‘यदि मैंने किसी गरीब की इच्छा पूरी नहीं की, यदि मैंने किसी विधवा की आशापूर्ण आंखों को निराश किया,
यशायाह 10:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम इन अन्यायपूर्ण नियमों से गरीब को न्याय से वंचित करते हो; मेरी प्रजा के कमजोर वर्ग का हक मारते हो; तुम विधवाओं को लूटते हो; अनाथों को अपना शिकार बनाते हो। पवित्र बाइबल वे नियम बनाने वाले गरीब लोगों के प्रति सच्चे नहीं हैं। वे गरीबों के अधिकार छीनते हैं। वे लोगों को विधवाओं और अनाथों के यहाँ चोरी करने की अनुमति देते हैं। Hindi Holy Bible कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक मारें, कि वे विधवाओं को लूटें और अनाथों का माल अपना लें! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक मारें, कि वे विधवाओं को लूटें और अनाथों का माल अपना लें! सरल हिन्दी बाइबल कि वे कंगालों को न्याय से दूर कर दें और गरीबों के अधिकारों को छीन लें, जिससे वे विधवाओं को लूट सकें और अनाथों को अपना शिकार बना सकें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि वे कंगालों का न्याय बिगाड़ें और मेरी प्रजा के दीन लोगों का हक मारें, कि वे विधवाओं को लूटें और अनाथों का माल अपना लें! |
‘यदि मैंने किसी गरीब की इच्छा पूरी नहीं की, यदि मैंने किसी विधवा की आशापूर्ण आंखों को निराश किया,
संसार में कुछ लोग हैं, जिनके दांत मानो तलवार हैं, छूरी जैसे तेज हैं; वे पृथ्वी की सतह से गरीबों को, समाज में दीन-दरिद्रों को फाड़ खाते हैं।”
पर भलाई करना सीखो। न्याय के लिए प्रयत्न करो; अत्याचारी को सुधारो; अनाथ को न्याय दिलाओ, और विधवाओं का पक्ष लो।’
तेरे शासक कानून के विरोधी हैं, वे चोरों के साथी हैं। वे-सब रिश्वत के लोभी हैं। वे उपहारों के पीछे दौड़ते हैं। वे अनाथों का न्याय नहीं करते, और न विधवाओं का मुकदमा उन तक पहुंच ही पाता है।
जो मनुष्यों को शब्दों में फंसाते हैं, जो अदालत में न्याय करनेवाले के लिए जाल रचते हैं, और जो झूठे तर्कों के द्वारा सच्चे मनुष्य को परास्त करते हैं, वे सब मिट जाएंगे।
प्रभु ने अपने निज लोगों के धर्मवृद्धों और शासकों से बहस आरम्भ की : ‘तुमने ही अंगूर-उद्यान उजाड़ा है, तुमने ही गरीब को लूटा है और उसका माल अपने घर में रखा है।
तुम किस उद्देश्य से लोगों को रौंदते हो, गरीबों को पीसते हो?’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी की यह वाणी है।
क्योंकि मूर्ख मूर्खता की बातें करता है, उसका हृदय दुष्कर्म की योजना रचता है। उसका हर कार्य धर्महीन होता है, वह प्रभु के विषय में कुतर्क करता है। वह भूखे को भूखा ही रहने देता है। वह प्यासे की प्यास नहीं बुझाता है।
तुम घूस लेकर अपराधी को छोड़ देते हो, और निर्दोष को उसके न्यायोचित अधिकार से वंचित कर देते हो।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!
हमारे जीवन में सत्य का अभाव है; जो बुराई से दूर रहता है, वही ठगा जाता है। प्रभु ने यह देखा, वह अप्रसन्न हुआ कि न्याय का अस्तित्व नहीं रहा।
यदि तुम विदेशियों, अनाथों और विधवाओं पर अत्याचार नहीं करोगे, इस स्थान पर निर्दोष मनुष्य की हत्या नहीं करोगे; यदि तुम अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करोगे जिससे तुम्हारा अनिष्ट होता है;
तेरे निवासी अपने माता-पिता का आदर नहीं करते। तुझ में अस्थायी रूप से प्रवास करनेवाले विदेशियों पर अत्याचार होता है। अनाथ बच्चों और विधवाओं को न्याय नहीं मिलता है।
प्रभु यों कहता है : मैं इस्राएल प्रदेश के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। इस्राएल प्रदेश के निवासी चांदी के सिक्कों में निरपराध व्यक्ति को, केवल एक जोड़ी जूती के बदले गरीब को बेच देते हैं!
वे जमीन की धूल पर निर्धन का सिर रौंदते हैं; वे सीधे-सादे व्यक्ति को उसके मार्ग से फेर देते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही कन्या से सम्भोग करते हैं। यों उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया है।
इस दिन से बचना असंभव है! वह यों आएगा : जैसे सिंह के सम्मुख से कोई चरवाहा भागे, तो उसके सामने रीछ आ जाए! अथवा जब वह झोंपड़ी में प्रवेश करे, और दीवार पर अपने हाथ टेके तो सांप उसको डस ले!
‘मेरी बात सुनो: ओ याकूब-वंशियों के अगुओ, ओ इस्राएल-वंशियों के शासको, क्या तुम्हें न्याय के सिद्धान्त नहीं जानना चाहिए?
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।