उसने पुरोहित हिल्कियाह, अहीकाम बेन-शाफान, अकबोर बेन-मीकायाह, महासहायक शाफान और अपने राजमन्त्री असायाह को यह आदेश दिया,
यहेजकेल 8:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने यह भी देखा: इस्राएल-कुल के सत्तर धर्मवृद्ध उन चित्रों के सामने खड़े हैं। उनके मध्य में याजन्याह बेन-शापान भी खड़ा है। हर एक धर्मवृद्ध अपने हाथ में एक धूपदान लिये हुए है, और लोबान का धूंआ ऊपर उठ रहा है। पवित्र बाइबल तब मैंने इस पर ध्यान दिया कि शापान का पुत्र याजन्याह और इस्राएल के सत्तर अग्रज (प्रमुख) उस स्थान पर पूजा करने वालों के साथ थे। वहाँ पर वे, लोगों के ठीक सामने थे, और हर एक प्रभुख के हाथ में अपनी सुगन्धि का थाल था। जलती सुगन्धि का धुँआ हवा में उठ रहा था। Hindi Holy Bible और इस्राएल के घराने के पुरनियों में से सत्तर पुरुष जिन के बीच में शापान का पुत्र याजन्याह भी है, वे उन चित्रों के साम्हने खड़े हैं, और हर एक पुरुष अपने हाथ में घूपदान लिए हुए है; और धूप के धूएं के बादल की सुगन्ध उठ रही है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस्राएल के घराने के पुरनियों में से सत्तर पुरुष जिन के बीच में शापान का पुत्र याजन्याह भी है, वे उन चित्रों के सामने खड़े हैं, और हर एक पुरुष अपने हाथ में धूपदान लिए हुए है, और धूप के धूएँ के बादल की सुगन्ध उठ रही है। सरल हिन्दी बाइबल उनके सामने इस्राएल के सत्तर अगुए खड़े थे, और उनके बीच शापान का पुत्र यात्सानिया खड़ा हुआ था. हर एक व्यक्ति अपने हाथ में धूपदान लिये हुए था, और वहां धूप का सुगंधित धुआं उठ रहा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस्राएल के घराने के पुरनियों में से सत्तर पुरुष जिनके बीच में शापान का पुत्र याजन्याह भी है, वे उन चित्रों के सामने खड़े हैं, और हर एक पुरुष अपने हाथ में धूपदान लिए हुए है; और धूप के धुएँ के बादल की सुगन्ध उठ रही है। |
उसने पुरोहित हिल्कियाह, अहीकाम बेन-शाफान, अकबोर बेन-मीकायाह, महासहायक शाफान और अपने राजमन्त्री असायाह को यह आदेश दिया,
पुरोहित हिल्कियाह, अहीकाम, अकबोर, शाफान और असायाह तुरन्त नबिया हूल्दाह के पास गए। वह हर्हस के पौत्र और तिक्वाह के पुत्र शल्लूम की पत्नी थी। उसका पति पुरोहितों की पोशाक का प्रबन्धक था। वह यरूशलेम की नई बस्ती में रहती थी। उन्होंने उससे बात की।
राजा योशियाह के राज्य-काल के अठारहवें वर्ष की यह घटना है। योशियाह ने अपने महासहायक शाफान को प्रभु के भवन में भेजा। शाफान के पिता का नाम असल्याह और दादा का नाम मशूल्लाम था। योशियाह ने उसको यह आदेश दिया,
महापुरोहित हिल्कियाह ने महासहायक शाफान को यह बताया, ‘मुझे प्रभु-भवन में “व्यवस्था-ग्रन्थ” मिला है।’ हिल्कियाह ने व्यवस्था-ग्रन्थ शाफान को दिया। शाफान ने उसको पढ़ा।
