मत्ती 5:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और यदि तुम्हारा दाहिना हाथ तुम्हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम्हारे अंगों में से एक नष्ट हो जाए, किन्तु तुम्हारा सारा शरीर नरक में न जाए। पवित्र बाइबल और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझ से पाप करवाये तो उसे काट कर फेंक दे। क्योंकि तेरे लिये यह अच्छा है कि तेरे शरीर का एक अंग नष्ट हो जाये बजाय इसके कि तेरा सम्पूर्ण शरीर ही नरक में चला जाये। Hindi Holy Bible और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उस को काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उस को काटकर फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नष्ट हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। नवीन हिंदी बाइबल यदि तेरा दाहिना हाथ तेरे लिए ठोकर का कारण बनता है, तो उसे काटकर अपने से दूर फेंक दे, क्योंकि तेरे लिए भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। सरल हिन्दी बाइबल यदि तुम्हारा दायां हाथ तुम्हें विनाश के गड्ढे में गिराने के लिए उत्तरदायी है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे सारे शरीर को नरक में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। |
परन्तु उसकी जड़ गहरी नहीं होती और वह थोड़े ही दिन स्थिर रहता है। वचन के कारण कष्ट या अत्याचार आ पड़ने पर वह तुरन्त विचलित हो जाता है।
इस पर येशु ने मुड़ कर, पतरस से कहा, “मेरे सामने से हट जाओ, शैतान! तुम मेरे रास्ते में बाधा बन रहे हो। तुम परमेश्वर की बातें नहीं, बल्कि मनुष्यों की बातें सोचते हो।”
फिर भी हम उन लोगों के लिए बुरा उदाहरण न बनें; इसलिए तुम झील के किनारे जा कर बंसी डालो। जो मछली पहले फँसेगी, उसे पकड़ लेना और उसका मुँह खोलना। उसमें तुम्हें चाँदी का एक सिक्का मिलेगा। उसे ले लेना और मेरे तथा अपने लिए उन को दे देना।”
“यदि तुम्हारा हाथ अथवा तुम्हारा पैर तुम्हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम लूले अथवा लंगड़े हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्तु दोनों हाथों अथवा दोनों पैरों के रहते अनन्त आग में न डाले जाओ।
तब राजा ने अपने सेवकों से कहा, ‘इसके हाथ-पैर बाँध कर इसे बाहर, अन्धकार में फेंक दो। वहाँ यह रोएगा और दाँत पीसता रहेगा।’
जिसे पाँच सिक्के मिले थे, उसने और पाँच सिक्के ला कर कहा, ‘स्वामी! आपने मुझे पाँच सिक्के सौंपे थे। देखिए, मैंने और पाँच सिक्के कमाए।’
उस समय येशु ने शिष्यों से कहा, “आज रात को मेरे विषय में तुम सब के विश्वास का पतन होगा; क्योंकि धर्मग्रन्थ में यह लिखा है : ‘मैं चरवाहे को मारूँगा और झुण्ड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी’,
परन्तु मैं तुम से कहता हूँ, जो कोई अपने भाई अथवा बहिन पर क्रोध करता है, वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जाएगा। यदि वह अपने भाई अथवा बहिन से अपशब्द कहे, तो वह धर्म-महासभा में दण्ड के योग्य ठहराया जाएगा और जो कोई अपने भाई अथवा बहिन से कहेगा, ‘अरे मूर्ख’, तो वह नरक की आग के योग्य ठहराया जाएगा।
“यदि तुम्हारी दाहिनी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम्हारे अंगों में से एक नष्ट हो जाए, किन्तु तुम्हारा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
“और यदि तुम्हारा हाथ तुम्हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट डालो। अच्छा यही है कि तुम लूले हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्तु दोनों हाथों के रहते नरक की न बुझने वाली आग में न डाले जाओ।
मैं तुम्हें बताता हूँ कि किस से डरना चाहिए। उस से डरो, जिसमें तुम्हें मारने के बाद नरक में डालने की शक्ति है। हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, उसी से डरो।
जो व्यक्ति इन छोटों में से किसी एक के लिए पाप का कारण बनता है, उस के लिए अच्छा यही होता कि उसके गले में चक्की का पाट बाँधा जाता और वह समुद्र में फेंक दिया जाता।
जैसे कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “देखो, मैं सियोन में ठोकर का पत्थर, लोगों को गिराने वाली शिला रख रहा हूँ। परन्तु जो उस पर विश्वास करता है, उसे लज्जित नहीं होना पड़ेगा।”
इसलिए यदि मेरा भोजन मेरे भाई अथवा बहिन के लिए पाप का कारण बनता है, तो मैं फिर कभी मांस नहीं खाऊंगा। कहीं ऐसा न हो कि मैं अपने भाई अथवा बहिन के लिए पाप का कारण बन जाऊं।
प्यारो! यदि मैं अब तक खतने का प्रचार करता होता, तो मुझ पर अब तक अत्याचार क्यों किया जा रहा है? यदि मैं ऐसा करता, तो क्रूस के कारण जो बाधा होती है, वह समाप्त हो जाती।
और यह भी लिखा है, “वह ऐसा पत्थर है जिससे लोगों को ठेस लगती है, ऐसी चट्टान है जिससे वे ठोकर खाते हैं।” वे वचन पर विश्वास करना नहीं चाहते, इसलिए वे ठोकर खा कर गिर जाते हैं। यही उनकी नियति है।