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यशायाह 3:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

दुर्जन को धिक्‍कार है; क्‍योंकि उसका बुरा होगा। जैसा उसने किया है, वैसा ही उसके साथ किया जायेगा।

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पवित्र बाइबल

किन्तु बुरे लोगों के लिए यह बहुत बुरा होगा। उन पर बड़ी विपत्ति टूट पड़ेगी। जो बुरे काम उन्होंने किये हैं, उन सब के लिये उन्हें दण्ड दिया जायेगा।

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Hindi Holy Bible

दुष्ट पर हाय!उसका बुरा होगा, क्योंकि उसके कामों का फल उसको मिलेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

दुष्‍ट पर हाय! उसका बुरा होगा, क्योंकि उसके कामों का फल उसको मिलेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

हाय है दुष्ट पर! उनके साथ बुरा ही होगा! क्योंकि उनके बुरे कामों का फल उन्हें बुरा ही मिलेगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

दुष्ट पर हाय! उसका बुरा होगा, क्योंकि उसके कामों का फल उसको मिलेगा।

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यशायाह 3:11
36 क्रॉस रेफरेंस  

तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्‍या सारी पृथ्‍वी का न्‍यायाधीश उचित न्‍याय न करेगा?’


यद्यपि मैं अभिषिक्‍त राजा हूँ, तो भी आज मैं कमजोर हूँ। ये लोग, सरूयाह के पुत्र कठोर हैं। ये मेरे वश के बाहर हैं। प्रभु ही बुराई करनेवाले को उसकी बुराई के अनुसार बदला दे!’


प्रभु आप पर विपत्ति का पहाड़ ढाहेगा। वह आपको जड़ से उखाड़ देगा। वह इस्राएल प्रदेश में आपके परिवार के हर एक सेवक और गुलाम को, उसके प्रत्‍येक पुरुष को, नष्‍ट कर देगा।


तब तू स्‍वर्ग से उनका मुकदमा सुनना और कार्य करना। प्रभु, अपने सेवकों का न्‍याय करना। दुर्जन को दुर्जन घोषित करना और उसके आचरण का फल उसके सिर पर लौटाना। परन्‍तु सज्‍जन को सज्‍जन सिद्ध करना, और उसकी सज्‍जनता के अनुरूप उसे फल देना।


यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्‍कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्‍योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!


उनके कामों के अनुसार, उनके कर्मों की बुराई के अनुसार तू उन्‍हें प्रतिफल दे; उनके हाथ के कामों के अनुसार उन्‍हें प्रतिफल दे; उन्‍हें उनकी करनी का फल दे।


और स्‍वामी, करुणा भी तेरी ही है; क्‍योंकि तू मनुष्‍य को उसके कामों के अनुसार फल देता है।


अत: तुम अपनी करनी का फल स्‍वयं भोगोगे; जो काम तुमने अपनी इच्‍छा से किए हैं, उनके फल से तुम अघा जाओगे।


यदि धार्मिक को पृथ्‍वी पर ही उसके आचरण का प्रतिफल मिल जाता है, तो फिर दुर्जन और पापी को क्‍यों नहीं मिलेगा?


मनुष्‍य को अपने वचनों के फल के अनुरूप उत्तम वस्‍तुएं प्राप्‍त होती हैं, और वह सन्‍तुष्‍ट होता है; मनुष्‍य जैसा कार्य करता है वैसा ही उसको फल मिलता है।


जो मनुष्‍य दूसरे के लिए गड्ढा खोदता है, वह स्‍वयं उसमें गिरता है। जो मनुष्‍य दूसरे के लिए फन्‍दा लगाता है, वह खुद उसमें फंस जाता है।


निस्‍सन्‍देह दुर्जन का अन्‍त में भला नहीं होगा, और न वह छाया के सदृश अपनी उम्र लम्‍बी कर सकेगा, क्‍योंकि वह परमेश्‍वर से नहीं डरता है।


मैं दुनिया को उसकी दुष्‍टता के लिए, और दुर्जनों को उनके दुष्‍कर्म के लिए दण्‍ड दूंगा। मैं अहंकारी का अहंकार मिटा दूंगा; मैं अत्‍याचारी की घमण्‍ड से चढ़ी हुई आंखों को नीचा करूंगा।


प्रभु कहता है, ‘दुर्जनों को कहीं शान्‍ति नहीं मिलती।’


वहाँ न शिशु होगा, जो कुछ दिन जीवित रहकर असमय में मर जाएगा; और न ऐसे वृद्ध होंगे, जो पूर्ण आयु न भोगेंगे। प्रत्‍येक बालक शतायु होगा; जो व्यक्‍ति सौ वर्ष की उम्र के पहले मरेगा, वह शापित समझा जाएगा।