यहूदा प्रदेश में जो लोग शेष रह गए थे, जिनको नबूकद-नेस्सर ने छोड़ दिया था, उन पर बेबीलोन के राजा नबूकद-नेस्सर ने गदल्याह को प्रशासक नियुक्त किया। उसके पिता का नाम अहीकाम और दादा का नाम शाफान था।
किन्तु जब वह शक्तिशाली हो गया, तब उसका हृदय घमण्ड से भर गया। उसका हृदय प्रभु परमेश्वर के प्रति निष्कपट नहीं रहा। एक दिन उसने प्रभु के मन्दिर में धूप-वेदी पर धूप जलाने के लिए प्रवेश किया।
राजा उज्जियाह यह सुनकर अत्यन्त क्रुद्ध हुआ। उसके हाथ में धूप जलाने का धूपदान था। वह उससे धूप जलानेवाला था। जब वह पुरोहितों पर नाराज हुआ, उसी समय उसके माथे पर कोढ़ के दाग फूट पड़े। प्रभु के भवन में धूप-वेदी के समीप पुरोहितों के सम्मुख यह घटना घटी।
उसने पुरोहित हिल्कियाह, अहीकाम बेन-शाफान, अबदोन, बेन-मीकाह, महासहायक शाफान और अपने राज-मंत्री असायाह को यह आदेश दिया,
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू, हारून, नादब, अबीहू तथा इस्राएल के सत्तर धर्मवृद्ध मेरे पास ऊपर आएँ और दूर से वन्दना करें।
बढ़ई डोरी से नापता है। वह पेन्सिल से उस पर निशान लगाता है। वह रन्दे से उसको आकार देता है। वह परकार से रेखा खींचता है। तत्पश्चात् वह उसको मनुष्य की आकृति में बदलता है। सुन्दर मनुष्य के सदृश वह उसको बनाता है कि आराधक उसे गृहदेवता के रूप में घर में प्रतिष्ठित कर सकें।
तब प्रभु ने यिर्मयाह से कहा, ‘जा और कुम्हार से एक सुराही खरीद। तब जनता के कुछ धर्मवृद्ध और कुछ अनुभवी पुरोहितों को अपने साथ ले,
क्योंकि तुम लोगों ने मुझ-प्रभु की आराधना त्याग कर इस स्थान में अन्य देवी-देवताओं को सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए हैं, और यों मेरे निवास-स्थान को अपवित्र कर दिया है। इन देवी-देवताओं की उपस्थिति का अनुभव न तुम्हें, न तुम्हारे पूर्वजों और न यहूदा प्रदेश के राजाओं को हुआ है। तुम ने निर्दोष बच्चों के खून से इस स्थान को भर दिया है।
किन्तु राजा यहोयाकीम ने कुछ सैनिकों को, एलनातान बेन-अकबोर तथा उसके साथ कुछ और लोगों को मिस्र देश भेजा।
किन्तु उच्चाधिकारी अहीकाम बेन-शापान ने यिर्मयाह की मदद की। अत: यिर्मयाह भीड़ के हाथ में नहीं सौंपे गए, अन्यथा भीड़ उनको मार डालती।
यह पत्र एलासा बेन-शापान तथा गमर्याह बेन-हिल्कियाह के हाथ से भेजा गया था। इन को यहूदा के राजा सिदकियाह ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के पास भेजा था। पत्र में यह लिखा था:
इन सब लोगों की उपस्थिति में बारूक ने पुस्तक में से यिर्मयाह की नबूवत पढ़ी। वह उस समय प्रभु के भवन में सचिव गर्मयाह बेन-शापान के कमरे में था। यह कमरा उपरले आंगन में, प्रभु के भवन के नव प्रवेश-द्वार के समीप था।
‘क्या प्रभु भूल गया था कि तुम और तुम्हारे पूर्वज, तुम्हारे राजा और उच्चाधिकारी यहूदा प्रदेश के नगरों, यरूशलेम की सड़कों पर आकाश की देवी के लिए धूप जलाते थे? क्या प्रभु को तुम्हारे इस दुष्कर्म का ध्यान नहीं था?
