स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी ने मेरे कान में यह भेद प्रकट किया, “निस्सन्देह इनके इस अधर्म का कोई प्रायश्चित नहीं है, केवल इनकी मृत्यु!”
यहेजकेल 24:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ यरूशलेम नगरी! यह जंग तेरी कामुकता है, जो गन्दा मैल है। मैंने तुझसे यह अशुद्धता, यह कामुकता छुड़वाने की बार-बार कोशिश की; पर मैं अपने प्रयत्न में सफल नहीं हुआ! तू शुद्ध नहीं हुई। अत: अब, जब तक मैं तुझे दण्ड देकर अपना क्रोध शान्त न कर लूंगा, तब तक तू शुद्ध न होगी। पवित्र बाइबल तुमने मेरे विरुद्ध पाप किया और पाप से कलंकित हुई। मैंने तुम्हें नहलाना चाहा और तुम्हें स्वच्छ करना चाहा! किन्तु दाग छूटे नहीं। मैं तुमको फिर नहलाना नहीं चाहूँगा। जब तक मेरा तप्त क्रोध तुम्हारे प्रति समाप्त नहीं होता। Hindi Holy Bible हे नगरी तेरी अशुद्धता महापाप की है। मैं तो तुझे शुद्ध करना चाहता था, परन्तु तू शुद्ध नहीं हुई, इस कारण जब तक मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर शान्त न कर लूं, तब तक तू फिर शुद्ध न की जाएगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे नगरी तेरी अशुद्धता महापाप की है। मैं तो तुझे शुद्ध करना चाहता था, परन्तु तू शुद्ध नहीं हुई, इस कारण जब तक मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर शान्त न कर लूँ, तब तक तू फिर शुद्ध न की जाएगी। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘तुम्हारी अशुद्धता काम-वासना है. क्योंकि मैंने तुम्हें साफ करने की कोशिश की, पर तुम अपनी अशुद्धता से साफ नहीं होते, अब तुम फिर तब तक साफ किए न जाओगे, जब तक कि मेरा कोप तुम्हारे विरुद्ध शांत न हो जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे नगरी तेरी अशुद्धता महापाप की है। मैं तो तुझे शुद्ध करना चाहता था, परन्तु तू शुद्ध नहीं हुई, इस कारण जब तक मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर शान्त न कर लूँ, तब तक तू फिर शुद्ध न की जाएगी। |
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी ने मेरे कान में यह भेद प्रकट किया, “निस्सन्देह इनके इस अधर्म का कोई प्रायश्चित नहीं है, केवल इनकी मृत्यु!”
जो घृणित कार्य, व्यभिचार, कामुकता, वेश्यावृत्ति, तूने पहाड़ियों और मैदानों में किए हैं, वे सब मैंने देखे हैं। ओ यरूशलेम, धिक्कार है तुझे! तू कब शुद्ध होगी?’
