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यशायाह 3:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 प्रभु ने अपने निज लोगों के धर्मवृद्धों और शासकों से बहस आरम्‍भ की : ‘तुमने ही अंगूर-उद्यान उजाड़ा है, तुमने ही गरीब को लूटा है और उसका माल अपने घर में रखा है।

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पवित्र बाइबल

14 बुजुर्गों और अगुवाओं ने जो काम किये हैं यहोवा उनके विरुद्ध अभियोग चलाएगा। यहोवा कहता है, “तुम लोगों ने अँगूर के बागों को (यहूदा को) जला डाला है। तुमने गरीब लोगों की वस्तुएँ ले लीं और वे वस्तुएँ अभी भी तुम्हारे घरों में हैं।

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Hindi Holy Bible

14 यहोवा अपनी प्रजा के वृद्ध और हाकिमों के साथ यह विवाद करता है, तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है, और दीन लोगों का धन लूटकर तुम ने अपने घरों में रखा है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 यहोवा अपनी प्रजा के वृद्ध और हाकिमों के साथ यह विवाद करता है : “तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है, और दीन लोगों का धन लूटकर तुम ने अपने घरों में रखा है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

14 याहवेह न्याय के लिए शासन करनेवालों तथा बूढ़ों के साथ मिल गए हैं: “तुम ही ने खेत से अंगूर खा लिये; और गरीबों से लूटा गया सामान अपने घर में रखा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 यहोवा अपनी प्रजा के वृद्ध और हाकिमों के साथ यह विवाद करता है, “तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है, और दीन लोगों का धन लूटकर तुम ने अपने घरों में रखा है।”

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यशायाह 3:14
34 क्रॉस रेफरेंस  

क्‍या वह तुम्‍हें इसलिए ताड़ित करता है, और तुमसे मुकदमा लड़ता है कि तुम उसकी भक्‍ति करते हो?


दीन-हीन और गरीब की हत्‍या करने के लिए हत्‍यारा अन्‍धेरे में उठता है; वह रात में चोर बन जाता है।


‘कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पितृहीन बालक को मां की छाती से छीन लेते हैं; वे गरीब कर्जदार के बच्‍चे को अपने पास बन्‍धक में रखते हैं।


उसने मनुष्‍य के न्‍याय के लिए कोई नियत समय नहीं ठहराया है कि मनुष्‍य परमेश्‍वर के सम्‍मुख कब प्रस्‍तुत हो।


वह एकांत में घात लगाकर बैठता है, जैसे सिंह झाड़ी में। वह घात में बैठता है कि पीड़ित को दबोचे। जब वह पीड़ित को जाल में फंसा लेता है, तब उसे दबोचता है।


क्‍या कुकर्मी नहीं समझते, मेरे लोगों का खून चूसने वाले कुकर्मी, क्‍या वे सब बिलकुल नासमझ हैं? वे मुझ-प्रभु की आराधना नहीं करते।


हे प्रभु, अपने सेवक के साथ न्‍याय में प्रवेश न कर; क्‍योंकि एक भी प्राणी तेरी दृष्‍टि में धार्मिक नहीं है।


संसार में कुछ लोग हैं, जिनके दांत मानो तलवार हैं, छूरी जैसे तेज हैं; वे पृथ्‍वी की सतह से गरीबों को, समाज में दीन-दरिद्रों को फाड़ खाते हैं।”


धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम अन्‍यायपूर्ण संविधियाँ बनाते हो! ओ कानून रचनेवालो, तुम दमनपूर्ण नियमों की रचना करते हो।


तुम इन अन्‍यायपूर्ण नियमों से गरीब को न्‍याय से वंचित करते हो; मेरी प्रजा के कमजोर वर्ग का हक मारते हो; तुम विधवाओं को लूटते हो; अनाथों को अपना शिकार बनाते हो।


वरन् वह गरीबों का न्‍याय धार्मिकता से करेगा, वह पृथ्‍वी के दीन-दलितों का निर्णय निष्‍पक्षता से करेगा। वह अपने शब्‍द-रूपी डंडे से अत्‍याचारियों पर प्रहार करेगा; वह मुंह की फूंक से दुष्‍टों का नाश करेगा।


तब गरीबों के ज्‍येष्‍ठ पुत्रों का पालन पोषण होगा; दरिद्र भी निश्‍चिन्‍त निवास करेंगे। पर, ओ पलिश्‍ती राज्‍य-संघ! तेरे वंश को वह अकाल से मार डालेगा, और जो शेष बच जाएंगे, उनका भी वध करेगा।


अब लोगों के पांव उसको रौंदते हैं; गरीबों के पैर, दरिद्रों के पग उसको कुचलते हैं।


पीड़ित व्यक्‍ति प्रभु में अधिकाधिक आनन्‍दित होंगे, समाज का सर्वाधिक दरिद्र मनुष्‍य इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर में हर्षित होगा;


अत: इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर यों कहता है: “तुमने मेरे संदेश को तुच्‍छ समझा; तुम अत्‍याचार और कुटिलता पर भरोसा करते हो, तुम अत्‍याचार और कुटिलता का सहारा लेते हो;


स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का यह अंगूर-उद्यान इस्राएल वंश है। यहूदा प्रदेश के निवासी प्रभु के सुन्‍दर पौधे हैं। प्रभु ने उनसे न्‍याय की आशा की, पर उसे देखने को मिला: रक्‍त पात। प्रभु ने उनसे धार्मिकता की आशा की, पर उसे सुनने को मिला: गरीबों का करुण- क्रंदन!