मैं-प्रभु यह कहता हूं : देखो, यह बात मेरे सामने लिखी हुई है: “मैं अधर्म को देखकर चुप नहीं रहूंगा; वरन् मैं उनको अधर्म का प्रतिफल दूंगा।” मैं उनके दुष्‍कर्मों का, उनके पूर्वजों के दुष्‍कर्मों का पूरा-पूरा बदला, निस्‍सन्‍देह उन्‍हें दूंगा। उन्‍होंने पहाड़ों पर धूप जलाया; पहाड़ियों पर मुझे निन्‍दात्‍मक शब्‍द कहे। अत: मैं गिन-गिनकर उनसे प्रतिशोध लूंगा।’


पर मैं-प्रभु कहता हूँ : मैं तुम्‍हारे आचरण के अनुरूप तुम्‍हें दण्‍ड दूंगा। मैं तुम्‍हारी बस्‍ती के जंगल में दावानल सुलगा दूंगा; वह वन के आसपास के सब मकानों को भस्‍म कर देगा।’


किन्‍तु अब पाप करनेवाला व्यक्‍ति स्‍वयं अपने पाप का फल भोगेगा, और मरेगा। दुष्‍कर्म करनेवाला अपने दुष्‍कर्म का फल पाएगा।’


स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: ‘ओ यरूशलेम, तूने शपथ खाकर मुझसे विवाह का विधान स्‍थापित किया था। किन्‍तु तूने अपनी शपथ को तुच्‍छ समझा, और विधान को तोड़ दिया। अत: जैसा तूने किया है वैसा ही मैं तुझ से व्‍यवहार करूंगा।


केवल पाप करनेवाला प्राणी ही मरेगा। पिता के अधर्म का फल पुत्र कदापि नहीं भोगेगा, और न ही पुत्र के अधर्म का दण्‍ड पिता को मिलेगा। किन्‍तु धार्मिक व्यक्‍ति को उसके धर्म का फल और दुर्जन को उसके पाप का फल मिलेगा।


उसने पुस्‍तक मेरे सामने खोल दी। उसके दोनों पृष्‍ठों पर लिखा हुआ था। मैंने पढ़ा, उस पर विलाप और शोक-गीत लिखे हुए थे। उस पर धिक्‍कार के शब्‍द लिखे हुए थे।


देख, मैं-प्रभु ने यह कहा है, और यह अवश्‍य पुरा होगा। मैं अपने निश्‍चय को नहीं बदलूंगा। मैं तुझ पर तरस खा कर तुझे जीवित नहीं छोड़ूंगा, और न ही अपने निश्‍चय के लिए मैं पछताऊंगा। ओ यरूशलेम नगरी, तेरे आचरण और व्‍यवहार के अनुरूप मैं तेरा न्‍याय करूंगा।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


यदि मैं दुर्जन से कहूंगा, “ओ दुर्जन, तू निस्‍सन्‍देह मरेगा” , और यदि तू दुर्जन को सावधान नहीं करेगा कि वह अपना बुरा मार्ग छोड़ दे, तो ओ मानव-पुत्र, वह दुर्जन तो अपने अधर्म में मरेगा ही, किन्‍तु मैं उसकी मौत का जिम्‍मेदार तुझे ठहराऊंगा, और उसके खून का लेखा तुझ से लूंगा।


संकट के समय, तुम प्रभु की दुहाई दोगे, पर वह तुम्‍हारी दुहाई का उत्तर नहीं देगा। उस समय वह तुमसे अपना मुंह छिपाएगा क्‍योंकि तुमने दुष्‍कर्म किए हैं।


किन्‍तु पृथ्‍वी अपने निवासियों के कारण, उनके दुष्‍कर्म के फलों के कारण उजाड़ हो जाएगी।


परन्‍तु यदि तुम ऐसा न करोगे, तो प्रभु के प्रति पाप करोगे। इस बात को जान लो, तुम्‍हारा पाप तुम्‍हें ढूंढ़ निकालेगा।


क्‍योंकि हम-सब को मसीह के न्‍यायासन के सामने प्रस्‍तुत किया जायेगा। प्रत्‍येक व्यक्‍ति ने शरीर में रहते समय जो कुछ किया है, चाहे वह भलाई हो या बुराई, उसे उसका प्रतिफल मिलेगा।


जिसने दया नहीं दिखायी है, उसका न्‍याय दया के साथ नहीं किया जायेगा; किन्‍तु दया न्‍याय पर विजय पाती है।


इसके अतिरिक्‍त जो बुराई शकेम नगर के लोगों ने की थी, उसको भी परमेश्‍वर ने उन्‍हीं के सिर लौटा दिया! यरूब्‍बअल के पुत्र योताम का श्राप भी उन पर पड़ा।