अत: मैं बड़े लोगों के पास जाऊंगा, और उनसे बात करूंगा। वे प्रभु का मार्ग जानते हैं। वे अपने परमेश्वर के न्याय-सिद्धान्तों से परिचित हैं।’ प्रभु ने कहा, ‘नहीं उन्होंने भी मेरे अधिकार के प्रतीक-चिह्न जूए को तोड़ दिया है, मेरे बन्धन को काट दिया है।
बेबीलोन के राजा ने उनको मारने का आदेश दिया। हमात देश के रिबलाह नगर में उसने उनका वध करवा दिया। यों समस्त यहूदा प्रदेश के निवासी बन्दी बनकर स्वदेश से निष्कासित हो गए।
तुम चोरी करते हो, हत्या करते हो, व्यभिचार करते हो, झूठी शपथ खाते हो, बअल देवता की मूर्ति के सामने लोबान जलाते हो; अनजान देवताओं का अनुसरण करते हो।
निष्कासन के सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन की यह घटना है। इस्राएली राष्ट्र के कुछ धर्मवृद्ध मेरे पास आए। वे मेरे सामने बैठ गए। उन्होंने मेरे माध्यम से प्रभु की इच्छा पूछी।
अत: मैं भीतर गया, और मैंने दीवार पर एक कोने से दूसरे कोने तक अनेक चित्र देखे: सब प्रकार के कीड़ों-मकौड़ों के चित्र, घृणित पशुओं के चित्र, और इस्राएलियों के द्वारा पूजे जानेवाले देवी-देवताओं के चित्र!
जवान, बूढ़े, कन्याएं, बच्चे, औरतें, उन सब का वध करो; किन्तु उन लोगों पर हाथ न उठाना जिनके माथे पर लिपिक ने चिह्न अंकित किया है। वध का काम मेरे पवित्र स्थान से आरम्भ करो।’ अत: जल्लादों ने वध का काम आरम्भ किया, और उन धर्मवृद्धों का वध कर दिया जो प्रभु के भवन के सामने थे।
हमारे भाग्य में केवल शर्म है। हे प्रभु! हम-सब − हमारे राजा, हमारे शासक और हमारे पिता − अपने पाप के कारण लज्जित हैं; क्योंकि हमने तेरे प्रति पाप किया है।
प्रभु मूसा से बोला, ‘मेरे लिए इस्राएल के सत्तर धर्मवृद्ध एकत्र कर जिनको तू जानता है कि वे लोगों के धर्मवृद्ध और पदाधिकारी हैं। तू उनको मिलन-शिविर में ला। वहाँ वे तेरे साथ खड़े हों।
तब प्रभु मेघ में उतरा। उसने मूसा से वार्तालाप किया और जो आत्मा मूसा पर था उसमें से कुछ लेकर उसने उन सत्तर धर्मवृद्धों पर उण्डेल दिया। जब आत्मा धर्मवृद्धों पर ठहर गया तब वे नबूवत करने लगे। परन्तु उन्होंने उस दिन के बाद फिर कभी नबूवत नहीं की।
तुम में से प्रत्येक व्यक्ति अपना धूपदान ले और उस पर धूप रखे। तत्पश्चात् सब व्यक्ति अपना-अपना धूपदान, अर्थात् दो सौ पचास धूपदान, प्रभु के सम्मुख प्रस्तुत करें। तुम भी और हारून भी अपना-अपना धूपदान प्रस्तुत करें।’
तब प्रभु के पास से अग्नि निकली और उसने धूप चढ़ाने वाले दो सौ पचास व्यक्तियों को भस्म कर दिया।
इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर शिष्यों को नियुक्त किया और जिस-जिस नगर और गाँव में वे स्वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्हें अपने आगे भेजा।