देखो, तुम केवल लड़ाई-झगड़ा करने के लिए, दुष्‍टता से घूसा मारने के लिए उपवास करते हो। तुम्‍हारे आजकल के उपवास से तुम्‍हारी प्रार्थना स्‍वर्ग में नहीं सुनाई देगी!


अन्‍य देश के राजाओं ने, अनेक चरवाहों ने मेरे अंगूर-उद्यान को उजाड़ दिया, मेरे “निज भाग” को रौंद डाला। उन्‍होंने मेरे सुन्‍दर उद्यान को वीरान निर्जन प्रदेश बना दिया।


जैसे पिंजरा चिड़ियों से भरा रहता है वैसे ही उनका घर लूट से भरा है। वे अपने छल-कपट से धनवान बन गए हैं, और समाज में बड़े लोग कहलाते हैं।


वह दीन-दरिद्रों पर अत्‍याचार करता है। वह चोरी करता है। वह कर्जदार की गिरवी की वस्‍तु को हड़प जाता है। वह सहायता के लिए देव-मूर्तियों की ओर आंखें उठाता है और घृणित मूर्ति-पूजा करता है।


वहां से निकाल कर मैं तुम्‍हें “राष्‍ट्रों के निर्जन प्रदेश” में लाऊंगा, और वहां मैं आमने-सामने तुम्‍हारा न्‍याय करूंगा।


जैसे मैंने “मिस्र के निर्जन प्रदेश” में तुम्‍हारे पूर्वजों का न्‍याय किया था, और उन्‍हें दण्‍ड दिया था वैसे ही मैं तुम पर मुकदमा चलाऊंगा, और तुम्‍हें दण्‍ड दूंगा।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


यदि तुम अपने किसी देश-भाई अथवा बहिन को कुछ बेचोगे अथवा उसके हाथ से कुछ खरीदोगे, तो एक दूसरे पर अन्‍धेर मत करना।


तुम एक दूसरे पर अन्‍धेर मत करना; वरन् अपने परमेश्‍वर से डरना; क्‍योंकि मैं प्रभु, तुम्‍हारा परमेश्‍वर हूँ।


वे जमीन की धूल पर निर्धन का सिर रौंदते हैं; वे सीधे-सादे व्यक्‍ति को उसके मार्ग से फेर देते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही कन्‍या से सम्‍भोग करते हैं। यों उन्‍होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया है।


ओ सामरी राज्‍य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्‍देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’


धिक्‍कार है उनको, जो कुचक्र रचते हैं, जो रात में पलंग पर पड़े-पड़े दुष्‍कर्म सोचा करते हैं। वे सबेरा होने पर अपनी योजना को कार्यरूप में परिणत भी करते हैं, क्‍योंकि ऐसा करने की शक्‍ति उनके हाथ में है।


वे पराए खेतों का लालच करते हैं, और उन्‍हें हड़प लेते हैं; वे दूसरे के मकानों की लालसा करते हैं, और उन्‍हें हथिया लेते हैं। वे पड़ोसी और उसके परिवार पर अत्‍याचार करते हैं, वे अन्‍य व्यक्‍ति और उसकी पैतृक सम्‍पत्ति का शोषण करते हैं।


तुम मेरे निज लोगों का मांस खाते हो, तुम उनकी चमड़ी उधेड़ लेते हो। हांडी के गोश्‍त की तरह कड़ाह के मांस के समान तुम उनकी हड्डियों को चूर-चूर करते हो, उनकी बोटी-बोटी करते हो।’


क्‍या मैं दुष्‍कर्मी के घर में संचित दुष्‍कर्म के धन को, और उसकी घृणित छोटी माप को भुला सकता हूं?


“एक और दृष्‍टान्‍त सुनो : एक जमींदार था। उसने अंगूर का एक उद्यान लगाया और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा। उसने उसमें रस का कुण्‍ड खुदवाया और पक्‍का मचान बनवाया। तब उसे किसानों को पट्टे पर दे कर वह परदेश चला गया।


तब भी आपने दरिद्र का तिरस्‍कार किया है। क्‍या धनी आप लोगों का शोषण नहीं करते और आप को अदालतों में घसीट कर नहीं ले जाते?


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