गांठें और शाखाएँ भी धातु के एक ही टुकड़े से बनी थीं। शुद्ध सोना ढालकर पूरा दीपाधार एक ही टुकड़े से बनाया गया था।
यशायाह 5:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे अंगूर-उद्यान में और क्या करने को शेष था, जो मैंने उसके लिए नहीं किया? पर जब मैंने उसके मीठे अंगूर की आशा की, तब मुझे उससे केवल खट्टे अंगूर मिले। पवित्र बाइबल मैं और क्या अपने अंगूर के बाग के लिये कर सकता था मैंने वह सब किया जो कुछ भी मैं कर सकता था। मुझे उत्तम अंगूरों के लगने की आशा थी किन्तु वहाँ अंगूर बुरे ही लगे। यह ऐसा क्यों हुआ Hindi Holy Bible मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैं ने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैं ने दाख की आशा की तब उस में निकम्मी दाखें लगीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैं ने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैं ने दाख की आशा की तब उस में निकम्मी दाखें लगीं? सरल हिन्दी बाइबल मैंने अंगूर की बारी में कोई कमी नहीं रखी और अच्छा फल चाहा तो उसमें खराब फल निकला. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैंने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैंने दाख की आशा की तब उसमें निकम्मी दाखें लगीं? |
गांठें और शाखाएँ भी धातु के एक ही टुकड़े से बनी थीं। शुद्ध सोना ढालकर पूरा दीपाधार एक ही टुकड़े से बनाया गया था।
अब तुम्हारे किस अंग पर प्रहार किया जा सकता है? तुम्हारा कोई अंग भी मार से बचा नहीं, फिर भी तुम बार-बार विद्रोह करते हो! तुम्हारा सारा सिर घायल है, तुम्हारा सम्पूर्ण हृदय रोगी है।
मैंने उत्तम अंगूर-बेल, श्रेष्ठ जाति की बेल के रूप में तुझे लगाया था। फिर क्यों तुझ में कीड़ा लग गया? क्यों तू जंगली अंगूर-बेल बन गई?
प्रभु तुमसे यों कहता है : ‘तुम्हारे पूर्वजों ने मुझ मे कौन-सी त्रुटि पायी थी कि वे मुझ से दूर हो गए? और निस्सार देवता का अनुसरण कर स्वयं निस्सार बन गए?
एक टोकरी के फल मौसम के प्रथम फलों के सदृश बहुत अच्छे हैं। किन्तु दूसरी टोकरी में खराब फल हैं, जो इतने खराब हैं कि कोई उन को खा भी नहीं सकता।
जिस दिन से तुम्हारे पूर्वज मिस्र देश से बाहर निकले, उस दिन से आज तक, मैं अपने सेवक नबियों को निरंतर, दिन-प्रतिदिन, उन के पास भेजता रहा।
फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। उन्होंने अपना हृदय पत्थर-सा कठोर बना लिया, और अपने पूर्वजों से बढ़कर दुष्कर्म किए।
ओ यरूशलेम नगरी! यह जंग तेरी कामुकता है, जो गन्दा मैल है। मैंने तुझसे यह अशुद्धता, यह कामुकता छुड़वाने की बार-बार कोशिश की; पर मैं अपने प्रयत्न में सफल नहीं हुआ! तू शुद्ध नहीं हुई। अत: अब, जब तक मैं तुझे दण्ड देकर अपना क्रोध शान्त न कर लूंगा, तब तक तू शुद्ध न होगी।
इस्राएल एक लहलहाती दाख-लता है। उसमें फल भी लगते हैं। पर जैसे-जैसे उसके फलों की वृद्धि होती है वह देवी-देवताओं की वेदियों की संख्या बढ़ाता जाता है। जैसे-जैसे उसका देश उन्नति करता है, वह पूजा-स्तम्भों को सुन्दर बनाता है।
“ओ यरूशलेम नगरी! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती है और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को वैसे ही एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।