‘मैंने एफ्रइम को विलाप करते हुए सुना है। वह मुझ से कह रहा था, “तूने मुझे सजा दी, और मैं ताड़ित हुआ, मानो मैं नवसीखिए बछड़े के समान हूं जो जूए में जोतने के योग्य नहीं होता और बहुत ताड़ना पाता है। मुझे स्वदेश वापस ले जा, तब मैं पुन: प्रतिष्ठित होऊंगा, क्योंकि तू ही मेरा प्रभु परमेश्वर है।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
इस प्रकार तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि को शान्त करूंगा, और तेरे प्रति मेरी ईष्र्या का अन्त हो जाएगा। मैं शान्त हो जाऊंगा, और फिर कभी तुझसे नाराज नहीं हूंगा।
‘ओ मानव, तू यरूशलेम से यह कह: तू परती भूमि है, जिस पर वर्षा नहीं हुई। प्रभु के कोप-दिवस पर तुझ पर वर्षा नहीं हुई।
उसके बाद हण्डे को खाली करो, और खाली हण्डा अंगारों पर रखो जिससे वह गर्म हो, उसका पीतल लाल हो जाए, उसका मैल पिघले, और उसके अन्दर का जंग जल जाए।
‘तेरी आबादी का एक-तिहाई भाग महामारी से मर जाएगा। वे तेरे सामने अकाल से मर जाएंगे। आबादी का दूसरा एक-तिहाई भाग नगर के चारों ओर शत्रु की तलवार से मारा जाएगा, और शेष तीसरे भाग को मैं सब दिशाओं में बिखेर दूंगा, और तलवार खींच कर उनका पीछा करूंगा।
‘इस प्रकार मेरा क्रोध शान्त होगा। जब तक मेरी क्रोधाग्नि उन पर पूरी तरह न भड़क उठेगी, तब तक वह शांत न होगी, और न मुझे चैन मिलेगा। और तब उनको मालूम होगा कि मैं-प्रभु ने ही ईष्र्या की अग्नि में धधक कर यह कहा है। उस समय ही उनके प्रति मेरा क्रोध ठण्डा होगा।
अत: मैं उनसे क्रोधपूर्ण व्यवहार करूंगा। मैं उन पर दयादृष्टि नहीं करूंगा। मेरी आंखों से छिप कर वे भाग नहीं सकेंगे। वे ऊंचे स्वर से मुझे पुकारेंगे तो भी मैं उनकी दुहाई नहीं सुनूंगा।’
जब-जब मैं अपने निज लोगों की समृद्धि लौटाना चाहता हूं, जब-जब मैं इस्राएल को स्वस्थ करना चाहता हूं, तब-तब एफ्रइम का भ्रष्टाचार, तब-तब सामरी राज्य के कुकर्म मेरे सम्मुख प्रकट हो जाते हैं। लोग विश्वासघात करते हैं। चोर घरों में सेंध लगाते हैं; और डाकू घर के बाहर लूटते हैं।
पुरोहित दाग वाली वस्तु की, उसके धोने के पश्चात् जांच करेगा। यदि दाग का रंग नहीं बदला है, यद्यपि दाग नहीं फैला है, तो भी वह वस्तु अशुद्ध मानी जाएगी। तुम उसको आग में जलाना, चाहे कुष्ठ-रोग जैसा दाग पीछे हो अथवा आगे।
‘यदि रोग पत्थरों के निकाल लेने, घर को खुरचने तथा लिपाई-पुताई के पश्चात् भी घर में पुन: फूटता है
वह किसी की बात पर ध्यान नहीं देती, वह ताड़ना पाने पर भी नहीं सुधरी। वह प्रभु पर भरोसा नहीं करती। वह परमेश्वर की आराधना के लिए उसके मन्दिर में नहीं आती।
मैंने यह सोचा था, “वह मुझसे अवश्य डरेगी, वह ताड़ना से सुधर जाएगी। उसकी दृष्टि से वे दण्ड भी नहीं छिपे थे, जो मैंने उसे दिए थे।” फिर भी वह अधिकाधिक दुष्कर्म करती गई।’
दूत ने मुझे पुकार कर कहा, ‘देखो, जो उत्तरी देश की ओर गए, उन्होंने वहां प्रभु की क्रोधाग्नि शान्त की।’
प्रिय भाइयो और बहिनो! हमें इस प्रकार की प्रतिज्ञाएं मिली हैं। इसलिए हम शरीर और मन के हर प्रकार के दूषण से अपने को शुद्ध करें और परमेश्वर पर श्रद्धा-भक्ति रखते हुए पवित्रता की परिपूर्णता तक पहुँचने का प्रयत्न करते रहें।
अधर्मी अब अधर्म करता रहे, कलुषित व्यक्ति कलुषित ही बना रहे; लेकिन धर्मी धार्मिक आचरण और सन्त पवित्रता की साधना करता जाये।”