‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे (ऐसा कौन मनुष्य है, जिसने कभी पाप नहीं किया?) और तू उनसे क्रुद्ध होगा, उन्हें शत्रुओं के हाथ सौंप देगा कि वे उन्हें बन्दी बनाकर दूर अथवा समीप के, अपने देश में ले जाएं;
याकूब 3:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम सब बारम्बार गलत काम करते हैं। जो कभी गलत बात नहीं कहता, वह पहुँचा हुआ मनुष्य है और वह अपने पूर्ण शरीर को नियंत्रण में रख सकता है। पवित्र बाइबल मैं तुम्हें ऐसे इसलिए चेता रहा हूँ कि हम सबसे बहुत सी भूल होती ही रहती हैं। यदि कोई बोलने में कोई भी चूक न करे तो वह एक सिद्ध व्यक्ति है तो फिर ऐसा कौन है जो उस पर पूरी तरह काबू पा सकता है? Hindi Holy Bible इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं; जो कोई वचन में नहीं चूकता वही तो सिद्ध मनुष्य है और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है। सरल हिन्दी बाइबल हम सभी अनेक क्षेत्रों में चूक जाते हैं. सिद्ध है वह, जिसके वचन में कोई भूल-चूक नहीं होती. वह अपने सारे शरीर पर भी लगाम लगाने में सक्षम है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। |
‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे (ऐसा कौन मनुष्य है, जिसने कभी पाप नहीं किया?) और तू उनसे क्रुद्ध होगा, उन्हें शत्रुओं के हाथ सौंप देगा कि वे उन्हें बन्दी बनाकर दूर अथवा समीप के, अपने देश में ले जाएं;
‘जब वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे (ऐसा कौन मनुष्य है जिसने कभी पाप नहीं किया?) और तू उनसे क्रुद्ध होगा, उन्हें शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा कि वे उन्हें बन्दी बनाकर दूर अथवा समीप के, अपने देश में ले जाएं
इसलिए कि तुम परमेश्वर के प्रति अपना क्रोध प्रकट करते हो, और अपने मुँह से निरर्थक शब्द निकलने देते हो।
मैंने कहा, “मैं अपने मार्ग की चौकसी करूंगा, जिससे मैं अपनी जीभ के कारण पाप न करूँ। जब तक दुर्जन मेरे सामने हैं, मैं अपने मुंह में लगाम दूंगा।”
जो मनुष्य अधिक बोलता है, वह अपराध करने से बच नहीं सकता; पर अपनी जीभ को वश में रखनेवाला मनुष्य बुद्धिमान है!
अपनी वाणी पर संयम रखनेवाला मनुष्य अपने जीवन की रक्षा करता है; पर व्यर्थ गाल बजानेवाला व्यक्ति अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है।
कौन यह दावा कर सकता है, कि मैंने अपना हृदय शुद्ध कर लिया है, मैं पाप से मुक्त होकर पवित्र हो गया हूँ?
जो मनुष्य अपने मुह में लगाम देता है, और जीभ को वश में रखता है, वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।
निश्चय ही संसार में कोई ऐसा धार्मिक व्यक्ति नहीं है जो सदा भलाई ही करता है, और कभी पाप नहीं करता।
हम-सब अशुद्ध व्यक्ति के समान हो गए हैं, हमारे सब धर्म-कर्म गन्दे वस्त्र हो गए हैं। हम-सब पत्ते के सदृश मुरझा जाते हैं। हमारे दुष्कर्म हवा की तरह हमें उड़ा ले जाते हैं।
तब पुरोहित जांच करेगा। यदि त्वचा के दाग हलके सफेद हैं तो यह दाद है जो त्वचा में फूटी है। वह व्यक्ति शुद्ध है।
साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।
इस प्रकार, मेरा अनुभव यह है कि जब मैं भलाई करने की इच्छा करता हूँ, तो बुराई ही कर पाता हूँ।
मैं अपने शरीर को कष्ट देता हूँ और उसे वश में रखता हूँ। कहीं ऐसा न हो कि दूसरों को प्रवचन देने के बाद मैं स्वयं अयोग्य प्रमाणित होऊं।
परन्तु धर्मग्रन्थ ने सब कुछ पाप की शक्ति के अधीन बंदी बना दिया है, जिससे येशु मसीह में विश्वास के द्वारा विश्वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये।
शारीरिक स्वभाव तो पवित्र आत्मा के विरुद्ध इच्छा करता है, और पवित्र आत्मा शारीरिक स्वभाव के विरुद्ध। ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं। इसलिए आप जो चाहते हैं, वही नहीं कर पाते हैं।
हम उन्हीं मसीह का प्रचार करते हैं, प्रत्येक मनुष्य को उपदेश देते और प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ज्ञान की शिक्षा देते हैं, जिससे प्रत्येक मनुष्य को मसीह में सिद्ध बनाकर उनके सम्मुख प्रस्तुत करें।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्वर की स्तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!
यदि कोई अपने को धर्मात्मा मानता है, किन्तु अपनी जीभ पर नियन्त्रण नहीं रखता, तो वह अपने आप को धोखा देता है और उसका धर्माचरण व्यर्थ है।
धैर्य को कार्यान्वयन की पूर्णता तक पहुँचने दीजिए, जिससे आप लोग स्वयं पूर्ण तथा सिद्ध बन जायें और आप में किसी बात की कमी नहीं रहे।
यदि कोई पूरी व्यवस्था का पालन करता है, किन्तु उसकी एक धारा का ही उल्लंघन करता है, तो वह समस्त व्यवस्था के प्रति अपराध करता है;
क्योंकि “जो जीवन से प्रेम करना और अच्छे दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से और अपने होंठों को कपटपूर्ण बातें बोलने से बचाए;
परमेश्वर ने, जो सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत है, आप लोगों को येशु मसीह में अपनी शाश्वत महिमा का भागीदार बनने के लिए बुलाया है। वह, आपके थोड़े ही समय तक दु:ख भोगने के बाद, आप को परिपूर्ण, सुस्थिर, समर्थ तथा सुदृढ़ बनायेगा।