निचले तोरण-पथ का प्रवेश-द्वार भवन की दाहिनी ओर के कोने में था। इस प्रवेश-द्वार पर एक जीना था, जो मध्यवर्ती तोरण-पथ को तथा मध्यवर्ती तोरण-पथ से उपरले तोरण-पथ को जाता था।
यहेजकेल 40:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह मन्दिर के पूर्वी फाटक पर गया। वह उसकी सीढ़ी पर चढ़ा, और उसने ड्योढ़ी की लम्बाई नापी। फाटक की ड्योढ़ी की लम्बाई तीन मीटर निकली। पवित्र बाइबल तब व्यक्ति पूर्वी द्वार को गया। वह व्यक्ति उसकी पैड़ियों पर चढ़ा और फाटक की देहली को नापा। यह एक छड़ चौड़ी थी। Hindi Holy Bible तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुंह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढिय़ों की चौड़ाई मापकर एक एक बांस भर की पाई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुँह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढ़ियों की चौड़ाई मापकर एक एक बाँस भर की पाई। सरल हिन्दी बाइबल तब वह उस पूर्व द्वार के पास गया. वह उसकी सीढ़ियां चढ़कर द्वार के चौखट को नापा, जिसकी चौड़ाई एक डंडा भर थी; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वह उस फाटक के पास आया जिसका मुँह पूर्व की ओर था, और उसकी सीढ़ी पर चढ़कर फाटक की दोनों डेवढ़ियों की चौड़ाई मापकर एक-एक बाँस भर की पाई। |
निचले तोरण-पथ का प्रवेश-द्वार भवन की दाहिनी ओर के कोने में था। इस प्रवेश-द्वार पर एक जीना था, जो मध्यवर्ती तोरण-पथ को तथा मध्यवर्ती तोरण-पथ से उपरले तोरण-पथ को जाता था।
शल्लूम पूर्व दिशा में राज-द्वार पर अब तक नियुक्त था। ये उप-पुरोहितों के शिविर के द्वारपाल थे :
उनके आगे सादोक बेन-इम्मेर ने अपने मकान के सामने के भाग की मरम्मत की। उसके आगे समयाह बेन-शकन्याह ने मरम्मत की। समयाह ‘पूर्वी द्वार’ का द्वारपाल था।
तेरे आंगनों में एक दिन रहना अन्यत्र हजार दिन रहने से श्रेष्ठ है। दुष्टता के शिविर में निवास करने की अपेक्षा अपने परमेश्वर के भवन के द्वार पर खड़ा रहना ही मुझे प्रिय है।
और बेन-हिन्नोम की घाटी की ओर चला जा। वहां तू ठीकरी-द्वार पर खड़ा होना, जहां टूटे-फूटे बर्तनों का मलवा फेंका जाता है। ठीकरी-द्वार से तू मेरे सन्देश को सुनाना, जो मैं तुझे दूंगा।
इसके पश्चात् मैंने यह देखा: प्रभु का तेज भवन की ड्योढ़ी में से बाहर निकला, और करूबों के ऊपर स्थित हो गया।
आत्मा ने मुझे उठाया, और वह मुझे प्रभु के भवन के पूर्वी फाटक पर ले गया, जिसका मुंह पूर्व दिशा में है। वहां मैंने देखा कि फाटक के प्रवेश-द्वार पर पच्चीस पुरुष खड़े हैं, और उनमें याजन्याह बेन-अज्जूर और पलत्याह बेन-बनायाह भी हैं, जो लोगों के उच्चाधिकारी हैं।
वहाँ एक फाटक था। उसका मुख उत्तर की ओर था। यह मन्दिर के बाहरी आंगन का फाटक था। उसने फाटक की लम्बाई और चौड़ाई नापी।
इसकी भी खिड़कियों, ओसारे, तथा खम्भों पर खुदे खजूर के वृक्षों की नाप पूर्वमुखी फाटक के समान थी। इस पर चढ़ने के लिए सात सीढ़ियां बनी थीं। फाटक का ओसारा भीतर की ओर था।
