार्मिकता से न्याय करता है, तू सब के हृदय और मन को परखता है। प्रभु, मैं जीते-जी, अपनी आंखों से तेरा प्रतिशोध देखूं। मैंने अपना मुकदमा तेरे हाथ में सौंप दिया है।
उन्होंने बोया था गेहूं, पर काटे कांटे। उन्होंने खून-पसीना बहाया, किन्तु हाथ कुछ न आया। मुझ-प्रभु की क्रोधाग्नि के कारण वे अपनी फसल के लिए लज्जित होंगे।’
हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू धार्मिक जन को परखता है; तू हर एक व्यक्ति के हृदय और मन को जानता है। प्रभु, मैं अपनी आंखों से देखूं, कि तूने उनसे प्रतिशोध लिया है; क्योंकि मैंने अपना यह मुकदमा तुझ पर छोड़ दिया है।
पर मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तुम्हारे आचरण के अनुरूप तुम्हें दण्ड दूंगा। मैं तुम्हारी बस्ती के जंगल में दावानल सुलगा दूंगा; वह वन के आसपास के सब मकानों को भस्म कर देगा।’
इसलिए मैं − तुम्हारा इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर, अपने निज लोगों के शासकों-चरवाहों के सम्बन्ध में यों कहता हूं : तुमने मेरी भेड़ों की सुधि नहीं ली, और उन्हें तितर-बितर कर दिया, उनको चरागाह से हांक दिया। अत: मैं तुम्हारे इन दुष्कर्मों की सुधि लूंगा।’ प्रभु कहता है,
तू महान परामर्शदाता है। तू महान आश्चर्यपूर्ण कामों को करता है। तू सब मनुष्यों के आचरण पर दृष्टि रखता है। तू प्रत्येक मनुष्य को उस के आचरण के अनुसार, उसके कामों के अनुरूप फल देता है।
तब प्रभु का आत्मा मुझ पर उतरा, और उसने मुझ से कहा, ‘तू इस प्रकार बोल: प्रभु यों कहता है, ओ इस्राएल-कुल के लोगो, तुम यही सोचते हो न! जो विचार तुम्हारे मन-मस्तिष्क में उठते हैं, उनको मैं जानता हूं।
ओ मानव, इस इस्राएली कुल ने अपनी मूर्तियों के कारण मुझे त्याग दिया है, और यह मुझ से दूर हो गया है। जिस हृदय में इस्राएली कुल ने अपने देवताओं की मूर्तियां प्रतिष्ठित की हैं, उस हृदय को मैं अपने दण्ड से आतंकित करूंगा।
क्योंकि मानव-पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा और वह प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देगा।
तुम्हारा दान गुप्त रहे और तुम्हारा पिता, जो गुप्त कार्य को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।
उन्हें यह आवश्यकता नहीं थी कि कोई उन्हें मनुष्य के विषय में बताए; क्योंकि वह स्वयं जानते थे कि मनुष्य के मन में क्या है।
तब उन्होंने इस प्रकार प्रार्थना की, “प्रभु! तू सब का हृदय जानता है। यह प्रकट कर कि तूने इन दोनों में से किस को चुना है,
उस समय आप को उन कर्मों से क्या लाभ हुआ? अब उनके कारण आप को लज्जा होती है; क्योंकि उनका परिणाम मृत्यु है।
परमेश्वर हमारे हृदय का रहस्य जानता है। वह समझता है कि आत्मा का अभिप्राय क्या है,क्योंकि आत्मा परमेश्वर की इच्छानुसार सन्तों के लिए विनती करता है।
मैं उसकी सन्तति का संहार करूंगा और सब कलीसियाएँ यह जान जायेंगी कि मैं वह हूँ, जो मन और ह्रदय की थाह लेता है और मैं तुम में से हर एक को उसके कर्मों का फल दूँगा।
मैंने छोटे-बड़े, सब मृतकों को सिंहासन के सामने खड़ा देखा। पुस्तकें खोली गयीं। तब एक अन्य पुस्तक-अर्थात जीवन-ग्रन्थ खोला गया। पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर मृतकों का उनके कर्मों के अनुसार न्याय किया गया।
[येशु ने कहा,] “देखो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ। मेरा पुरस्कार मेरे पास है और मैं प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का प्रतिफल दूँगा।
परन्तु प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उसके बाहरी रूप-रंग और ऊंचे कद पर ध्यान मत दे। मैंने उसे अस्वीकार किया है। जिस दृष्टि से मनुष्य देखता है, उस दृष्टि से मैं नहीं देखता। मनुष्य व्यक्ति के बाहरी रूप-रंग को देखता है, पर मैं उसके हृदय को देखता हूँ।’