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यहेजकेल 20:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 निष्‍कासन के सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन की यह घटना है। इस्राएली राष्‍ट्र के कुछ धर्मवृद्ध मेरे पास आए। वे मेरे सामने बैठ गए। उन्‍होंने मेरे माध्‍यम से प्रभु की इच्‍छा पूछी।

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पवित्र बाइबल

1 एक दिन इस्राएल के अग्रजों (प्रमुखों) में से कुछ मेरे पास यहोवा की राय पूछने आए। यह पाँचवें महीने (अगस्त) का दसवाँ दिन और देश—निकाले का सातवाँ वर्ष था। अग्रज (प्रमुख) मेरे सामने बैठे।

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Hindi Holy Bible

1 सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे साम्हने बैठ गए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 सातवें वर्ष के पाँचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे सामने बैठ गए।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन, इस्राएल के कुछ अगुए याहवेह की इच्छा जानने के लिये आये और वे मेरे सामने बैठ गये.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 सातवें वर्ष के पाँचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे सामने बैठ गए।

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यहेजकेल 20:1
27 क्रॉस रेफरेंस  

एलीशा ने इस्राएल प्रदेश के राजा से कहा, ‘मेरा आपसे क्‍या काम? आप अपने पिता के नबियों के पास, अपनी मां के नबियों के पास जाइए।’ इस्राएल प्रदेश के राजा ने कहा, ‘नहीं, ऐसा मत कहो। प्रभु ने ही हम-तीन राजाओं को मोआब देश के राजा के हाथ में सौंपने के लिए यहां बुलाया है।’


उस समय एलीशा अपने घर के भीतर बैठे थे। धर्मवृद्ध भी उनके साथ बैठे थे। इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने दरबार से एक दूत भेजा। परन्‍तु उसके आगमन के पूर्व एलीशा ने धर्मवृद्धों को बताया, ‘क्‍या तुम जानते हो, इस हत्‍यारे राजा ने मेरा सिर धड़ से अलग करने के लिए एक दूत को भेजा है? देखो, जब दूत आएगा, तब तुम द्वार बन्‍द कर देना, और द्वार को बलपूर्वक बन्‍द रखना। सुनो, निश्‍चय ही उसके पीछे यह उसके स्‍वामी के पैरों की आवाज है।’


स्‍वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्‍मान करते हैं; किन्‍तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्‍ति करते हैं; इनकी भक्‍ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।


वे प्रतिदिन मुझे ढूंढ़ते हैं; वे मेरे मार्ग जानने की इच्‍छा प्रकट करते हैं; मानो वे धर्म-कर्म करनेवाला राष्‍ट्र हैं, जिसने अपने ईश्‍वर के न्‍याय-सिद्धान्‍तों का परित्‍याग नहीं किया है। वे मुझ से धर्म के नियम पूछते हैं। वे मुझ-परमेश्‍वर के समीप आते, और प्रसन्न होते हैं।


‘बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्‍सर ने हम पर आक्रमण कर दिया है। आप, कृपया, इस सम्‍बन्‍ध में प्रभु से उसकी इच्‍छा मालूम कीजिए। कदाचित प्रभु हमारे मध्‍य अपने स्‍वभाव के अनुरूप आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करे और राजा नबूकदनेस्‍सर हम पर आक्रमण करने का विचार छोड़ दे!’ तब प्रभु का यह सन्‍देश यिर्मयाह को मिला।


तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह को अपने महल में बुलवाया, और वह उनसे मिला। उसने अपने महल में गुप्‍त रूप से यिर्मयाह से पुछा, ‘क्‍या आप को प्रभु का कोई सन्‍देश मिला है?’ यिर्मयाह बोले, ‘निस्‍सन्‍देह, मिला है।’ फिर आगे यिर्मयाह ने कहा, ‘आप निश्‍चय ही बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपे जाएंगे।’


(राजा यहोयाकीन की कैद का पांचवां वर्ष था।) उसी महीने की पांचवीं तारीख को


तब प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के नौंवे वर्ष के दसवें महीने की दसवीं तारीख को प्रभु का यह सन्देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के ग्‍यारहवें वर्ष के पहिले महीने की पहली तारीख को प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के दसवें वर्ष के दसवें महीने की बारहवीं तारीख को मुझे प्रभु का यह सन्‍देश मिला। प्रभु ने मुझ से कहा,


निष्‍कासन के सत्ताईसवें वर्ष के पहले महीने की पहली तारीख को प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के ग्‍यारहवें वर्ष के पहले महीने की सातवीं तारीख को प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के ग्‍यारहवें वर्ष के तीसरे महीने की पहली तारीख को प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


निष्‍कासन के बारहवें वर्ष के बारहवें महीने की पहली तारीख को प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


हमारे निष्‍कासन का पच्‍चीसवां वर्ष था। यरूशलेम नगर के पतन को चौदह वर्ष हो चुके थे। इसी वर्ष के आरम्‍भ में, पहले महीने की दसवीं तारीख को प्रभु की सामर्थ्य मुझ पर प्रबल हुई, और वह मुझे वहां लाया।


निष्‍कासन के छठे वर्ष के छठे महीने की पांचवीं तारीख की यह घटना है। मैं अपने घर में बैठा था। यहूदा प्रदेश के धर्मवृद्ध मेरे सामने बैठे थे। उसी समय स्‍वामी-प्रभु की सामर्थ्य मुझ पर प्रकट हुई,


मैंने यह भी देखा: इस्राएल-कुल के सत्तर धर्मवृद्ध उन चित्रों के सामने खड़े हैं। उनके मध्‍य में याजन्‍याह बेन-शापान भी खड़ा है। हर एक धर्मवृद्ध अपने हाथ में एक धूपदान लिये हुए है, और लोबान का धूंआ ऊपर उठ रहा है।


उन्‍होंने येशु के पास हेरोदेस-दल के सदस्‍यों के साथ अपने शिष्‍यों को यह प्रश्‍न पूछने भेजा, “गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सच्‍चे हैं और सच्‍चाई से परमेश्‍वर के मार्ग की शिक्षा देते हैं। आप किसी की परवाह नहीं करते, क्‍योंकि आप मुँह-देखी बात नहीं कहते।


उसकी मरियम नामक एक बहिन थी। वह प्रभु येशु के चरणों में बैठ कर येशु की शिक्षा सुन रही थी।


तीन दिनों के बाद उन्‍होंने येशु को मन्‍दिर में धर्मगुरुओं के बीच बैठे, उनकी बातें सुनते और उनसे प्रश्‍न पूछते हुए पाया।


लोग यह सब देखने निकले। वे येशु के पास आये और यह देख कर भयभीत हो गये कि वह मनुष्‍य, जिसमें से भूत निकले थे, कपड़े पहने शान्‍त भाव से येशु के चरणों के समीप बैठा हुआ है।


“मैं यहूदी हूँ। मेरा जन्‍म किलिकिया के तरसुस नगर में हुआ था, किन्‍तु मैंने इस नगर में गमालिएल के चरणों में बैठकर अपनी शिक्षा-दीक्षा पाई। पूर्वजों की व्‍यवस्‍था का मैंने विधिवत् अध्‍ययन किया। मैं परमेश्‍वर का वैसा ही उत्‍साही उपासक बना, जैसे आप सब हैं।


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