मत्ती 27:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब येशु के पकड़वाने वाले यूदस ने देखा कि उन्हें दण्डाज्ञा मिली है, तब उसे पश्चात्ताप हुआ और वह महापुरोहितों और धर्मवृद्धों के पास चाँदी के तीस सिक्के वापस ले आया, और बोला, पवित्र बाइबल यीशु को पकड़वाने वाले यहूदा ने जब देखा कि यीशु को दोषी ठहराया गया है, तो वह बहुत पछताया और उसने प्रमुख याजकों और बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं को चाँदी के वे तीस सिक्के लौटा दिये। Hindi Holy Bible जब उसके पकड़वाने वाले यहूदा ने देखा कि वह दोषी ठहराया गया है तो वह पछताया और वे तीस चान्दी के सिक्के महायाजकों और पुरनियों के पास फेर लाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उसके पकड़वानेवाले यहूदा ने देखा कि वह दोषी ठहराया गया है तो वह पछताया और वे तीस चाँदी के सिक्के प्रधान याजकों और पुरनियों के पास फेर लाया नवीन हिंदी बाइबल उसे पकड़वानेवाले यहूदा ने जब यह देखा कि यीशु दोषी ठहराया गया है, तो पछताया और चाँदी के उन तीस सिक्कों को मुख्य याजकों और धर्मवृद्धों को लौटाकर सरल हिन्दी बाइबल इसी समय, जब येशु पर दंड की आज्ञा सुनाई गई, यहूदाह, जिसने येशु के साथ धोखा किया था, दुःख और पश्चाताप से भर उठा. उसने प्रधान पुरोहितों और पुरनियों के पास जाकर चांदी के वे तीस सिक्के यह कहते हुए लौटा दिए, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब उसके पकड़वानेवाले यहूदा ने देखा कि वह दोषी ठहराया गया है तो वह पछताया और वे तीस चाँदी के सिक्के प्रधान याजकों और प्राचीनों के पास फेर लाया। |
यदि बैल किसी गुलाम को, चाहे वह स्त्री अथवा पुरुष हो, सींग से मार डालता है तो उसका मालिक चांदी के तीस सिक्के गुलाम के स्वामी को देगा तथा पत्थर मार कर बैल का वध किया जाएगा।
तब प्रभु ने मुझसे कहा, ‘तू ये सिक्के मन्दिर के कोष में डाल दे।’ वाह! उन्होंने मेरी मजदूरी का मूल्य कितना बढ़िया लगाया! मैंने चांदी के तीस सिक्के लिए और उन्हें प्रभु-मन्दिर के कोष में डाल दिया।
येशु अपने शिष्यों के साथ भोजन कर रहे थे। शैतान शिमोन इस्करियोती के पुत्र यूदस के मन में येशु को पकड़वाने का विचार उत्पन्न कर चुका था।
रोटी का टुकड़ा लेते ही यूदस में शैतान समा गया। तब येशु ने उससे कहा, “तुम्हें जो करना है, वह शीघ्र करो।”
इसलिए यूदस, सैन्यदल और महापुरोहितों तथा फरीसियों के भेजे हुए सिपहियों के साथ, वहाँ आ पहुँचा। वे लालटेनें, मशालें और हथियार लिये हुए थे।
“उसने अपने अधर्म की कमाई से एक खेत खरीदा। वह उस में मुँह के बल गिरा, उसका पेट फट गया और उसकी सारी अँतड़ियाँ बाहर निकल आयीं।
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।