यशायाह 11:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे समस्त पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दु:ख देंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे; क्योंकि मुझ-प्रभु के ज्ञान से पृथ्वी परिपूर्ण हो जाएगी, जैसे जल से समुद्र भरा रहता है। पवित्र बाइबल ये सब बातें दिखाती हैं कि वहाँ सब कहीं शांति होगी। कोई व्यक्ति किसी दूसरे को हानि नहीं पहुँचायेगा। मेरे पवित्र पर्वत के लोग वस्तुओं को नष्ट नहीं करना चाहेंगे। क्यों क्योंकि लोग यहोवा को सचमुच जान लेंगे। वे उसके ज्ञान से ऐसे परिपूर्ण होंगे जैसे सागर जल से परिपूर्ण होता है। Hindi Holy Bible मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है। सरल हिन्दी बाइबल मेरे पूरे पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दुःख देंगे और न किसी को नष्ट करेंगे, क्योंकि समस्त पृथ्वी याहवेह के ज्ञान से ऐसे भर जाएगी जैसे पानी से समुद्र भरा रहता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दुःख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है। |
एफ्रइम की ईष्र्या खत्म हो जाएगी; यहूदा में सतानेवाले समाप्त होंगे। एफ्रइम यहूदा से फिर नहीं जलेगा, और न यहूदा एफ्रइम को सताएगा।
दूध पीता शिशु करैत सांप के बिल पर खेलेगा, दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में अपना हाथ डालेगा।
प्रभु राष्ट्रों के मध्य न्याय करेगा; वह भिन्न-भिन्न कौमों को अपना निर्णय सुनायेगा। तब विश्व में शान्ति स्थापित होगी : राष्ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल बनायेंगे, वे अपने भालों को हंसियों में बदल देंगे। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा, वे युद्ध-विद्या फिर नहीं सीखेंगे।
उस दिन जब प्रभु अपने निज लोगों की चोटों की मरहम पट्टी करेगा। जब वह उनके घावों को स्वस्थ करेगा जो उसके प्रहार से हुए थे, तब चन्द्रमा का प्रकाश सूर्य के प्रकाश के सदृश हो जाएगा, और सूर्य का प्रकाश सात गुना तेज होगा, सप्ताह भर का सम्मिलित प्रकाश एक दिन में होगा!
ओ इस्राएल, तेरे युग में प्रभु स्थायित्व का आधार होगा; वह तुझे पूर्ण उद्धार, अपार बुद्धि और असीमित ज्ञान प्रदान करेगा। प्रभु का भय ही तेरा एकमात्र धन है!
वहां सिंह भी नहीं रहेगा, और न कोई खूंखार पशु उस पर चलेगा। ये पशु वहां नहीं पाए जाएंगे। केवल वे ही लोग उस मार्ग पर चलेंगे, जिनको प्रभु ने मुक्त किया है।
ताकि उदयाचल से अस्ताचल तक सभी लोग जान लें कि मेरे अतिरिक्त अन्य ईश्वर नहीं है। मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा प्रभु नहीं है।
वह कहता है, ‘यह साधारण-सी बात है कि याकूब के कुलों को पुन: स्थापित करने के लिए, इस्राएल के बचे हुए लोगों को वापस लाने के लिए तू मेरा सेवक बने; पर यह पर्याप्त नहीं है : मैं तुझे राष्ट्रों के लिए ज्योति बनाऊंगा, जिससे मेरा उद्धार पृथ्वी के सीमान्तों तक पहुँच सके।’
सब राष्ट्रों की आंखों के सामने युद्ध के लिए प्रभु ने अपनी पवित्र भुजा प्रकट की है। समस्त पृथ्वी के देश, एक कोने से दूसरे कोने तक, हमारे परमेश्वर के उद्धार का दर्शन करेंगे।
क्योंकि तुझे ‘बनानेवाला’ ही तेरा पति है; उसका नाम है − ‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु’। इस्राएल का पवित्र परमेश्वर तेरा मुक्तिदाता है। वह सम्पूर्ण पृथ्वी का परमेश्वर कहलाता है।
उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’