वह मुझे दक्षिण की ओर ले गया। मैंने देखा कि वहां एक फाटक है। उसने दक्षिण के फाटक के खम्भों और ओसारे को नापा। उनकी नाप उतनी ही निकली जितनी दूसरे फाटकों के खम्भों और ओसारे की थी।
दक्षिणी फाटक पर जाने के लिए सात सीढ़ियां थी। उसका ओसारा भीतर की ओर था। फाटक के दोनों ओर, प्रत्येक खम्भे पर खजूर के वृक्ष खुदे थे।
मैंने यह देखा : मन्दिर की सीमा के चारों ओर एक दीवार है। जो नापने का बांस उस आदमी के हाथ में है, वह छ: हाथ, अर्थात् लगभग तीन मीटर लम्बा है। अत: उसने दीवार की मोटाई और ऊंचाई नापी। मोटाई तीन मीटर और ऊंचाई तीन मीटर निकली।
उसने बाजू की पहरेदारों की कोठरियां नापीं। प्रत्येक कोठरी तीन मीटर लम्बी और तीन मीटर चौड़ी थी। बाजू की कोठरियों के मध्य में अढ़ाई मीटर की दूरी थी। उसने फाटक की दूसरी ड्योढ़ी नापी। यह ड्योढ़ी फाटक के ओसारे के पास, भवन के भीतर की ओर थी। उसकी लम्बाई तीन मीटर थी।
की दीवारों पर चारों ओर तख्ते जड़े हुए थे। तीनों में खिड़कियां थीं, जो चौखटों के नीचे की ओर क्रमश: संकरी होती गई थीं। सम्पूर्ण मन्दिर पर, ड्योढ़ी से छज्जे तक, फर्श से खिड़कियों तक, और खिड़कियों के आसपास, दरवाजे के ऊपर की जगह, अन्तर्गृह में और बाहर की ओर सब जगह, तख्ते जड़े थे। खिड़कियां ढकी हुई थीं। अन्तर्गृह तथा मध्यभाग की दीवारों पर चारों ओर
मन्दिर के भीतरी क्षेत्र को नापने के पश्चात् वह मुझे पूर्वी फाटक से बाहर ले गया। वह वहां चारों ओर मन्दिर का बाहरी क्षेत्र नापने लगा।
कगर भी वर्गाकार होगा−सात मीटर लम्बा और सात मीटर चौड़ा। उसके चारों ओर का किनारा पच्चीस सेन्टीमीटर का होगा। चारों ओर का आधार आधा मीटर का होगा। वेदी की सीढ़ियां पूर्व दिशा में होंगी।’
वे अपने घर की ड्योढ़ी मेरे गृह की ड्योढ़ी से, और अपने द्वार के खम्भे मेरे द्वार के खम्भों से लगा कर बनाते थे। मेरे गृह और उनके घर के मध्य केवल दीवार थी। उन्होंने अत्यन्त घृणित कार्य किए थे, और इन घृणित कार्यों से मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया था। अत: मैंने अपने क्रोध में उनको पूर्णत: नष्ट कर दिया था।
जब इस्राएल देश का शासक स्वेच्छा-बलि के रूप में प्रभु को अग्नि-बलि अथवा सहभागिता-बलि चढ़ाने की इच्छा करेगा तब पूर्वमुखी फाटक उसके लिए खोला जाएगा। जैसे वह विश्राम-दिवस पर अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाता है वैसे ही वह स्वेच्छा-बलि के रूप में अग्नि-बलि अथवा सहभागिता-बलि चढ़ाएगा। तब वह फाटक से बाहर निकलेगा, और उसके निकलने के पश्चात् फाटक बन्द कर दिया जाएगा।
फिर वह मुझे मन्दिर के द्वार पर वापस ले गया। वहाँ मैंने यह देखा: मन्दिर की ड्योढ़ी के नीचे से पानी निकल रहा है, और पूर्व की ओर बह रहा है (क्योंकि मन्दिर का मुंह पूर्व दिशा में था)। पानी मन्दिर की दाहिनी ओर नीचे से और वेदी के दक्षिणी ओर से निकल रहा था।
इसके बाद वह मुझे प्रभु-भवन के भीतरी आंगन में ले गया। वहां मैंने लगभग पच्चीस आदमी देखे, जो प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वार के सामने, ड्योढ़ी और वेदी के बीच में खड़े थे। उनकी पीठ प्रभु के मन्दिर की ओर थी, और मुख पूर्व की ओर। वे पूर्व दिशा में सूर्य की पूजा कर रहे थे।