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यशायाह 22:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्‍वामी ने कोलाहल, विध्‍वंस और संभ्रम का दिन निर्धारित कर दिया है। दर्शन की घाटी में शहरपनाह फेंक दी गई। लोगों की दुहाई पहाड़ से टकरा रही है।

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पवित्र बाइबल

यहोवा ने एक विशेष दिन चुना है। उस दिन वहाँ बलवा और भगदड़ मच जायेगा। दिव्य दर्शन की घाटी में लोग एक दूसरे को रौंद डालेंगे। नगर की चार दीवारी उखाड़ फेंकी जायेगी। घाटी के लोग पहाड़ पर के लोगों के ऊपर चिल्लायेंगे।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा का ठहराया हुआ दिन होगा, जब दर्शन की तराई में कोलाहल और रौंदा जाना और बेचैनी होगी; शहरपनाह में सुरंग लगाई जाएगी और दोहाई का शब्द पहाड़ों तक पहुंचेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा का ठहराया हुआ एक दिन होगा, जब दर्शन की तराई में कोलाहल और रौंदा जाना और बेचैनी होगी; शहरपनाह में सुरंग लगाई जाएगी और दोहाई का शब्द पहाड़ों तक पहुँचेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह का दर्शन की घाटी में कोलाहल, रौंदा जाना, बेचैनी, प्राचीनों को गिरा देने और पर्वतों की दोहाई देने का एक दिन निश्चित है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा का ठहराया हुआ दिन होगा, जब दर्शन की तराई में कोलाहल और रौंदा जाना और बेचैनी होगी; शहरपनाह में सुरंग लगाई जाएगी और दुहाई का शब्द पहाड़ों तक पहुँचेगा।

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यशायाह 22:5
22 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍होंने नबी यशायाह से कहा, ‘महाराज हिजकियाह यों कहते हैं : हमारे लिए आज का दिन संकट, दण्‍ड और अपमान का दिन है। बच्‍चे के जन्‍म का समय तो पूरा हुआ, किन्‍तु जच्‍चा में शक्‍ति नहीं रही कि वह उसको जन्‍म दे सके! ऐसी है हमारी दयनीय स्‍थिति।


अंगरक्षकों के नायक के साथ सेना थी। सेना ने यरूशलेम के चारों ओर की दीवारें तोड़ दीं।


हरकारे सम्राट की आज्ञा से शीघ्र ही आदेश-पत्र लेकर चले गए। राजाज्ञा की घोषणा शूशन नगर में भी की गई। तब सम्राट और हामान शराब पीने के लिए बैठे, पर शूशन नगर में घबराहट फैल गई।


मैंने तुझे एक भक्‍तिहीन राष्‍ट्र को दण्‍ड देने के लिए भेजा; मेरा क्रोध भड़कानेवाली जाति को लूटने, उसकी सम्‍पत्ति का अपहरण करने, गली की कीचड़ की तरह उसे रौंदने के लिए तुझे भेजा।’


‘दर्शन की घाटी’ के विरुद्ध नबूवत : तुम्‍हें क्‍या हुआ कि तुम सबके सब मकान की छतों पर चढ़ गए?


प्रभु का वरदहस्‍त इसी पर्वत पर रहेगा; वह सियोन पर्वत की रक्षा करेगा; किन्‍तु मोआबी कौम अपने देश में रौंद दी जाएगी, जैसे घास का तिनका गोबर के गड्ढे में रौंदा जाता है।


उन्‍होंने नबी यशायाह से यह कहा, “महाराज हिजकियाह यों कहते हैं: ‘हमारे लिए आज का दिन संकट, दण्‍ड और अपमान का दिन है। बच्‍चे के जन्‍म का समय तो पूरा हुआ, किन्‍तु जच्‍चा में शक्‍ति नहीं रही कि वह उसको जन्‍म दे सके।


अब मैं तुम्‍हें बताता हूं, मैं अपने अंगूर-उद्यान के साथ कैसा व्‍यवहार करूंगा : मैं उसकी बाड़ हटा दूंगा, और तब पशु उसको चर जाएंगे। मैं उसकी दीवारें ढाह दूंगा, और राहगीर उसको रौंदेंगे।


‘मैंने अकेले ही रस-कुण्‍ड में अंगूर रौंदे हैं, किसी भी कौम के लोग मेरे साथ नहीं थे। मैंने क्रोध में उनको रौंदा, मैंने प्रकोप में उन्‍हें कुचला। उनके रक्‍त के छींटे मेरे वस्‍त्रों पर आ पड़े, इससे मेरे कपड़ों पर धब्‍बे लग गए।


मैंने कौमों को अपने क्रोध में रौंद डाला, मैंने उन्‍हें अपने क्रोध की मदिरा पिलाई। मैंने उनका जीवन-रक्‍त पृथ्‍वी पर उण्‍डेल दिया!’


उफ! वह महा संकट का दिन है। उस के तुल्‍य और कोई दिन नहीं है। वह याकूब के लिए दु:ख का दिन है। फिर भी याकूब उससे बच जाएगा।


सियोन के बैरी अब अगुए बन गए; उसके शत्रु खुशहाल हैं। सियोन के अपार अपराधों के कारण प्रभु ने उसको दु:ख भोगने के लिए विवश किया है। सियोन के निवासी शत्रु के सम्‍मुख बन्‍दी बनाए गए, और वे निर्वासित हो गए।


स्‍वामी ने निर्दयतापूर्वक याकूब राष्‍ट्र की सब बस्‍तियों को नष्‍ट कर दिया; उसने अपने क्रोध से यहूदा की पुत्री के गढ़ों को ध्‍वस्‍त कर दिया। उसने राज्‍य और उसके शासकों को अपमानित कर धूल-धूसरित कर दिया।


प्रभु ने यह निश्‍चय किया था कि वह सियोन की पुत्री की शहरपनाह ढाह देगा; उसने साहुल से नापकर निशान लगाए; उसने विनाश करने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, और उसको नहीं रोका। उसने परकोटा और शहरपनाह को रुला दिया, दोनों एक-साथ जर्जर हो गए।


‘ओ इस्राएल देश के निवासियो! तुम्‍हारे विनाश का समय आ गया। तुम्‍हारे लिए विनाश-चक्र घूम चुका है। विनाश-दिवस समीप आ पहुंचा। वह पहाड़ों पर आनन्‍द-उल्‍लास के स्‍वर का नहीं, भगदड़ का दिन होगा।


इस्राएल के पाप-कर्मों के चिह्‍न, आवेन के पहाड़ी शिखर की वेदियां उजड़ जाएंगी। इस्राएली की वेदियों पर झाड़-झंखाड़ उगने लगेंगे। तब इस्राएली लोग पहाड़ों से कहेंगे : ‘हमें ढक लो!’ और पहाड़ियों से कहेंगे, ‘हम पर गिरो।’


उनकी अच्‍छाई का अर्थ है−कंटीली झाड़ी! उनकी ईमानदारी का मतलब है−कांटे! उनके प्रहरियों द्वारा सूचित दिन, उनके दण्‍ड का दिन समीप आ गया। अब आतंक उनके निकट है।


वह दिन प्रकोप का दिन है। वह संकट और दु:ख का दिन है। वह विध्‍वंस और विनाश का दिन है। वह अंधकार और तिमिर का दिन है। वह सघन मेघों और घोर अंधकार का दिन है।


तो, जो लोग यहूदा प्रदेश में हों वे पहाड़ों पर भाग जाएँ;


तब लोग पहाड़ों से कहेंगे, ‘हम पर गिर पड़ो’ और पहाड़ियों से ‘हमें ढक लो’;