अत: पूर्व से पश्चिम तक लोग प्रभु के नाम से, उसके तेज से डरेंगे; क्योंकि वह उमड़ते हुए जल-प्रवाह के सदृश आएगा, जिसको प्रभु का आत्मा बहाएगा।
भेड़िया और मेमना एक-साथ चरेंगे सिंह बैल के समान भूसा खाएगा, सांप मिट्टी खाकर पेट भरेगा। वे मेरे पवित्र पर्वत पर किसी को हानि नहीं पहुँचाएंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
‘मैं उनके काम और उनके विचार जानता हूं। मैं सब राष्ट्रों और सब भाषाओं की कौमों को एकत्र करने के लिए आ रहा हूं। वे यरूशलेम में आएंगे और मेरे वैभव का दर्शन करेंगे।
प्रभु की यह वाणी है : ‘जैसे इस्राएली आराधक अन्नबलि को शुद्ध पात्र में रखकर प्रभु-गृह में लाते हैं, वैसे ही वे सभी राष्ट्रों में से तुम्हारे जाति-भाई-बन्धुओं को घोड़ों, रथों, पालकियों, खच्चरों और ऊंटनियों पर बैठा कर पवित्र पर्वत यरूशलेम में लाएंगे, और मुझे भेंट के रूप में अर्पित करेंगे।
इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘जब मैं यहूदा प्रदेश के निवासियों की समृद्धि लौटा दूंगा, तब वे पुन: अपने नगरों में, यहूदा प्रदेश में यह कह कर सियोन की प्रशंसा करेंगे : “ओ पवित्र सियोन पर्वत, धर्म से परिपूर्ण नगर यरूशलेम! प्रभु तुझ पर आशिष की वर्षा करता रहे।”
तब किसी भी व्यक्ति को अपने पड़ोसी अथवा भाई-बन्धु को यह सिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कि “प्रभु को जानो,” क्योंकि छोटे-बड़े सब लोग स्वयं मुझे जानेंगे। मैं उनके अधर्म को क्षमा कर दूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण नहीं करूंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
‘मैं अपनी भेड़ों के साथ शान्ति का विधान स्थापित करूंगा। मैं उनके देश से जंगली पशुओं को निकाल दूंगा। तब वे निर्जन प्रदेश में निश्चिन्त होकर निवास करेंगी, और जंगल में सोएंगी।
उसने फिर पांच सौ मीटर नापा, और मुझे पानी में चलाया। किन्तु मैं उसमें चल न सका; क्योंकि वह एक नदी थी, और उसका पानी बढ़ गया था। वह इतना गहरा था कि उसको केवल तैर कर पार किया जा सकता था। नदी इतनी गहरी थी कि उसको कोई पैदल चलकर पार नहीं कर सकता था।
वह समुद्र और तेजोमय पवित्र पर्वत के मध्य अपने राजसी तम्बू गाड़ेगा। तो भी उसका अन्त होगा ही। उसको बचाने वाला कोई न होगा।
दानिएल, तू इस ग्रन्थ पर मुहर लगा, और युगांत तक के लिए इन बातों को सुरक्षित रख। अनेक लोग पूछताछ के लिए यहाँ-वहाँ भाग-दौड़ करेंगे, और अपने ज्ञान की वृद्धि करेंगे।”
तब मैं उस दिन इस्राएली राष्ट्र की ओर से वन-पशुओं, आकाश के पक्षियों और भूमि पर रेंगनेवाले जीव-जंतुओं से सन्धि स्थापित करूंगा। मैं पृथ्वी पर से युद्ध के शस्त्र, तलवार और धनुष − तोड़ दूंगा। मैं तुझे सुख-चैन की नींद प्रदान करूंगा।
‘तब तुम्हें अनुभव होगा, कि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं, और मैं अपने पवित्र पर्वत सियोन पर निवास करता हूं। यरूशलेम पवित्र नगर बनेगा, और उसके मार्ग से विदेशी कभी नहीं जा सकेंगे।
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
आप इस बात का ध्यान रखें कि बुराई के बदले कोई भी किसी के साथ बुराई नहीं करे। आप सदैव एक दूसरे की और सब मनुष्यों की भी भलाई करने का प्रयत्न करें।
लेकिन उस में न तो कोई अपवित्र वस्तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। वे ही प्रवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्थ में अंकित हैं।