भोज के उत्सव में सम्मिलित होने की अपेक्षा मृत्यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्छा है, क्योंकि मृत्यु ही सब मनुष्यों का अन्त है। अत: जीवित व्यक्ति गम्भीरतापूर्वक अपने अन्त पर विचार करेगा।
यिर्मयाह 12:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मुझसे अपना रोना रो रहा है। सारा देश ही उजड़ गया है, परन्तु किसी के हृदय में इसका दु:ख नहीं है। पवित्र बाइबल उन्होंने मेरे खेत को मरुभूमि में बदल दिया है। यह सूख गया और मर गया। कोई भी व्यक्ति वहाँ नहीं रहता। पूरा देश ही सूनी मरुभूमि है। उस खेत की देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति नहीं बचा है। Hindi Holy Bible उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मेरे साम्हने विलाप कर रहा है। सारा देश उजड़ गया है, तौभी कोई नहीं सोचता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़कर मेरे सामने विलाप कर रहा है। सारा देश उजड़ गया है, तौभी कोई नहीं सोचता। सरल हिन्दी बाइबल इसे उजाड़ बना दिया गया है, अपनी उजाड़ स्थिति में देश मेरे समक्ष विलाप कर रहा है; सारा देश ही ध्वस्त किया जा चुका है; क्योंकि किसी को इसकी हितचिंता ही नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़कर मेरे सामने विलाप कर रहा है। सारा देश उजड़ गया है, तो भी कोई नहीं सोचता। |
भोज के उत्सव में सम्मिलित होने की अपेक्षा मृत्यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्छा है, क्योंकि मृत्यु ही सब मनुष्यों का अन्त है। अत: जीवित व्यक्ति गम्भीरतापूर्वक अपने अन्त पर विचार करेगा।
अत: उसने इस्राएली राष्ट्र पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा की, युद्ध का आतंक फैलाया। विनाश की आग से इस्राएली राष्ट्र चारों ओर से घिर गया, पर उसने उसको नहीं समझा, कि यह क्यों हुआ। आग ने उसको झुलसा दिया, पर वह नहीं चेता।
जब धार्मिक मनुष्य मरता है, तब इस पर कोई ध्यान नहीं देता। भक्त मनुष्य उठा लिये जाते हैं, पर यह बात कोई नहीं समझता : विपत्ति आने से पूर्व प्रभु भक्त मनुष्य को उठा लेता है।
सुनो, एक खबर! देखो, वह आ रहा है। यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ कर उनको गीदड़ों की मांद बनाने के लिए उत्तर के देश से एक भीषण बवण्डर आ रहा है।
प्रभु, अपने क्रोध का प्याला उन राष्ट्रों पर उण्डेल, जो तुझे नहीं जानते हैं; उन कौमों पर जो तेरी आराधना नहीं करती हैं, प्रभु, अपने क्रोध का प्याला उण्डेल! उन्होंने याकूब को निगल लिया है, उन्होंने उसके वंशजों को खा लिया है, पृथ्वी की सतह से उसको मिटा डाला है, उन्होंने याकूब के निवास-स्थान को उजाड़ दिया है।
‘यहूदा प्रदेश विलाप कर रहा है; उसके नगर के प्रवेश-द्वार गर्मी से मूर्छित पड़े हैं। उसके निवासी भूमि पर बैठकर शोक मना रहे हैं; यरूशलेम के रोने की आवाज आकाश तक पहुंच रही है।
यह नगर एक आतंकपूर्ण नगर बन जाएगा, जिस से लोग व्याकुल होंगे। यहां से गुजरनेवाले राहगीर इसके विनाश को देखकर डर से कांप उठेंगे; वे चकित होंगे और घबरा जाएंगे।
देश व्यभिचारियों से भर गया है; शाप के कारण धरती शोक में डूबी है। निर्जन प्रदेश के विशाल चरागाह सूखे पड़े हैं; पुरोहित और नबी दुष्कर्म करने को मानो कमर कसे रहते हैं, उनकी वीरता केवल हिंसा के लिए होती है। प्रभु कहता है, ‘ये दोनों धर्म से गिर गए हैं, स्वयं मैंने अपने भवन में इनके दुष्कर्म देखे हैं!
यह सारा देश उजाड़ और खण्डहर हो जाएगा, और इस के आसपास रहनेवाली जातियां भी सत्तर वर्ष तक बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर की गुलामी करेंगे।”
विनाश पर विनाश का समाचार आ रहा है; सारा प्रदेश लूट लिया गया है। अचानक मेरे निवास-स्थान के तम्बू उखाड़ लिये गए, क्षण-भर में मेरी कनातें नष्ट हो गयीं।
पृथ्वी इस देश के लिए विलाप करेगी; आकाश शोक से अंधकारमय हो जाएगा। जो मैंने कहा है, जो मैंने निश्चित किया है उसको पूरा करूंगा मैं इस कार्य के लिए नहीं पछताऊंगा, और न ही अपने वचन से मुंह मोड़ूंगा।’
ओ यरूशलेम, ताड़ना से ही सुधर जा; अन्यथा तू मेरे मन से उतर जाएगा, मैं तुझको उजाड़ दूंगा, तू निर्जन हो जाएगा।’
मैं पर्वतों के लिए रोऊंगा, शोक मनाऊंगा; निर्जन प्रदेश के चरागाह के लिए विलाप करूंगा; क्योंकि वे उजाड़ हो गए हैं, राहगीर उधर से अब नहीं गुजरते। पशुओं का रंभाना भी नहीं सुनाई देता। आकाश के पक्षी उनको छोड़ चले गए हैं; जंगली पशु भी भाग गए हैं।
प्रभु कहता है, ‘मैं यरूशलेम को खण्डहरों का ढेर और गीदड़ों की मांद बना दूंगा। मैं यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ दूंगा, वे निर्जन हो जाएंगे।’
क्या मुझे उनके इन दुष्कर्मों के लिए उन्हें दण्ड नहीं देना चाहिए? क्या मैं ऐसी जाति से प्रतिशोध न लूं?’ प्रभु की यह वाणी है।
खेत उजड़ गए, भूमि रो रही है। अन्न नष्ट हो गया, अंगूर की नई फसल बर्बाद हो गई। अंजीर का तेल सूख गया।
मैं तुम्हारे देश को इतना निर्जन कर दूंगा कि उसमें बसने वाले तुम्हारे शत्रु आश्चर्य करेंगे।
‘समस्त देशवासियों और पुरोहितों से यह कह : जो उपवास और शोक पिछले सत्तर वर्षों से वर्ष के पांचवें और सातवें महीने में तुम करते आ रहे हो, क्या तुम यह मेरे लिए करते हो?
यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दोगे, तो मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्सन्देह मैंने उन्हें शाप में बदल दिया है, क्योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दिया।