इस्राएल का परमेश्वर बोला, “इस्राएल की चट्टान” ने मुझसे यह कहा : “मनुष्यों पर न्यायपूर्वक राज्य करने वाला, परमेश्वर की भक्ति करते हुए शासन करने वाला शासक
यशायाह 11:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, सम्मत्ति और सामर्थ्य की आत्मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। पवित्र बाइबल उस पुत्र में यहोवा की आत्मा होगी। वह आत्मा विवेक, समझबूझ, मार्ग दर्शन और शक्ति की आत्मा होगी। वह आत्मा इस पुत्र को यहोवा को समझने और उसका आदर करने में सहायता देगी। Hindi Holy Bible और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा का आत्मा, बुद्धि और समझ का आत्मा, युक्ति और पराक्रम का आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय का आत्मा उस पर ठहरा रहेगा। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह का आत्मा, बुद्धि और समझ का आत्मा, युक्ति और सामर्थ्य का आत्मा, ज्ञान और समझ की आत्मा— इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। (इफि. 1:17, यशा. 42:1, यूह. 14:17) |
इस्राएल का परमेश्वर बोला, “इस्राएल की चट्टान” ने मुझसे यह कहा : “मनुष्यों पर न्यायपूर्वक राज्य करने वाला, परमेश्वर की भक्ति करते हुए शासन करने वाला शासक
कि वह तेरी प्रजा का धार्मिकता से शासन करे, तेरे पीड़ित लोगों का निष्पक्षता से न्याय करे।
तू उन सब बुद्धियुक्त कारीगरों से, जिनको मैं बुद्धि की आत्मा से परिपूर्ण करूँगा, कहना कि वे हारून के लिए पोशाक बनाएं कि वह पवित्र होकर मेरे लिए पुरोहित का कार्य करे।
जो न्याय-सिंहासन पर बैठकर न्याय करेगा, उसके लिए प्रभु न्याय की आत्मा होगा; वह उन सैनिको के लिए शक्ति की आत्मा होगा, जो नगर के प्रवेश-द्वार पर युद्ध में आक्रमणकारियों को पीछे ढकेलते हैं।
जब ऊपर से हम पर आत्मा उंडेला जाएगा तब यह निर्जन प्रदेश उपजाऊ भूमि में बदल जाएगा, और उपजाऊ भूमि ही वन मानी जाएगी।
यह है मेरा सेवक! इसको मैं सम्भाले हुए हूं। यह मेरा मनोनीत है! इससे मैं प्रसन्न हूं। मैंने इसको अपना आत्मा प्रदान किया है, जिससे वह राष्ट्रों में न्याय की स्थापना करे।
समीप आओ, मेरी यह बात सुनो। आरम्भ से ही मैंने तुमसे गुप्त रूप में कोई बात नहीं कही। सृष्टि के रचना-काल से मैं वहाँ हूं।’ − अब स्वामी प्रभु ने मुझे अपने आत्मा के साथ भेजा है।
प्रभु कहता है, ‘जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मैंने तेरे साथ यह विधान स्थापित किया है : मेरा आत्मा, जो तुझ पर है, तथा मेरे वचन, जो मैंने तेरे मुंह में प्रतिष्ठित किए हैं, वे तेरे मुंह से, तेरी सन्तान के मुंह से तथा आनेवाली पीढ़ी से पीढ़ी के मुंह से आज से युग-युगान्त तक कभी अलग न होंगे’ − प्रभु की यही वाणी है।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्तिमान ईश्वर’, ‘शाश्वत पिता’, ‘शान्ति का शासक’।
तब दूत ने मुझे बताया, ‘जरूब्बाबेल के लिए प्रभु का यह सन्देश है: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: बल से नहीं, शक्ति से नहीं, वरन् मेरे आत्मा के द्वारा।
बपतिस्मा लेने के बाद येशु तुरन्त जल से बाहर निकले। उसी समय उनके लिए स्वर्ग खुल गया और उन्होंने परमेश्वर के आत्मा को कपोत के सदृश उतरते और अपने ऊपर आते हुए देखा।
वह सत्य का आत्मा है, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता है और न जानता है। तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और तुम में रहेगा।
“परन्तु जब सहायक आएगा, जिसे मैं पिता के यहाँ से तुम्हारे पास भेजूँगा, अर्थात् सत्य का आत्मा, जो पिता से निकलता है, तब वह मेरे विषय में साक्षी देगा।
जब वह, अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तब वह सम्पूर्ण सत्य में तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्हें आने वाली बातों के विषय में बताएगा।
जिसे परमेश्वर ने भेजा है, वह परमेश्वर के ही शब्द बोलता है; क्योंकि परमेश्वर नाप-तौल कर पवित्र आत्मा प्रदान नहीं करता।
परमेश्वर ने उन्हीं येशु को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषिक्त किया था और वह चारों ओर घूम-घूम कर भलाई करते रहे और शैतान के वश में आये हुए लोगों को स्वस्थ करते रहे, क्योंकि परमेश्वर उनके साथ था।
उसी परमेश्वर के वरदान से आप लोग येशु मसीह के अंग बन गये हैं। परमेश्वर ने मसीह को हमारा ज्ञान, धार्मिकता, पवित्रता और पापमुक्ति बना दिया है।
मूसा ने अपनी मृत्यु के पूर्व यहोशुअ बेन-नून के सिर पर हाथ रखा था, इसलिए वह बुद्धि की आत्मा से परिपूर्ण था। इस्राएली समाज ने उसके आदेशों को सुना, और जो आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार कार्य किया।
परमेश्वर ने हमें कायरता का नहीं, बल्कि सामर्थ्य, प्रेम तथा आत्मसंयम का आत्मा प्रदान किया है।
आसिया की सात कलीसियाओं को योहन का सन्देश। जो है, जो था और जो आनेवाला है, उसकी ओर से, उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहनेवाली सात आत्माओं