यह पत्थर जिसे मैंने स्तम्भ के रूप में खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन बनेगा। जो कुछ तू मुझे प्रदान करेगा, उसका दशमांश मैं तुझे अर्पित करूँगा।’
मलाकी 3:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मेरे भण्डार-गृह में पूर्ण दशमांश लाओ, जिससे मेरे भवन में भोजन-वस्तु रहे। तब मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम्हारे लिए वर्षा करता हूँ कि नहीं, मैं तुम पर आशिष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।’ पवित्र बाइबल सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, “इस परीक्षा की जांच करो। अपनी चीजों का दसवा भाग मुझको लाओ। उन चीज़ों को खजाने में रखो। मेरे घर भोजन लाओ। मुझे परख कर तो देखो। तुम यदि उन कामों को करोगे तो मैं, सच ही, तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। तुम्हारे पास अच्छी चीज़ें वैसे ही हो जाएंगी जैसे गगन से वर्षा होती हैं। तुम हर चीज़ आवश्यकता से अधिक पाओगे। Hindi Holy Bible सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं। सरल हिन्दी बाइबल सारा दशमांश भंडार घर में ले आओ, कि मेरे भवन में भोजन रहे. इस विषय में मुझे परखकर देखो,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “कि मैं किस प्रकार तुम्हारे लिए स्वर्ग के झरोखे खोलकर आशीषों की ऐसी बारिश करूंगा कि इसे रखने के लिए तुम्हारे पास पर्याप्त जगह न होगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं। |
यह पत्थर जिसे मैंने स्तम्भ के रूप में खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन बनेगा। जो कुछ तू मुझे प्रदान करेगा, उसका दशमांश मैं तुझे अर्पित करूँगा।’
जिस वर्ष नूह छ: सौ वर्ष का हुआ, उसके दूसरे महीने के सत्रहवें दिन अथाह महासागर के झरने फूट पड़े, आकाश के झरोखे खुल गए और
परन्तु सेना-नायक ने यह उत्तर दिया था, ‘यदि स्वयं प्रभु आकाश में झरोखे बनाए तो भी क्या यह बात सम्भव है?’ तब एलीशा ने यह कहा, ‘तुम स्वयं अपनी आंखों से यह देखोगे, पर तुम अन्न को नहीं खा सकोगे।’
सेना-नायक ने जिसके हाथ के सहारे राजा खड़ा था, परमेश्वर के जन से यह कहा, ‘यदि स्वयं प्रभु आकाश में झरोखे बनाए तो भी क्या यह सम्भव है?’ एलीशा ने सेना-नायक को उत्तर दिया, ‘तुम स्वयं अपनी आंखों से यह देखोगे; परन्तु तुम उस अन्न को खा नहीं सकोगे।’
इनके चचेरे भाई-बन्धु, जो लेवी कुल के और उप-पुरोहित थे, परमेश्वर के भवन के कोषों तथा भवन में चढ़ाई गई वस्तुओं के कोषागारों का दायित्व संभालते थे।
उसी दिन भण्डार-गृहों के संरक्षकों की नियुिक्त की गई। इन भण्डार-गृहों में मन्दिर में चढ़ाई गई भेंट, उपज का प्रथम फल और दशमांश रहता था। इनके अतिरिक्त पुरोहितों और उपपुरोहितों के नियत भाग भी रहते थे, जो नगर के खेतों से एकत्र किए जाते थे। यह धर्म-व्यवस्था के अनुसार निर्धारित कर दिया गया था। यहूदा प्रदेश की जनता परमेश्वर की सेवा करनेवाले पुरोहितों और उपपुरोहितों से प्रसन्न थी।
जरूब्बाबेल और नहेम्याह के दिनों में सब इस्राएली-आराधक गायकों और द्वारपालों को प्रतिदिन निश्चित अंश देते थे और भेंट में से उपपुरोहितों के लिए उनका अंश अलग कर देते थे, और फिर उपपुरोहित अपने इस अंश में से पुरोहितों के निर्धारित अंश को निकालकर अलग रख देते थे।
उसने तोबियाह के लिए एक बड़े कमरे का प्रबन्ध किया। इस कमरे में पहले अन्न-बलि का सामान, लोबान, मन्दिर के पात्र, उपपुरोहितों, गायकों और द्वारपालों के लिए नियत किया गया अन्न, अंगूर-रस और तेल का दशमांश तथा पुरोहितों की भेटें रखी जाती थीं।
यदि बादल जल से भरे हैं, तो वे स्वत: भूमि पर बरसेंगे। चाहे वृक्ष दक्षिण की ओर गिरे, चाहे वह उत्तर की ओर गिरे, वह जिस स्थान पर गिरा है, वह वहीं पड़ा रहेगा।
मैं उनको और अपनी पहाड़ी के आसपास के स्थानों को आशिष का कारण बनाऊंगा। मैं वर्षा के मौसम पर वर्षा करूंगा, और यह वर्षा आशिष की वर्षा होगी।
सब प्रकार की प्रथम उपज में से सर्वोत्तम उपज, मुझे चढ़ाई गई सब प्रकार की भेंटों पर पुरोहितों का हक होगा। तुम नए अन्न का पहिला गूंधा हुआ आटा भी पुरोहित को देना जिससे तुम्हारे घर पर आशिष की वर्षा हो।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया। उसने कहा, ‘देखो, मैं अन्न, अंगूर-रस और जैतून का तेल तुम्हें भेज रहा हूं। तुम उन्हें खा-पीकर तृप्त होंगे। मैं तुम्हें अन्य राष्ट्रों में और अधिक बदनाम न होने दूंगा।
‘भूमि की उपज का दशमांश, चाहे वह भूमि का बीज हो, अथवा वृक्ष का फल, मुझ-प्रभु का ही है। वह मुझ-प्रभु के लिए पवित्र है।
क्या बीज अब तक बखार में है? क्या अंगूर, अंजीर, अनार और जैतून के वृक्षों में फल नहीं लगे? आज के दिन से मैं तुम्हें आशिष देता रहूंगा।’
‘देखो, जो सेवा-कार्य लेवी के वंशज मिलन-शिविर में करते हैं, उनकी सेवा के बदले में मैंने उन्हें इस्राएल में समस्त भेंटों का दशमांश पैतृक-सम्पत्ति के लिए प्रदान किया है।
तुम सब से पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी।
वहीं तुम जाना और अपनी अग्नि-बलि और पशु-बलि, अपना दशमांश तथा भेंट जिसको तुम चढ़ाते हो, मन्नत-बलि, स्वेच्छा-बलि और गाय-बैल तथा भेड़-बकरी का पहलौठा बच्चा ले जाया करना।
तब लेवीय जन, क्योंकि तेरे साथ उसका कोई अंश अथवा पैतृक सम्पत्ति नहीं है, तथा प्रवासी, पितृहीन और विधवा, जो तेरे नगर के भीतर रहते हैं, आएंगे और उसको खाकर तृप्त होंगे। तेरे इस कार्य के करण तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे सब काम-धन्धों पर आशिष देगा।
समय पर तेरे खेतों पर वर्षा करने के लिए, तेरे सब काम-धन्धों पर आशिष देने के लिए प्रभु आकाश के अपने उत्तम भण्डार-गृहों को खोल देगा। तब तू अनेक राष्ट्रों को ऋण देगा, पर तू स्वयं ऋण नहीं लेगा।