2 इतिहास 6:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)30 तो तू उसको क्षमा करना और अपने निवास-स्थान, स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल30 तो तू उनकी स्वर्ग से सुन। स्वर्ग वही है जहाँ तू है। सुन और क्षमा कर। हर एक व्यक्ति को वह दे जो उसे मिलना चाहिये क्योंकि तू जानता है कि हर एक व्यक्ति के हृदय में क्या है। केवल तू ही जानता है कि व्यक्ति के हृदय में क्या है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible30 तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान से सुन कर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जानने वाला है); अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)30 तो तू अपने स्वर्गीय निवास–स्थान से सुनकर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जाननेवाला है); अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल30 आप अपने घर, स्वर्ग से इसे सुनिए और क्षमा दीजिए और हर एक को, जिसके मन को आप भली-भांति जानते हैं, क्योंकि सिर्फ आपके ही सामने मानव का मन उघाड़ा रहता है, उसके आचरण के अनुसार प्रतिफल दीजिए, अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201930 तो तू अपने स्वर्गीय निवास-स्थान से सुनकर क्षमा करना, और एक-एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जाननेवाला है); अध्याय देखें |