जब याकूब ने पनीएल से प्रस्थान किया तब वह अपनी जांघ के कारण लंगड़ा रहा था और सूर्य उस पर चमकने लगा था।
यशायाह 6:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’ पवित्र बाइबल मैं बहुत डर गया था। मैंने कहा, “अरे, नहीं! मैं तो नष्ट हो जाऊँगा। मैं उतना शुद्ध नहीं हूँ कि परमेश्वर से बातें करूँ और मैं ऐसे लोगों के बीच रहता हूँ जो उतने शुद्ध नहीं हैं कि परमेश्वर से बातें कर सकें। किन्तु फिर भी मैंने उस राजा, सर्वशक्तिमान यहोवा, के दर्शन कर लिये हैं।” Hindi Holy Bible तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने कहा, “हाय! हाय! मैं नष्ट हुआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ; और अशुद्ध होंठवाले मनुष्यों के बीच में रहता हूँ, क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आँखों से देखा है!” सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने कहा, “हाय मुझ पर! क्योंकि मैं नष्ट हो गया हूं! मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं, जिसके होंठ अशुद्ध हैं और मैं उन व्यक्तियों के बीच रहता हूं जिनके होंठ अशुद्ध हैं; क्योंकि मैंने अपनी आंखों से महाराजाधिराज, सर्वशक्तिमान याहवेह को देख लिया है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने कहा, “हाय! हाय! मैं नाश हुआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ, और अशुद्ध होंठवाले मनुष्यों के बीच में रहता हूँ; क्योंकि मैंने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आँखों से देखा है!” |
जब याकूब ने पनीएल से प्रस्थान किया तब वह अपनी जांघ के कारण लंगड़ा रहा था और सूर्य उस पर चमकने लगा था।
उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। उसके चरणों के नीचे नीलमणि का चबूतरा-जैसा कुछ था, जो आकाश के सदृश स्वच्छ था।
प्रभु ने फिर कहा, ‘मैं तेरे पिता का परमेश्वर, अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं।’ मूसा ने अपना मुंह ढक लिया; क्योंकि वह परमेश्वर पर दृष्टि करने से डरते थे।
उसने यह भी कहा, ‘तू मेरे मुख का दर्शन नहीं कर सकता; क्योंकि मनुष्य मुझे देखकर जीवित नहीं रह सकता।’
मूसा ने प्रभु से कहा, ‘हे मेरे स्वामी, मैं कुशल वक्ता नहीं हूं। मैं न पहले कभी था, और न जब से तू अपने सेवक से वार्तालाप करने लगा है, मैं हूं। मुझे बोलने में कठिनाई होती है और मेरी जीभ लड़खड़ाती है।’
किन्तु मूसा ने प्रभु से कहा, ‘देख, जब इस्राएलियों ने ही मेरी बात नहीं सुनी, तब फरओ कैसे मेरी बात सुनेगा? मैं अच्छा वक्ता भी नहीं हूं।’
किन्तु मूसा ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘मैं अच्छा वक्ता नहीं हूं। फरओ मेरी बात कैसे सुनेगा?’
पृथ्वी के सीमान्तों से हम धर्मात्मा परमेश्वर की महिमा के सम्बन्ध में स्तुति-गीत सुनते हैं।” परन्तु मैंने यह कहा, “ओह! मैं दु:ख से क्षीण हो रहा हूं, चिन्ता से व्याकुल हो रहा हूं। धिक्कार है विश्वासघातियों को, धोखेबाजों को; वे एक के बाद एक विश्वासघात किए जा रहे हैं।”
स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
तेरी आंखें राजा को उसके वैभव में देखेंगी; तू अपने देश को देखेगा, जिसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली हुई होंगी।
तुम्हारे हाथ हत्या के खून से, और तुम्हारी अंगुलियाँ दुष्कर्म से अपवित्र हैं। तुम्हारे ओंठ झूठ बोलते हैं, तुम्हारी जीभ दुष्टतापूर्ण बातें निकालती है।
हम-सब अशुद्ध व्यक्ति के समान हो गए हैं, हमारे सब धर्म-कर्म गन्दे वस्त्र हो गए हैं। हम-सब पत्ते के सदृश मुरझा जाते हैं। हमारे दुष्कर्म हवा की तरह हमें उड़ा ले जाते हैं।
तब मैंने कहा, ‘प्रभु, मेरे स्वामी, देख, अभी तो मैं बोल भी नहीं सकता; मैं तो अभी किशोर ही हूं।’
‘मैं बेबीलोन के उच्चाधिकारियों, विद्वानों, राज्यपालों, सेनापतियों और योद्धाओं को मतवाला कर दूंगा; वे चिरनिद्रा में सो जाएंगे, और कभी नहीं जागेंगे।’ यह राजाधिराज की वाणी है, जिसका नाम है : ‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु’।
‘ओ मानव, तू विद्रोही कौम, इस्राएली कुल के मध्य रहता है। उनके पास आंखें तो हैं, पर उन्हें दिखाई नहीं देता। उनके पास कान हैं, पर वे सुनते नहीं। इस्राएली कुल विद्रोही है।
वे झुण्ड के झुण्ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्तु उनका हृदय स्वार्थ में डूबा हुआ है।
“इस प्रकार मैं बोल रहा था। मैं प्रार्थना कर रहा था। मैं अपने और अपनी इस्राएली कौम के पाप को स्वीकार कर रहा था। जब मैं अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उसके पवित्र पहाड़ी नगर के लिए याचना प्रस्तुत कर रहा था;
यह मैंने सुना, और मेरा शरीर कांपने लगा। आवाज सुनते ही मेरे ओंठ कांपने लगे। सड़ायंध मेरी हड्डियों तक घुस गई। मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई। मैं चुपचाप उस दिन की प्रतीक्षा करूंगा, जब हमारे आक्रमणकारियों पर संकट आएगा।
इस्राएली लोगों ने मूसा से कहा, ‘देखिए, हमारे प्राण निकल रहे हैं। हम मर रहे हैं। हम-सब नष्ट हो रहे हैं।
उसने अपनी पत्नी से कहा, ‘हम निश्चय ही मर जाएँगे, क्योंकि हमने परमेश्वर को देखा है!’
तब गिद्ओन को अनुभव हुआ कि वह प्रभु का दूत था। गिद्ओन ने कहा, ‘हाय! हे मेरे स्वामी, हे प्रभु! मैंने प्रभु के दूत को साक्षात देखा!’