यिज्रएल निवासी नाबोत के पास अंगूर का एक उद्यान था। यह उद्यान सामरी नगर के राजा अहाब के उस महल के समीप था, जो यिज्रएल नगर में था।
मीका 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे पराए खेतों का लालच करते हैं, और उन्हें हड़प लेते हैं; वे दूसरे के मकानों की लालसा करते हैं, और उन्हें हथिया लेते हैं। वे पड़ोसी और उसके परिवार पर अत्याचार करते हैं, वे अन्य व्यक्ति और उसकी पैतृक सम्पत्ति का शोषण करते हैं। पवित्र बाइबल उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं। Hindi Holy Bible वे खेतों का लालच कर के उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच कर के उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरूष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरूष पर अन्धेर और अत्याचार कहते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे खेतों का लालच करके उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच करके उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरुष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरुष पर अन्धेर और अत्याचार करते हैं। सरल हिन्दी बाइबल वे दूसरों के खेत का लोभ करके उसे हड़प भी लेते हैं, वे दूसरों के घर भी छीन लेते हैं. वे लोगों के घरों को छल करके ले लेते हैं, और उनके पुरखों की संपत्ति को लूट लेते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे खेतों का लालच करके उन्हें छीन लेते हैं, और घरों का लालच करके उन्हें भी ले लेते हैं; और उसके घराने समेत पुरुष पर, और उसके निज भाग समेत किसी पुरुष पर अंधेर और अत्याचार करते हैं। |
यिज्रएल निवासी नाबोत के पास अंगूर का एक उद्यान था। यह उद्यान सामरी नगर के राजा अहाब के उस महल के समीप था, जो यिज्रएल नगर में था।
“मैं-प्रभु यों कहता हूं : मैंने निश्चय ही नाबोत और उसके पुत्रों के रक्त पर दृष्टि की है। मैं इसी भूमि पर तुझ से इस हत्या का बदला लूंगा।” अत: अब तुम उसका शव उठाओ, और प्रभु के वचन के अनुसार उसको इस भूमि पर फेंक दो।’
‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्तु का लालच न करना।’
प्रभु ने अपने निज लोगों के धर्मवृद्धों और शासकों से बहस आरम्भ की : ‘तुमने ही अंगूर-उद्यान उजाड़ा है, तुमने ही गरीब को लूटा है और उसका माल अपने घर में रखा है।
धिक्कार है तुम्हें! तुम एक के बाद एक मकान बनाते जाते हो, खेत पर खेत जोड़ते जाते हो, कि अन्त में गरीबों के लिए एक गज जमीन भी नहीं बचती, और तुम सारी भूमि के अकेले मालिक बन बैठते हो!
किन्तु तेरी आंखें किस लिए हैं? तेरे पास हृदय है ... पर किस लिए? अन्याय से लाभ कमाने के लिए, निर्दोष की हत्या करने के लिए, जनता पर अत्याचार और दमन करने के लिए?’
वह दीन-दरिद्रों पर अत्याचार करता है। वह चोरी करता है। वह कर्जदार की गिरवी की वस्तु को हड़प जाता है। वह सहायता के लिए देव-मूर्तियों की ओर आंखें उठाता है और घृणित मूर्ति-पूजा करता है।
‘ओ यरूशलेम, तेरे निवासी, हत्या करने के लिए घूस लेते हैं। वे ब्याज पर धन देते हैं, और सूद खाते हैं। वे अपने पड़ोसियों का शोषण करते हैं। ‘ओ यरूशलेम, तूने मुझे भुला दिया है,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘अन्याय और शोषण से तूने जो धन कमाया है, तेरी चहारदीवारी के मध्य जो रक्तपात किया गया है, उसके कारण मेरी क्रोधाग्नि भड़क उठी है, और मैं तुझ पर हाथ उठाऊंगा।
तुम्हें मुझ पर नहीं, बल्कि अपनी तलवार पर भरोसा है। तुम पूजा-पाठ करते हो। अपने पड़ोसी की पत्नी की इज्जत लूटते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर अधिकार कर सकोगे?
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल के शासको, बहुत हुआ! अब शोषण और अत्याचार करना बन्द करो, और धर्म तथा न्याय से शासन करो। मेरे निज लोगों की भूमि लूटना बन्द करो।’ स्वामी-प्रभु की यह वाणी है।
इस्राएल देश का शासक किसी भी नागरिक की पैतृक भूमि से उसको वंचित नहीं करेगा, और यों उसकी पैतृक सम्पत्ति को नहीं हड़प लेगा। वह अपने पुत्रों को अपनी भूमि में से कुछ अंश देगा जिससे ऐसा न हो कि वह अथवा उसके पुत्र मेरे निज लोगों को उनकी पैतृक भूमि से वंचित कर दें।’
उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, तू यह देख रहा है न? मैं तुझसे पूछता हूँ, क्या यहूदा कुल के लिए यह हल्की बात है, कि यहां वे ये घृणित कार्य कर रहे हैं? उन्होंने सारे देश को हिंसात्मक कार्यों से भर दिया है तथा वे अपने इन्हीं घृणित कार्यों से मुझे क्रोध दिलाते हैं। वे मानो मुंह बना कर मुझे चिढ़ाते हैं।
वे जमीन की धूल पर निर्धन का सिर रौंदते हैं; वे सीधे-सादे व्यक्ति को उसके मार्ग से फेर देते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही कन्या से सम्भोग करते हैं। यों उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया है।
ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’
ओ याकूब वंश के अगुओ, ओ इस्राएल-वंशियों के शासको, यह सुनो! क्योंकि तुम न्याय से घृणा करते हो, तुम सरल को कुटिल बनाते हो,
ओ यहूदा कुल, तेरे धनवान लोगों में हिंसावृत्ति है, तेरे नागरिक झूठ बोलते हैं; उनकी बातें कपटपूर्ण होती हैं।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।
क्योंकि धन का लालच सभी बुराइयों की जड़ है। इसी लालच में पड़ कर कई लोग विश्वस के मार्ग से भटक गये और उन्होंने अपने ह्रदय को अनेक दु:खों से छलनी बना दिया है।